Politalks.News/Uttrapradesh. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के संरक्षक मुलायम सिंह यादव और अध्यक्ष अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा. मायावती ने अपर्णा यादव के बहाने तंज भी कसा है. बसपा सुप्रीमो ने योगी सरकार के पिछले शपथ ग्रहण की याद दिलाकर यह भी कहा कि तब मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश को बीजेपी से आशीर्वाद दिलाया था. ध्यान रहे कि उस वक्त पीएम मोदी से मुलायम सिंह और अखिलेश यादव की बातचीत करते हुए तस्वीर ने सुर्खियां बटोरी थीं. सियासी जानकारों का कहना है कि यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी एक बार फिर सत्ता को बरकरार रखने में सफल हुई है. ऐसे में सपा और बसपा एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. सपा ने बीएसपी को बीजेपी की बी टीम बताते हुए मायावती पर बीजेपी से मिले होने के आरोप लगाए थे. अब मायावती ने इन आरोपों पर पलटवार किया है.
अब अपने काम के लिए एक सदस्य को भेज दिया है भाजपा में- मायावती
बसपा प्रमुख मायावती ने मंगलवार को ट्वीट किया कि, ‘बीजेपी से बीएसपी नहीं बल्कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह खुलकर मिले हैं, जिन्होंने बीजेपी के पिछले हुए शपथ में, अखिलेश को बीजेपी से आर्शीवाद भी दिलाया है और अब अपने काम के लिए एक सदस्य को बीजेपी में भेज दिया है. यह जग-जाहिर है’ सियासी जानकारों का कहना है कि मायावती का इशारा अपर्णा यादव की ओर है, जो चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हुईं हैं.
सपा के आरोपों पर किया पलटवार
मायावती ने योगी के पिछले शपथ ग्रहण की याद ऐसे समय पर दिलाई है जब एक दिन पहले ही अखिलेश यादव ने कहा कि, ‘बीजेपी ना तो उन्हें शपथ ग्रहण में बुलाएगी और ना वह जाने की इच्छा रखते हैं’. मायावती ने सपा के उन आरोपों पर भी पलटवार किया है, जिनमें बसपा को बीजेपी की बी टीम बताया गाया था.
‘अंबेडकरवादी अखिलेश को नहीं करेंगे माफ’
एक अन्य ट्वीट में मायावती ने कहा कि, ‘यूपी में अम्बेडकरवादी लोग कभी भी सपा मुखिया अखिलेश यादव को माफ नहीं करेंगे, जिसने, अपनी सरकार में इनके नाम से बनी योजनाओं व संस्थानों आदि के नाम अधिकांश बदल दिये है. जो अति निन्दनीय व शर्मनाक भी है’. आपको बता दें कि सपा और बसपा ने 2019 लोकसभा चुनाव में गठबंधन किया था, लेकिन जल्द ही दोबारा राहें अलग हो गईं. हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने मायावती के वोटर्स को अपने पाले में लाने की भरसक कोशिश की थी. यहां तक की कल भी अखिलेश ने भाजपा को हराने के लिए समाजवादियों और अंबेडकवादियों को साथ आने का आह्वान किया था.