कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने आतंकवाद से निपटने में मनमोहन सरकार के तौर-तरीकों की आलोचना करते हुए इससे मामले में मोदी सरकार की नीतियों की सराहना की है. न्यूज 18 को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि आतंकवाद से लड़ने के मामले में मनमोहन सिंह उतने कठोर नहीं थे, जितने नरेंद्र मोदी हैं.

हालांकि शीला दीक्षित ने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी के ज्यादातर काम राजनीति प्रेरित होते हैं. उन्होंने कहा कि बिना राजनीतिक फायदे के मोदी कोई काम नहीं करते. चुनावी मौसम में दीक्षित के इस बयान ने राजनीति को गरमा दिया. पहली प्रतिक्रिया दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की आई. उन्होंने ट्विटर पर लिखा: 

मनीष सिसोदिया के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शीला दीक्षित के बयान पर तंज कसा. उन्होंने लिखा: 

बबाल मचने पर शीला दीक्षित ने सफाई देते हुए कहा कि अगर कोई उनके बयान को किसी और संदर्भ में लेता है, तो वह कुछ नहीं कह सकतीं.  उन्होंने ट्वीट करके भी सफाई दी. इसमें उन्होंने लिखा, ‘मीडिया मेरे इंटरव्यू को तोड़ मरोड़ कर पेश कर रहा है. मैंने कहा था कि कुछ लोगों को लग सकता है कि मोदी आतंक पर मजबूत हैं, लेकिन मुझे लगता है कि यह एक चुनावी नौटंकी है.’

दूसरे ट्वीट में दीक्षित ने लिखा, ‘मैंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा हमेशा एक चिंता का विषय रही है और इंदिरा जी इसे लेकर एक मजबूत नेता रही हैं.’

शीला दीक्षित की ओर से सफाई आने के बाद भी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें ट्वीट के जरिये धन्यवाद दिया. उन्होंने लिखा, ‘देश को पहले से पता है, लेकिन कांग्रेस पार्टी इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है.’

अमित शाह के इस ट्वीट के बाद अरविंद केजरीवाल ने फिर से ट्वीट करके चुटकी ली. उन्होंने लिखा:

इस बीच शीला दीक्षित का इंटरव्यू लेने वाले पत्रकार वीर सांघवी ने ट्वीट कर लिखा कि जो कुछ शीला दीक्षित ने ट्वीट किया वो बिल्कुल सही है और इसे अलग मुद्दे से जोड़ कर न देखें. 

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