Politalks.News/Uttarpradesh. उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ रही गैंगरेप की घटनाओं के बाद प्रदेश की सियासत भी जबरदस्त गरमा गई है. यूपी की राजनीति में अपनी खोई हुई जमाने तलाशने में जुटी कांग्रेस, बसपा और समाजवादी पार्टी को बैठे-बिठाए योगी सरकार को घेरने के लिए एक बेहद अहम मुद्दा हाथ लग गया है. हाथरस युवती के साथ हुई गैंगरेप की घटना की चिता अभी शांत भी नहीं हुई थी कि आज सुबह जनपद बलरामपुर में एक और छात्रा के साथ गैंगरेप और मौत के बाद विपक्षी नेताओं ने जैसे ठान ली हो कि अब प्रदेश की भाजपा सरकार को हिलाकर ही रहेंगे.
हाथरस में हुए युवती के साथ गैंगरेप-हत्या और फिर अंतिम संस्कार कांड के बाद आज कांग्रेस ने सड़क पर उतर कर योगी सरकार को सीधे चेतावनी दे डाली. वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर पिछले दिनों से सीएम योगी को घेरने के लिए मोर्चा संभाल रखा है. पहले बात करते हैं कांग्रेस की सड़क की राजनीति की, युवती के साथ गैंगरेप की घटना के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने दो दिन पहले एलान किया था कि वह मृतक युवती के परिवार से मिलने हाथरस जाएंगे.
गुरुवार सुबह राजधानी दिल्ली से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जब अपने वाहनों से हाथरस के लिए आ रहे थे उसी दौरान यमुना एक्सप्रेस वे पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें जाने नहीं दिया. जिससे गुस्साए राहुल और प्रियंका ने सड़क से ही योगी को ललकारा. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस दौरान यूपी सरकार पर निशाना साधा.
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राहुल गांधी ने कहा कि मैं हाथरस के पीड़ित परिवार से मिलने जा रहा हूं, ये मुझे रोक नहीं पाएंगे. राहुल प्रियंका को गाड़ी से आगे नहीं जाने दिया तो दोनों पैदल ही चल दिए. दोनों नेताओं ने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को घेरने के लिए सड़क की सियासत शुरू कर दी.
पुलिस हिरासत में लिए जाने पर राहुल-प्रियंका ने सड़क से ही योगी सरकार को दी चेतावनी-
उत्तर प्रदेश पुलिस के राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को हिरासत में लिए जाने पर दोनों ने योगी सरकार को सड़क से ही ललकारा और चेतावनी दी. राहुल और प्रियंका को हिरासत में ले जाने पर गुस्साए सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता योगी सरकार के खिलाफ सड़क पर ही विरोध प्रदर्शन करने लगे. राहुल और प्रियंका को यमुना एक्सप्रेस पर ही एक गेस्ट हाउस में कुछ देर तक अरेस्ट करके रखा गया, बाद में पुलिस ने दोनों को वापस दिल्ली रवाना कर दिया.
इस दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा का नारा ‘बेटी बचाओ’ नहीं, ‘तथ्य छुपाओ, सत्ता बचाओ’ है. राहुल गांधी ने कहा कि ‘यूपी के जंगलराज में बेटियों पर जुल्म और सरकार की सीनाजोरी जारी है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि योगी सरकार ने कभी जीते-जी सम्मान नहीं दिया और अंतिम संस्कार की गरिमा भी छीन ली.
वहीं प्रियंका गांधी ने कहा कि विपक्ष का काम सरकार को जगाना है. हाथरस जाने से हमें कोई नहीं रोक सकता और पीड़ित के परिजनों से मिलेंगे. प्रियंका ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेनी होगी, अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करनी पड़ेगी. प्रियंका ने कहा कि महिला सुरक्षा को लेकर प्रदेश में हालात नहीं बदल रहे हैं. भाजपा सरकार अपने आप को हिंदू धर्म का रक्षक बताती है और एक हिंदू पिता को उसकी बेटी के अंतिम संस्कार से भी रोका गया. प्रियंका ने कहा कि हाथरस जैसी वीभत्स घटना बलरामपुर में भी घटी, लड़की का बलात्कार कर पैर और कमर तोड़ दी गई. आजमगढ़, बागपत, बुलंदशहर में बच्चियों से दरिंदगी हुई. प्रियंका गांधी ने कहा कि मार्केटिंग, भाषणों से कानून व्यवस्था नहीं चलती, ये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जवाबदेही का वक्त है, प्रदेश ही नहीं पूरे देश की जनता को जवाब चाहिए.
मायावती और अखिलेश यादव ने अपनाया दलित कार्ड पर इमोशनल हथकंडा–
हाथरस गैंगरेप की घटना के बाद बसपा चीफ यूपी सरकार पर आक्रामक हैं, मायावती ने एक बार फिर दलित कार्ड पर इमोशनल हथकंडा अपनाया हुआ है. हाथरस के बाद अब जनपद बलरामपुर में छात्रा के साथ गैंगरेप के बाद अस्पताल ले जाने के दौरान मौत होने पर राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने योगी सरकार पर हमला करने का एक और मौका मिल गया है. लेकिन बसपा प्रमुख सड़क पर उतरने के बजाय मीडिया और सोशल मीडिया के सहारे ही मुख्यमंत्री योगी सरकार की कुर्सी हिलाने में लगी हुई हैं.
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मायावती ने कहा कि हाथरस की घटना के बाद मुझे ऐसा लग रहा था कि शायद यूपी सरकार कुछ हरकत में आएगी. यूपी के मनचले लोग जो बहन-बेटियों का उत्पीड़न कर रहे हैं, उन पर अंकुश लगाएगी, पर ऐसा नहीं हुआ. आज बलरामपुर की एक घटना ने मुझे झकझोर कर रख दिया. मायावती ने कहा कि ‘योगी आदित्यनाथ को मैं बताना चाहती हूं कि आपने एक महिला के पेट से जन्म लिया है, आपको दूसरों की बहन-बेटी को अपनी बहन-बेटी समझना चाहिए, यदि आप उनकी हिफाजत नहीं कर सकते तो बेहतर यही है कि आपको खुद ही पीछे हट जाना चाहिए और खुद ही इस्तीफा दे देना चाहिए.’
मायावती ने मोदी सरकार से कहा कि ‘यूपी के सीएम आदित्यनाथ वर्तमान में सरकार चलाने में सक्षम नहीं है, बेहतर यही है कि आप या तो नेतृत्व परिवर्तन करें और यदि आप नहीं कर पा रहे हैं तो यहां पर राष्ट्रपति शासन लगाएं. कम से कम उत्तर प्रदेश की जनता के ऊपर रहम करें. बसपा सुप्रीमो ने केंद्र से कहा कि ‘योगी आदित्यनाथ को गोरखनाथ मठ भेज देना चाहिए, यदि वह वहां नहीं जाना चाहते हैं तो अयोध्या में राम मंदिर निर्माण चल रहा है वहां इन्हें भेजना चाहिए.’
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी सोशल मीडिया के जरिए दलित कार्ड और गैंगरेप पर भावनात्मक संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं. अखिलेश ने कहा कि हाथरस की मृतका के परिजनों को शासन के मूक आदेश पर प्रशासन ने दौड़ा-दौड़ाकर मारा है. अब जनता भी ऐसे ही इन सत्ताधारियों को दौड़ा-दौड़ाकर इंसाफ की चौखट तक खींच कर ले जाएगी. अखिलेश ने कहा कि भाजपा के कुशासन का असली रंग जनता देख रही है, कपटियों का लबादा उतरते अब देर नहीं लगेगी.