पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने बड़ा खुलासा (Sharad Pawar’s Big Disclosure) करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें ‘साथ मिलकर’ काम करने का प्रस्ताव दिया था लेकिन उन्होंने उसे ठुकरा दिया. वहीं शरद पवार ने उन खबरों को खारिज कर दिया कि मोदी सरकार ने उन्हें देश का राष्ट्रपति बनाने का प्रस्ताव दिया था. पवार ने बताया, “हां लेकिन, मोदी के नेतृत्व वाली कैबिनेट में सुप्रिया को मंत्री बनाने का एक प्रस्ताव जरूर मिला था.”
बता दें, सुप्रिया सुले एनसीपी प्रमुख शरद पवार की बेटी हैं और पुणे जिला में बारामती से लोकसभा सदस्य हैं. पवार ने कहा (Sharad Pawar’s Big Disclosure) कि उन्होंने मोदी को साफ तौर पर कह दिया कि उनके लिए प्रधानमंत्री के साथ मिलकर काम करना संभव नहीं है. पवार ने नेशनल चैनल एबीपी के मराठी चैनल एबीपी माझा को दिए इंटरव्यू में कहा, “मोदी ने मुझे साथ मिलकर काम करने का प्रस्ताव दिया था. मैंने उनसे कहा कि हमारे निजी संबंध बहुत अच्छे हैं और वे हमेशा रहेंगे लेकिन मेरे लिए साथ मिलकर काम करना संभव नहीं है.”
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चल रहे घटनाक्रम के बीच शरद पवार ने पिछले महीने दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात की थी (Sharad Pawar’s Big Disclosure). मोदी कई मौके पर पवार की तारीफ कर चुके हैं. हाल ही में पिछले महीने राज्यसभा के 250वें सत्र को सम्बोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि संसदीय नियमों का पालन कैसे किया जाता है इस बारे में सभी दलों को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) से सीखना चाहिए .
पवार ने आगे कहा कि 28 नवंबर को जब उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो उस समय अजित पवार को शपथ नहीं दिलाने का फैसला ‘सोच समझकर’ लिया गया. पवार ने कहा, “जब मुझे अजित के देवेंद्र फडणवीस को दिए गए समर्थन के बारे में पता चला तो सबसे पहले मैंने ठाकरे से संपर्क किया. मैंने उन्हें बताया (Sharad Pawar’s Big Disclosure) कि जो हुआ वह ठीक नहीं है और उन्हें भरोसा दिया कि मैं इस बगावत को दबा दूंगा.”
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पवार ने बताया (Sharad Pawar’s Big Disclosure), “जब एनसीपी में सबको पता चला कि अजित के कदम को मेरा समर्थन नहीं है, तो जो पांच-दस विधायक अजित के साथ गए थे, उनपर दबाव बढ़ गया और वो वापस लौट आए.” एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि परिवार में क्या किसी ने अजित से फडणवीस को समर्थन देने के उनके फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए बात की थी, लेकिन परिवार के सभी सदस्यों का मानना था कि अजित ने गलत किया. उन्होंने कहा, “बाद में मैंने उनसे कहा कि जो कुछ भी उन्होंने किया वह क्षम्य नहीं है. जो कोई भी ऐसा करेगा उसे परिणाम भुगतान होगा और आप अपवाद नहीं हैं.” पवार ने यह भी बताया कि, “उनके साथ एनसीपी में एक बड़ा हिस्सा है, जिसकी उनमें आस्था है.”