Politalks.News/Rajasthan. पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot)ने आज एक घायल को देख अपना काफिला न केवल रुकवाया बल्कि घायल व्यक्ति को तुरन्त अस्पताल भी भिजवाया. दरअसल, जयपुर (Jaipur) से दिल्ली जाते समय दिल्ली हाईवे पर नवलपुरा मोड़ के पास सड़क पर घायल युवक को देख पायलट ने अपना काफिला रुकवाया और उसे संभाला. पायलट ने तुरंत एम्बुलेंस बुलाकर घायल को निम्स अस्पताल पहुंचाया. इसके बाद सचिन पायलट दिल्ली के लिए रवाना हुए. इस दौरान विराटनगर विधायक इंद्रराज गुर्जर (Indraj Gurjar)भी पायलट के साथ थे. वहीं दिल्ली रवाना होने से पहले पायलट ने जयपुर में अपने आवास पर जनसुनवाई की. तो वहीं दिल्ली में सचिन पायलट ने एक राष्ट्रीय न्यूज चैनल के कार्यक्रम में हिस्सा लिया और कांग्रेस का पक्ष रखा.
घायल को देख रुकवाया काफिला, संभाला, भिजवाया अस्पताल
गुरुवार को जयपुर से दिल्ली जाते समय जब पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का काफिला जब नवलपुरा मोड़ के पास पहुंचा तो वहां हाईवे पर बाइक से जा रहा एक युवक अज्ञात वाहन की टक्कर लगने से घायल हो गया. जयपुर से दिल्ली जा रहे सचिन पायलट और विराटनगर विधायक इंद्रराज गुर्जर की घायल पर नजर पड़ी तो वे तुरंत गाड़ी रोककर घायल के पास पहुंचे. सचिन पायलट ने खून से लथपथ घायल युवक को संभाला तो गुर्जर ने तुरंत ही एंबुलेंस मंगवाई और घायल को नजदीक के निम्स अस्पताल पहुंचाया. मामले की सूचना लगते ही मनोहरपुर थाना पुलिस भी वहां मौके पर पहुंची.
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जनसुनवाई बनी पावर सेंटर!
जयपुर से दिल्ली जाने से पहले सचिन पायलट ने अपने सिविल लाइंस स्थित आवास पर जनसुनवाई की. इस दौरान कनिष्ठ अभियंता भर्ती-2020 के अभ्यर्थियों ने पायलट से मुलाकात की और अपनी मांगें रखीं. इस दौरान पायलट ने सरकार से बात कर निष्पक्ष जांच करवाए जाने का आश्वासन अभ्यर्थियों को दिया. पायलट की जनसुनवाई के दौरान मंत्री हेमाराम चौधरी और चाकसू विधायक वेदप्रकाश सोलंकी भी मौजूद रहे. सियासी गलियारों में आज हुई जनसुनवाई की चर्चा है. जब बेरोजगारों की कहीं सुनवाई नहीं हुई तो ये सभी पायलट की जनसुनवाई में पहुंचे हैं.
70 साल में पहली बार 4 दलित बने हैं मंत्री- पायलट
वहीं दिल्ली में न्यूज चैनल NEWS18 के खास कार्यक्रम चौपाल में हिस्सा लेते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कांग्रेस का पक्ष रखा. हाल ही में राजस्थान में हुए गहलोत मंत्रिमंडल पुनर्गठन को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में पायलट ने कहा कि, ‘पिछले दो साल से राजस्थान की कैबिनेट में एक ही दलित मंत्री नहीं था. सरकार में सबकी भागीदारी और हर वर्ग का संतुलन होना चाहिए. 70 साल में पहली बार राजस्थान की सरकार में चार मंत्री दलित समुदाय के बने हैं’.
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‘मेरी किसी से नहीं है नाराजगी, फिर बनाएंगे कांग्रेस की सरकार’
वहीं पिछले साल हुई सियासी कलह के सवाल पर सचिन पायलट ने कहा कि, ‘मेरी नाराज़गी किसी व्यक्ति से नहीं है, मैं तो इतना चाहता हूं, कि सब लोगों को लगे कि हम स्टेकहोल्डर हैं, सब मंत्री नहीं बन सकते, बनना भी नहीं चाहते लेकिन उनकी भागीदारी सुनिश्चत होनी चाहिए. हम राजस्थान में पार्टी और सरकार मिलकर काम करेंगे, तो जो पिछले 30 साल से नहीं हुआ, वो हम करना चाहते हैं और हमें उम्मीद है कि 2023 में एक बार फिर कांग्रेस की सरकार बनेगी‘.