PoliTalks.news/MP. इन दिनों मध्य प्रदेश में पैदा हुए बासमती चावल को जीआई टैगिंग ( Geographical Indication for Goods) दिए जाने का मसला चर्चा में है. दरअसल, भारत में हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर-प्रदेश और जम्मू और कश्मीर के कुछ क्षेत्र में पैदा होने वाली बासमती की ही जीआई टैगिंग की जाती है. वहीं बासमती की जीआई टैगिंग करवाने के मध्य प्रदेश के दावे का कड़ा विरोध किया जा रहा है. ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर एसोसिएशन (AIREA) इसके विरोध में है.
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी इसके खिलाफ आवाज उठाई है. जबसे कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इसके खिलाफ आवाज उठाई है तबसे पंजाब और एमपी के मुख्यमंत्री आमने सामने आ गए है. इसी लड़ाई में पूर्व सीएम कमलनाथ ने जीआई टैग का समर्थन करते हुए क्रेडिट लेने में आगे आए हैं.
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि मप्र को जीआई टैग देना, एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन होगा.
कैप्टन का कहना है कि, मध्य प्रदेश, बासमती का उत्पादन करने वाले इस इस विशेष क्षेत्र में नहीं आता, इसीलिए इसे पहले ही बासमती की जीआई टैगिंग के लिए शामिल नहीं किया गया था. मध्य प्रदेश को जीआई टैगिंग में शामिल करना न सिर्फ जीआई टैगिंग एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन होगा, बल्कि यह जीआई टैगिंग के उद्देश्य को ही बर्बाद कर देगा..
यह भी पढ़ें: उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार रहे मनोज सिन्हा बने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल
वहीं इस मामले को लेकर पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर उन्होंने इस पर रोक लगाने की मांग की है. अमरिंदर सिंह का कहना है कि जीआई टैगिंग से कृषि उत्पादों को उनकी भौगोलिक पहचान दी जाती है. भारत से हर साल 33 हजार करोड़ की बासमती चावल का निर्यात होता है. अगर जीआई टैगिंग व्यवस्था से छेड़छाड़ हुई तो इससे भारतीय बासमती के बाजार को नुकसान हो सकता है और इसका सीधा-सीधा फायदा पाकिस्तान को मिल सकता है.
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा लिखे गए पत्र की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने निन्दा की है. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में 25 सालों से बासमती चावल का उत्पादन हो रहा है. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ राइस रिसर्च हैदराबाद की रिपोर्ट में भी इसका उल्लेख है. सीएम शिवराज ने कहा कि मैं पंजाब की कांग्रेस सरकार द्वारा लिखे पत्र को राजनीति से प्रेरित मानता हूं.
मैं पंजाब के मुख्यमंत्री श्री @capt_amarinder से यह पूछना चाहता हूँ कि आखिर उनकी मध्यप्रदेश के किसान बन्धुओं से क्या दुश्मनी है?
यह मध्यप्रदेश या पंजाब का मामला नहीं, पूरे देश के किसान और उनकी आजीविका का विषय है। https://t.co/ZAuby9AEI8
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 6, 2020
सीएम शिवराज ने अपने ट्वीट में कैप्टन अमरिंदर से पूछा है कि आखिर उनकी मध्यप्रदेश के किसान बन्धुओं से क्या दुश्मनी है? यह मध्यप्रदेश या पंजाब का मामला नहीं, पूरे देश के किसान और उनकी आजीविका का विषय है. मध्यप्रदेश को मिलने वाले GI टैगिंग से अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भारत के बासमती चावल की कीमतों को स्टेबिलिटी मिलेगी और देश के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा.’ मध्यप्रदेश के 13 ज़िलों में वर्ष 1908 से बासमती चावल का उत्पादन हो रहा है. इसका लिखित इतिहास भी है.
मध्यप्रदेश को मिलने वाले GI टैगिंग से अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भारत के बासमती चावल की कीमतों को स्टेबिलिटी मिलेगी और देश के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा!
मध्यप्रदेश के 13 ज़िलों में वर्ष 1908 से बासमती चावल का उत्पादन हो रहा है, इसका लिखित इतिहास भी है। https://t.co/ZAuby9AEI8
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 6, 2020
मुख्यमंत्री शिवराज ने लगातार 4 ट्वीट करते हुए कहा कि मैं मध्यप्रदेश के अपने बासमती उत्पादन करने वाले किसानों की लड़ाई लड़ रहा हूं. उनके पसीने की पूरी कीमत उन्हें दिलाकर ही चैन की सांस लूंगा. GI टैगिंग के संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर अवगत करा दिया है. मुझे विश्वास है कि प्रदेश के किसानों को न्याय अवश्य मिलेगा.
