महाराष्ट्र (Maharastra) में BJP विधानसभा चुनाव (Assembly Election-2019) से पहले ही तेजी से बढ़त बनाती दिख रही है. एक तरफ उसने तूफानी चुनाव प्रचार पहले ही शुरू कर दिया है, दूसरी तरफ उसने विपक्षी नेताओं के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं. इसके साथ ही कई नेताओं के कांग्रेस छोड़ने का सिलसिला भी तेज हो गई है. कांग्रेस (Congress) छोड़ने वालों में कृपाशंकर सिंह (Kripa Shankar Singh) और उर्मिला मातोंड़कर (Urmila Matondkar) प्रमुख हैं, जिन्होंने पार्टी छोड़ दी है लेकिन किसी अन्य पार्टी में शामिल होने की घोषणा नहीं की है. इस तरह कांग्रेस-राकांपा (NCP) गठबंधन चुनाव मैदान में उतरने से पहले ही बैकफुट पर दिखने लगी है.

बुधवार को कांग्रेस नेता पूर्व कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन पाटिल (Harshvardhan Patil) और राकांपा नेता गणेश नाइक (Ganesh Naik) भाजपा में शामिल हो गए. मुख्यमंत्र देवेन्द्र फड़नवीस (Devendra Fadnavis) ने उनका पार्टी में स्वागत किया. दोनों के पुत्र पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं. हर्षवर्धन पाटिल पुणे के इंदापुर क्षेत्र के दिग्गज नेता हैं. वह तीन बार निर्दलीय विधायक चुने गए. उसके बाद वह कांग्रेस में शामिल होकर विधायक चुने गए और कैबिनेट मंत्री बने. इस बार राकांपा-कांग्रेस गठबंधन के तहत उन्हें इंदापुर सीट से टिकट नहीं मिल रहा था. हर्षवर्धन पाटिल 2014 का विधानसभा चुनाव राकांपा के दत्ता भरणे से करीबी अंतर से हार गए थे. उस समय महाराष्ट्र में कांग्रेस और राकांपा ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था.

हर्षवर्धन पाटिल ने 2014 का चुनाव हारने के बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में बारामती से राकांपा उम्मीदवार सुप्रिया सुले (Supriya Sule) का समर्थन किया था. इंदापुर बारामती लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत है. उन्हें उम्मीद थी कि शरद पवार की मदद से उन्हें फिर से इंदापुर सीट से चुनाव जीतने का मौका मिल सकता है. बताया जाता है कि इंदापुर सीट पर राकांपा और कांग्रेस में कोई फैसला नहीं होने से हर्षवर्षधन पाटिल ने भाजपा में शामिल होने का फैसला कर लिया. अब वह इंदापुर सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं. हर्षवर्थन पाटिल ने 1995 में पहली बार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव जीता था. 1999 से 2004 तक वह कांग्रेस-राकांपा गठबंधन सरकार में मंत्री रहे. 2009 में वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे. चुनाव बाद कांग्रेस-राकांपा सरकार बनने पर वह फिर मंत्री बने थे.

गणेश नाइक ठाणे जिले के कद्दावर नेता हैं. पहले वह शिवसेना में थे. शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे (Bal Thackeray) के निधन के बाद वह राकांपा में शामिल हो गए थे. उनके पुत्र संजीव नाइक ने कहा कि इस समय जो भी भाजपा के साथ जुड़ रहा है, वह जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास है. हम बिना शर्त भाजपा में शामिल हुए हैं. यह साफ दिखने लगा है कि जो काम मोदी कर सकते हैं, वह और कोई नेता नहीं कर सकता. उन्होंने कहा, हम शरद पवारजी का बहुत सम्मान करते हैं. उन्होंने हमें (नाइक परिवार) आगे बढ़ाने में बहुत योगदान दिया है. लेकिन अब परिस्थितियां बदल गई हैं और हम अपने क्षेत्र की जनता की उम्मीदें पूरी करना चाहते हैं.

हर्षवर्धन पाटिल ने कहा कि मोदी सरकार ने दूसरी बार सरकार बनने के बाद पहले सौ दिनों में जो महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं, उनसे जनता समझने लगी है कि इस समय देश को चलाने के लिए मोदी से बेहतर और कोई नेता नहीं हो सकता. जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने और सख्त मोटर वाहन कानून के तहत जुर्माना बढ़ाने जैसे फैसले मोदी सरकार ही कर सकती है. यही कारण है कि उन्होंने बगैर पूर्व शर्त भाजपा में शामिल होने का फैसला किया है.

राकांपा नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री अजीत पवार (Ajit Panwar) ने कहा कि इंदापुर सीट को लेकर हर्षवर्धन पाटिल बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं और राकांपा को झूठा बदनाम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पाटिल पहले ही भाजपा में शामिल होने का फैसला कर चुके थे. कांग्रेस-राकांपा इंदापुर सीट को लेकर फैसला करने ही वाले थे, इससे पहले ही पाटिल भाजपा में चले गए. पवार ने कहा, शरद पवार (Sharad Panwar) , सुप्रिया सुले, मैंने और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने उन्हें आश्वस्त किया था कि थोड़ा इंतजार करें. मैं खुद उनसे मिलने उनके घर पुणे गया था, लेकिन उन्होंने मिलने से ही इनकार कर दिया.

इस बीच सूत्रों ने बताया कि सतारा के राकांपा सांसद उदयनराजे भोसले (Udayanraje Bhosle) भी भाजपा में शामिल होने की तैयारी कर चुके हैं. उनकी भाजपा नेताओं के साथ बातचीत चल रही है. राकांपा के विधान परिषद सदस्य आनंदराव पाटिल भी जल्दी ही भाजपा में शामिल होने वाले हैं. भाजपा-शिवसेना सरकार के एक मंत्री ने कहा कि हाल ही कांग्रेस छोड़ने वाले कृपाशंकर सिंह भी भाजपा में आने वाले हैं. वह दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में भाजपा में शामिल होंगे. पूर्व मुंबई प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कृपाशंकर सिंह ने यह कहते हुए इस्तीफा दिया है कि वह कश्मीर को लेकर कांग्रेस के रवैये के खिलाफ पार्टी छोड़ रहे हैं.

 

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