राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को भाजपा के सदस्य इस बात पर भड़क गए कि निर्दलीय सदस्य को बोलने के लिए ज्यादा समय क्यों दिया जा रहा है? भाजपा विधायकों के हंगामे के कारण सदन की बैठक आधा घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी. इसके बाद सदन की बैठक शुरू हुई तो कांग्रेस के अमीन खान और भाजपा के अभिनेष महर्षि भिड़ गए. दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ आस्तीनें चढ़ा लीं. अन्य विधायकों ने दोनों को अलग ले जाकर समझाया.
विधानसभा में शुक्रवार को सिंचाई, लघु सिंचाई एवं भूमि संरक्षण विभाग की अनुदान मांगों पर बहस हो रही थी. भूजल विभाग के मंत्री बीडी कल्ला ने बहस का जवाब दिया. इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने अन्य विभागों की अनुदान मांगों को भी पारित करवा लिया. सिंचाई, लघु सिंचाई एवं भूमि संरक्षण विभाग की अनुदान मांगों पर बहस के दौरान निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान को लेकर भाजपा पर आरोप लगाए. उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने विरोध किया तो लोढ़ा उनसे बहस करने लगे.
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि जांच करा लो, पहले माथुर आयोग बनाया था, उसका क्या हुआ. लोढ़ा ने कहा आयोग का अध्यक्ष मुझे बनाओ, फिर देखो क्या होता है. इस पर भाजपा विधायक हंगामा करने लगे. पीठासीन सभापति जितेन्द्र सिंह ने समझाइश की कोशिश की जो बेअसर रही. सभापति ने एक भाजपा विधायक का नाम पुकारा तो संयम लोढ़ा ने एक मिनट का समय और मांग लिया. सभापति ने मंजूरी दी तो कई भाजपा विधायक आसन के सामने पहुंच गए. हंगामा बढ़ने पर पहले राजेन्द्र पारीक आसन पर पहुंचे. फिर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने स्थिति को संभालने का प्रयास किया. फिर भी शोर-शराबा जारी रहा तो जोशी ने आधा घंटे के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी.
दुबारा फिर से बैठक शुरू होने पर सीपी जोशी ने कहा कि बोलने का समय देने में त्रुटि हुई है तो उसे दिखवा लेंगे. लेकिन भाजपा विधायक नहीं माने. गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि हमें तीन मिनट में घंटी बजाकर रोकते हैं, जबकि हमें गाली देने वालों को एक घंटे तक बोलने की अनुमति है. प्रोसीडिंग निकालो, कैसे-कैसे शब्दों का प्रयोग किया है. ऐसा कब तक चलेगा? यह बर्दाश्त नहीं होगा. आसन के सामने नारेबाजी की ओर इशारा करते हुए जोशी ने कहा कि क्या यह बर्दाश्त हो जाएगा?
जोशी ने कहा कि भाजपा को एक घंटा 36 मिनट, कांग्रेस को एक घंटा 14 मिनट का समय दिया गया है. मैं यहां न्याय करने के लिए बैठा हूं. सुनना चाहोगे या नहीं? नहीं में जवाब मिलने पर जोशी ने बहस समाप्त करते हुए मंत्री बीडी कल्ला को जवाब देने के लिए कह दिया. कल्ला ने हंगामे के बीच जवाब दिया. इसके बाद अध्यक्ष ने अन्य विभागों की अनुदान मांगें पारित करवाकर सदन सोमवार सुबह तक स्थगित कर दिया.