भारत सरकार से अनुरोध करता हूं कि मध्यप्रदेश के किसानों के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठायें। प्रदेश के बासमती को GI दर्जा प्रदान किये जाने के संबंध में सर्व-संबंधितों को निर्देशित करने का कष्ट करें, ताकि बासमती किसानों को उनका हक मिल सके।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 6, 2020
आगे मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा , मध्यप्रदेश के किसान 1908 से बासमती का उत्पादन कर रहे हैं और पंजाब व हरियाणा के निर्यातक खरीदकर इसका लाभ स्वयं ले रहे हैं. यह हमारे किसानों के साथ अन्याय है. इन्हें इनका हक और न्याय मिलना ही चाहिए.
मैं मध्यप्रदेश के अपने बासमती उत्पादन करने वाले किसानों की लड़ाई लड़ रहा हूं। उनके पसीने की पूरी कीमत उन्हें दिलाकर ही चैन की सांस लूंगा। GI टैगिंग के संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर अवगत करा दिया है। मुझे विश्वास है कि प्रदेश के किसानों को न्याय अवश्य मिलेगा।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 6, 2020
अपने अगले ट्वीट में शिवराज सिंह ने कहा मध्यप्रदेश के बासमती को GI दर्जा देने के लिए रजिस्ट्रार ज्योलॉजिकल इंडीकेशन, चेन्नई ने APEDA को आदेशित किया है. प्रदेश में बासमती की खेती परम्परागत रूप से होने के संबंध में IIRR हैदराबाद एवं अन्य विशेषज्ञ संस्थाओं द्वारा प्रतिवेदित किया गया है.
मध्यप्रदेश के बासमती को GI दर्जा देने के लिए रजिस्ट्रार ज्योलॉजिकल इंडीकेशन, चेन्नई ने APEDA को आदेशित किया है। प्रदेश में बासमती की खेती परम्परागत रूप से होने के संबंध में IIRR हैदराबाद एवं अन्य विशेषज्ञ संस्थाओं द्वारा प्रतिवेदित किया गया है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 6, 2020
सीएम शिवराज ने भारत सरकार से अनुरोध करते हुए कहा कि भारत सरकार से अनुरोध करता हूं कि मध्यप्रदेश के किसानों के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठायें. प्रदेश के बासमती को GI दर्जा प्रदान किये जाने के संबंध में सर्व-संबंधितों को निर्देशित करने का कष्ट करें, ताकि बासमती किसानों को उनका हक मिल सके.
यह भी पढ़ें: गहलोत सरकार के ड्रामे में बाॅलीवुड फिल्म बनाने का पूरा मसाला है मौजूद: सतीश पूनियां
इधर, मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि केन्द्र और राज्य में भाजपा की सरकार के दौरान ही 5 मार्च, 2018 को जीआई रजिस्ट्री ने मध्यप्रदेश को बासमती उत्पादक राज्य मानने से इंकार किया. हमने हमारी 15 माह की सरकार में इस लड़ाई को दमदारी से लड़ा. अगस्त, 2019 में इस प्रकरण में हमारी सरकार के समय हुई सुनवाई में हमने दृढ़ता से शासन की ओर से अपना पक्ष रखा था. पंजाब के मुख्यमंत्री वहां के किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं.
प्रदेश हित की इस लड़ाई में अपनी सरकार के दौरान 10 वर्ष पिछड़ने वाले आज हमारी 15 माह की सरकार पर झूठे आरोप लगा रहे है , कितना हास्यास्पद है।
हमने हमारी 15 माह की सरकार में इस लड़ाई को दमदारी से लड़ा।
4/6— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 6, 2020
कमलनाथ ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि भाजपा हर मामले में झूठ बोलने व झूठ फैलाने में माहिर है. मध्यप्रदेश के बासमती चावल को जी.आई टेग मिले, मैं व मेरी सरकार सदैव से इसकी पक्षधर रही है और मैं आज भी इस बात का पक्षधर हूं कि यह हमें ही मिलना चाहिये.
भाजपा हर मामले में झूठ बोलने व झूठ फैलाने में माहिर है।
मध्यप्रदेश के बासमती चावल को जी.आई टेग मिले , मैं व मेरी सरकार सदैव से इसकी पक्षधर रही है और मैं आज भी इस बात का पक्षधर हूँ कि यह हमें ही मिलना चाहिये।
1/6— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 6, 2020
आगे कमलनाथ ने किसानों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि मैं प्रदेश के किसानो के साथ खड़ा हूं. सदैव उनकी लड़ाई को लडूंगा. इसमें कांग्रेस-भाजपा वाली कुछ बात नहीं है. इस हिसाब से तो केन्द्र में तो वर्तमान में भाजपा की सरकार है , फिर राज्य की अनदेखी क्यों हो रही है ?
मैं प्रदेश के किसानो के साथ खड़ा हूँ , सदैव उनकी लड़ाई को लड़ूँगा।
इसमें कांग्रेस – भाजपा वाली कुछ बात नहीं है।
इस हिसाब से तो केन्द्र में तो वर्तमान में भाजपा की सरकार है , फिर राज्य की अनदेखी क्यों हो रही है ?
6/6— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 6, 2020