शिवराज की मंत्रियों को दो टूक- आराम से न बैठें काम में जुटें, अब हर माह पेश करना होगा रिपोर्ट कार्ड

अब एक मिनट का समय भी व्यर्थ नहीं गंवाना है, सरकार बहुमत में आने के बाद जिम्मेदारी भी बढ़ी है, प्रिंटिंग प्रेस बन्द कर रहे हैं लेकिन किसी भी कर्मचारी को निकाला नहीं जाएगा, 1 से 8 तक के बच्चों की ड्रेस बनाने का काम केवल स्वयं सहायता समूहों को

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Politalks.News/MadhyaPradesh/Shivraj-Cabinet. प्रदेश में हाल ही में सम्पन्न हुए उपचुनाव के नतीजों के बाद गुरुवार को शिवराज कैबिनेट की पहली बैठक हुई. कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो टूक सन्देश दिया कि मंत्रियों को जनता के प्रति जवाबदेह होना होगा. सीएम शिवराज सिंह ने कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों के कामकाज को लेकर नई गाइडलाइन भी जारी की. मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि अब हर विभाग का रिपोर्ट कार्ड तैयार होगा. मंत्रियों को हर महीने अपने विभाग की प्रगति रिपोर्ट देनी होगी. वहीं अब प्रत्येक सोमवार को सभी मंत्री अपने-अपने विभाग की बैठक कर समीक्षा करेंगे. मंत्रियों से लेकर विभागों के कामकाज की जानकारी डैशबोर्ड पर जुटाई जाएगी.

मंत्रियों को आराम से नहीं बैठना बल्कि अब पूरी मुस्तैदी के साथ करना होगा काम

मध्‍य प्रदेश विधानसभा की 28 सीटों के उपचुनाव के नतीजों के बाद शिवराज कैबिनेट की पहली बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2023 का विजन मंत्रियों के सामने रख दिया. सीएम ने साफ कहा है कि मंत्रियों को अब पूरी मुस्तैदी के साथ काम करना होगा. शिवराज ने मंत्रियों को केंद्र की योजनाओं में अमल को लेकर प्रदेश को एक नंबर बनाने की दिशा में काम करने को कहा है. इसके अलावा उन्‍होंने साफ कर दिया है कि अब हर विभाग की रेटिंग तय होगी और मंत्रियों के कामकाज के आधार पर उनका भी आकलन होगा.

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बैठक के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिए हैं कि मंत्री आराम से न बैठें. अब एक मिनट का समय भी व्यर्थ नहीं गंवाना है. सरकार बहुमत में आने के बाद जिम्मेदारी भी बढ़ी है. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सरकारी स्कूलों के कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों की ड्रेस बनाने का काम केवल स्वयं सहायता समूहों को ही दिया जाएगा.

प्रिटिंग प्रेस होंगी बंद, लेकिन कर्मचारियों को नहीं निकाला जाएगा

कैबिनेट की बैठक में इंदौर, ग्वालियर और रीवा की सरकारी प्रेस बंद करने का निर्णय लिया गया. इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि प्रिंटिंग प्रेस बन्द कर रहे हैं लेकिन किसी भी कर्मचारी को निकाला नहीं जाएगा. इस दौरान राजस्व विभाग ने बताया कि इन तीनों प्रेस में 1286 कर्मचारी हैं, इसमें से 67 कर्मचारियों को दूसरे विभागों में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किया जाएगा. इसी तरह 495 पद कर्मचारियों के रिटायर होने के बाद सरेंडर हो जाएंगे. इसके अलावा, 185 कर्मचारियों को भोपाल की प्रेस में पदस्थ किया जाएगा.

नर्सिंग मान्यता नियमों में संशोधन

बैठक के दौरान गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने नर्सिंग मान्यता नियमों में संशोधन के बारे में बताया कि नर्सिंग के नाम पर जो धोखा दे रहे थे और दुकानें खोल कर बैठे थे, अब उन पर शिकंजा कसा जाएगा. अब ऐसी संस्था हर साल पाठयक्रम अन्य जिलों या राज्य में पढ़ना नहीं बता सकेंगे. पेरेंट हाॅस्पिटल एक स्कूल के लिए होगा. नई संस्था के संचालक के लिए स्वयं का हाॅस्पिटल अनिवार्य होगा. इसके लिए सरकार को प्रमाण पत्र भी देना होगा.

शिवराज कैबिनेट की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण फैसले-

  • फर्जी नर्सिंग कॉलेजों का संचालन नहीं होगा.
  • नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता को लेकर सरकार ने नए नियम बनाए.
  • जो नर्सिंग कॉलेज के नाम पर धोखा दे रहे थे और दुकानें खोले हुए थे उनको कसने की व्यवस्था की गई. जैसे अब तक संस्थाएं अपनी ट्रेनिंग एक साल कहीं और दूसरी साल कहीं बता देती थीं अब ये नहीं होगा. पैरेंट अस्पताल अब एक ही स्कूल के लिए होगा चार-पांच के लिए नहीं.
  • नवीन संस्था के लिए अस्पताल की संबद्धता होगी जरूरी.
  • नर्सिंग संस्थाएं अब अलग-अलग अस्पतालों से संबद्धता नहीं दिखा पाएंगे.
  • जबलपुर मेडिकल कॉलेज के लिए प्रशासकीय राशि को मंजूरी.
  • स्कूल आफ एक्सीलेंस जबलपुर के लिए 20 पदों को मंजूरी.
  • गृह विभाग में भी नए पदों को दी गई मंजूरी.
  • पशुपालन विभाग का नाम बदलकर पशुपालन एवं डेयरी विकास किया गया.
  • सरकारी स्कूल के गणवेश देने को भी मंजूरी.
  • स्व सहायता समूह के जरिए गणवेश का होगा वितरण.
  • ग्वालियर इंदौर रीवा की सरकारी प्रेस होगी बंद. कर्मचारियों का समायोजन होगा और किसी कर्मचारी को हटाया नहीं जाएगा.
  • पावर ट्रांसमिशन कंपनी को 800 करोड़ का ऋण लेने को मंजूरी.
  • सीहोर जिले में सिंचाई परियोजना को भी दी गई मंजूरी.
  • स्व-सहायता समूहों द्वारा कक्षा एक से 8 तक के बच्चों के लिए स्टेंडर्ड साइज यूनिफॉर्म उपलब्ध करवाने का फैसला लिया गया
  • पशुपालन विभाग का नाम आज बदलकर पशुपालन एवं डेयरी विभाग किए जाने का निर्णय लिया गया.

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