पॉलिटॉक्स ब्यूरो. चिकित्सा क्षेत्र से जुडे विशेषज्ञों का कहना है कि गहलोत सरकार चाहे तो हर जिले में केवल 50 से 100 करोड रुपए खर्च कर ऐसे अस्पताल बना सकती है जो मल्टी सुपरस्पेशलिटी हाॅस्प्टिल की श्रेणी में आते हैं. चूंकि सरकार को जमीन खरीदने की जरूरत नहीं है ऐसे में इनकी लागत और भी कम हो सकती है. वहीं अशोक गहलोत सरकार 200 करोड़ रुपये में डेशो एविएशन कंपनी से 10 से 12 सीट वाला मिड साइज जेट विमान खरीदने जा रही है. सवाल ये है कि सरकार के लिए अपने सरकारी अस्पतालों के हालात सुधारना ज्यादा महत्वपूर्ण है या अपने लिए 200 करोड़ की लागत वाला प्लेन खरीदना.
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