राजस्थान के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने छात्रसंघ चुनाव को लेकर फिर दिया बयान, गहलोत ने सीएम भजनलाल से मांग करते हुए कहा- मुख्यमंत्री जी को बिना किसी दबाव में आए छात्रसंघ चुनाव करवाने का फैसला करना चाहिए, अशोक गहलोत ने कहा- UPA सरकार के दौरान यूपीए चेयरपर्सन श्रीमती सोनिया गांधी की पहल पर संसद में महिला आरक्षण विधेयक लाया गया एवं इसे राज्यसभा से पारित भी कर दिया गया परन्तु लोकसभा में यह पारित नहीं हो सका। मोदी सरकार ने महिला आरक्षण का बिल पास किया परन्तु इसे अगले परिसीमन से लागू करने की योजना बनाई है, मैंने यह महसूस किया है कि छात्रसंघ की राजनीति से स्वतंत्र पहचान वाली महिलाएं राजनीति में आगे आईं और अपना मुकाम बनाया है,सुश्री मीनाक्षी नटराजन, श्रीमती अल्का लांबा, स्व. सुषमा स्वराज, श्रीमती रेखा गुप्ता, श्रीमती बृन्दा करात आदि छात्र राजनीति से ही आगे आईं, गहलोत ने आगे कहा- छात्रसंघ चुनावों से पॉलिटिकल ट्रेनिंग होती है और उनके अंदर नेतृत्व क्षमता विकसित होती है। यदि छात्रसंघ चुनाव नहीं होंगे तो 33% आरक्षण के बावजूद नए लोग राजनीति में न आकर मुख्यतः राजनीतिक पारिवारिक पृष्ठभूमि की महिलाएं ही राजनीति में आएंगी, ऐसे में स्वतंत्र महिला नेतृत्व बनाने के लिए की जा रही महिला आरक्षण की पहल भी बेमानी साबित होंगी, राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा दावा करते हैं कि वे स्वयं ABVP में सक्रिय रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री जी को बिना किसी दबाव में आए छात्रसंघ चुनाव करवाने का फैसला करना चाहिए



























