हरियाणा (Haryana) में विधानसभा चुनाव (Assembly Election) से पहले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Ex CM Bhupendra Singh Hudda) से लड़ाई में अशोक तंवर (Ashok Tanwar) को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस ने प्रदेश में बड़ा बदलाव करते हुए कुमारी शैलजा (Kumari Shailja) को हरियाणा कांग्रेस (Congress) का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. इसके साथ ही पार्टी आलाकमान ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को हरियाणा विधानसभा चुनाव में चुनाव अभियान कमेटी का चेयरमैन बनाया है.
हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने प्रदेश में पार्टी की कमान कुमारी शैलजा को सौंपी है. शैलजा पार्टी का दलित चेहरा हैं. हरियाणा में करीब 19 फीसदी दलित मतदाता हैं. इस तरह से कांग्रेस ने दलित समुदाय से आने वाले अशोक तंवर को हटाकर दलित समुदाय को ही पार्टी की कमान देने की रणनीति बनाई है. साथ ही कुमारी शैलजा गांधी परिवार की भी बहुत नजदीकी मानी जाती हैं. सोनिया गांधी के करीबी नेताओं में वो गिनी जाती हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा चुनाव कमेटी के प्रधान के साथ-साथ किरण चौधरी की जगह कांग्रेस विधायक दल के प्रधान भी होंगे. बुधवार को यह घोषणा कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने की. इससे पहले पूर्व सीएम हुड्डा की सोनिया गांधी के साथ नई दिल्ली में 10 जनपथ पर बैठक हुई. हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी गुलाम नबी आजाद सहित कई वरिष्ठ नेता भी इस बैठक में मौजूद थे. करीब दो घंटे तक चली बैठक के बाद हरियाणा कांग्रेस संगठन में बदलाव का ऐलान किया गया. पूर्व सीएम हुड्डा ने अपनी नियुक्ति पर खुशी जताते हुए पत्रकारों से बातचीत में कहा, पार्टी ने जो निर्णय किया है उसका मैं सम्मान करता हूं. मैं समझता हूं सोनिया जी ने मेरे ऊपर भरोसा जताया है और जिम्मेदारी दी है.
कांग्रेस हाईकमान के इस फैसले से पार्टी के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर को बड़ा झटका लगा है. भूपेंद्र सिंह हुड्डा लम्बे समय से अशोक तंवर को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने के लिए कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बना रहे थे. उन्होंने इसके लिए बागी तेवर भी दिखाए थे. इसके साथ ही बताया जा रहा है कि पार्टी में कुछ कार्यकारी अध्यक्ष भी हो सकते हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई, अजय सिंह यादव और किरण चौधरी को भी अहम जिम्मेदारी दिए जाने की संभावना है.
बता दें कि हरियाणा कांग्रेस में अशोक तंवर और हुड्डा खेमे में अरसे से घमासान मचा हुआ है. इसे समाप्त कराने के लिए पार्टी नेतृत्व द्वारा किए लेकिन सभी प्रयास विफल रहे. भूपेन्द्र हुड्डा की मांग थी कि अशोक तंवर को हटाया जाए. हुड्डा की मांग नहीं मानने पर बगावती तेवर दिखाते हुए हाल ही में हुड्डा ने रोहतक में परिवर्तन रैली की थी और सोनिया गांधी से भी मिले थे. जबकि अशोक तंवर चाहते थे कि राज्य की कमान किसी भी सूरत में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को न मिले. ऐसे में कांग्रेस ने दोनों बीच का रास्ता निकालने के लिए कुमारी शैलजा को पार्टी की कमान सौंपनी की रणनीति बनाई है.
कुमारी शैलजा अम्बाला व सिरसा दोनों जगह से लोकसभा की सांसद रही हैं. वह पार्टी के नेता चौधरी दलवीर सिंह की बेटी हैं. दलवीर सिंह भी हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष और केंद्र में कई बार मंत्री रह चुके हैं. कुमारी शैलजा यूपीए सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं और हरियाणा की सियासत में बड़ा चेहरा मानी जाती हैं. हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद कुमारी सैलजा ने कहा, यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. मेरे कंधे पर पार्टी को राज्य में आगे बढ़ाने का बड़ा दायित्व है. पार्टी को खड़ा करने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा. हम पार्टी की विचारधारा के लिए प्रतिबद्ध हैं.