Politalks.News/UttrakhandPolitics. उत्तराखंड, देश का यह एक ऐसा राज्य है जहां पुलिस और प्रशासनिक अफसरों को हमेशा ‘सुकून‘ मिलता रहा है. न शासन की ओर से अन्य प्रदेशों की अपेक्षा इतना दबाव और न क्राइम कंट्रोल की दृष्टि से इस राज्य का अच्छा ग्राफ नौकरशाहों को ज्यादा ‘उलटफेर‘ नहीं कराता है. सही मायने में उत्तराखंड में अफसरों की ‘मौज‘ रहती है. अगर किसी की ‘पोस्टिंग‘ राजधानी देहरादून में हो जाए तो फिर क्या बात है. अगर मान लिया जाए यहां किसी कारणवश इनका ट्रांसफर या केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर चले जाते हैं तब भी वे परिवार को यहीं छोड़ जाते हैं. इसका कारण हम आपको बता देते हैं कि यहां का क्लाइमेट (वातावरण) इन्हें जाने नहीं देता.
अब बात को आगे बढ़ाते हैं. तीन महीने 10 दिन पहले (10 मार्च) को तीरथ सिंह रावत ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तब कयास लगाए जा रहे थे कि तीरथ सिंह पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के चहेते अफसरों और लापरवाहों का फेरबदल (इधर-उधर ) कर सकते हैं. सीएम तीरथ ने नौकरशाहों के ट्रांसफर तो किए लेकिन ऊंची पोस्ट पर अभी भी वही प्रशासनिक अमला तैनाती बनाए हुए हैं जो कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के कार्यकाल में था.
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इसका बड़ा कारण यह रहा कि सरकार बदलते ही इन अफसरों ने भी अपने पाले खुद ही बदल लिए. दूसरा यह है कि कोरोना महामारी को देखते हुए सीएम तीरथ पिछले काफी दिनों से राज्य में अस्पतालों की व्यवस्था, ऑक्सीजन सिलेंडर और वैक्सीन का इंतजाम करने में लगे हुए हैं. ऐसे हालातों को देखते हुए सीएम तीरथ भी नहीं चाहते थे कि अभी वह राज्य की नौकरशाही को ‘डिस्टर्ब‘ करें. अब कुछ दिनों से प्रदेश में कोविड-19 के मामले घटने पर मुख्यमंत्री रावत एक बार फिर एक्टिव हुए हैं. इसका कारण यह भी है कि अब राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए 9 महीने का समय ही बचा है. इसे देखते हुए तीरथ जरूर चाहेंगे उनकी टीम (शासन-प्रशासन) मजबूत रहे.
इसी को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अब इन नौकरशाहों पर ‘बारीकी‘ से नजर रखने के लिए एक ऐसे अफसर को अपनी टीम में शामिल किया है जिन्हें उत्तराखंड में प्रत्येक विभाग में तैनात अधिकारियों की अच्छी तरह पहचान है. बता दें कि बुधवार को राज्य के पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त शत्रुघ्न सिंह ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के मुख्य सलाहकार पद का कार्यभार ग्रहण कर लिया है.
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एक दिन पहले राज्य मुख्य सूचना आयुक्त के पद से इस्तीफा देने वाले वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शत्रुघ्न सिंह को उत्तराखंड की तीरथ सरकार ने दूसरे ही दिन बड़ी जिम्मेदारी दे दी. पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त शत्रुघ्न सिंह मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के मुख्य सलाहकार बने हैं. बता दें, अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन राधा रतूड़ी द्वारा बुधवार को जारी आदेश के मुताबिक शत्रुघ्न सिंह की 28 फरवरी 2022 तक के लिए नियुक्ति हुई है. इससे पहले मंगलवार को मुख्य सूचना आयुक्त शत्रुघ्न सिंह ने कार्यकाल खत्म होने से करीब छह माह पहले अपना इस्तीफा राजभवन को सौंप दिया था.
आपको बता दें कि शत्रुघ्न सिंह इससे पहले उत्तराखंड में मुख्य सूचना आयुक्त के पद पर तैनात थे. मंगलवार को इस्तीफा देने से पहले ही इस बात की संभावनाएं जताई जा रही थी कि शत्रुघ्न सिंह सीएम तीरथ सिंह रावत की टीम ज्वाइन कर सकते हैं. शत्रुघ्न सिंह की छवि एक कर्मठ और योग्य अधिकारी की रही है. उनका सूचना आयुक्त का कार्यकाल 2021 तक का था. आपको बता दें, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रहे बीसी खंडूरी का शत्रुघ्न सिंह को विश्वास पात्र अफसर माना जाता था. मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत खंडूरी को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं.
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बुधवार को कार्यग्रहण करने के कुछ देर बाद ही शत्रुघ्न ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से सचिवालय में मुलाकात की. दोनों की मुलाकात के बाद राज्य नौकरशाही में ‘हलचल‘ मच गई है. बता दें कि मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार बनाए गए शत्रुघ्न सिंह उत्तराखंड में पहले मुख्य सचिव भी रह चुके हैं. इसलिए वह राज्य में नौकरशाही को खूब जानते हैं. अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि सीएम तीरथ के नवनियुक्त मुख्य सलाहकार शत्रुघ्न सिंह सचिवालय से लेकर प्रशासनिक अफसरों का फेरबदल कर सकते हैं. इसके साथ ही वह अब नौकरशाहों की मॉनिटरिंग भी करेंगे. यानी अब उत्तराखंड के लापरवाह और गैर जिम्मेदार अफसरों पर ‘निगाह’ रखी जाएगी, इसी को देखते हुए लालफीताशाही में धड़कनें बढ़ी हुई हैं.