पूनियां ने गहलोत सरकार पर लगाए वेन्टीलेटेलर्स को कबाड़ करने के बड़े आरोप, वहीं पत्र लिखकर की ये मांग

छोटे व्यापारी, टैक्सी-रिक्शा चालकों, दिहाड़ी मजदूरों, श्रमिकों, कामकाजी महिलाओं व ठेला संचालकों को आर्थिक पैकेज की घोषणा करने का किया आग्रह, मोदी सरकार द्वारा पीएम केयर्स फंड के तहत सालभर पहले राज्य को दिये 1500 वेंटिलेटर्स या तो कबाड़ में पड़े हैं या अनुपयोगी हैं, क्या मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास प्रदेश के मरीजों के जीवन से खिलवाड़ की घोर लापरवाही का तार्किक जवाब है?- सतीश पूनियां

पूनियां ने गहलोत सरकार पर लगाए वेन्टीलेटेलर्स को कबाड़ करने के बड़े आरोप
पूनियां ने गहलोत सरकार पर लगाए वेन्टीलेटेलर्स को कबाड़ करने के बड़े आरोप

Politalks.News/Rajasthan. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर वैश्विक महामारी कोरोना की रोकथाम हेतु प्रदेश में लागू पाबंदियों के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे व्यापारियों-दुकानदारों, लोक कलाकारों, टैक्सी-रिक्शा चालकों, दिहाड़ी मजदूरों, श्रमिकों, घर-घर काम करने वाली कामकाजी महिलाओं व ठेला संचालकों को आर्थिक सहायता मुहैया कराने का आग्रह किया है. वहीं सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव करते हुए सतीश पूनियां ने गहलोत सरकार पर मोदी सरकार द्वारा राजस्थान को दिये वेंटिलटर्स को राजनैतिक द्वेष के कारण कबाड़ में बदलने का गम्भीर आरोप भी लगाया है.

सोशल मीडिया के माध्यम से आरोप लगाते हर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि- विगत कोरोना की लहर के दौरान पीएम केयर्स फंड से 30 हजार वेंटिलेटर्स का निर्माण रक्षा मंत्रालय के अधीन आने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने किया, उन्हीं में से एक वर्ष पूर्व राजस्थान के लगभग 100 अस्पतालों को 1500 वेंटिलेटर्स सप्लाई किये थे, जिनकी कीमत 60 करोड़ थी. सतीश पूनियां ने कहा कि प्रदेश के अधिकांश अस्पतालों में ये वेन्टीलेटेलर्स अनुपयोगी पड़े हैं. क्या मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास मरीजों के जीवन से खिलवाड़ की घोर लापरवाही का तार्किक जवाब है?

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सतीश पूनियां ने आगे कहा कि, कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में बहुत बड़ी भयावह स्थिति है, ऐसी स्थिति में वेंटिलेटर्स की उपयोगिता बहुत जरूरी हो जाती है, यह बात साफ तौर पर समझ में आती है, लेकिन दुर्भाग्य है कि राजस्थान की गहलोत सरकार ने उन सभी वेंटिलेटर्स को या तो कबाड़ में रखा हुआ है या ओपन ही नहीं किए गए. पूनियां ने कहा कि चौंकाने वाली बात यह है कि बीईएल को राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने जवाब दिया इन 1500 में से 1475 वर्किंग में है, जबकि हकीकत इसके विपरीत है, ज्यादातर वेंटिलेटर्स अनुपयोगी पड़े हैं.

गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए सतीश पूनियां ने आगे कहा कि, प्रदेश के मीडिया एवं तमाम जनप्रतिनिधियों ने वेंटिलेटर्स की हकीकत जब देखी तो समझ में आया कि ये सभी वेंटिलेटर्स केवल इसीलिए उपयोग में नहीं लाया गए, क्योंकि इन पर पीएम केयर का लोगो था. ये वेंटिलेटर्स पीएम केयर्स फंड से बने हैं, इसलिये इसकी ट्रेसेएबिलिटी एवं एकाउंटेबिलिटी के लिये पीएम केयर का लोगो लगाया गया. जबकि राजस्थान की सरकार को यह दरकार नहीं था, इससे कांग्रेस सरकार की संकीर्ण मानसिकता प्रदर्शित होती है. पूनियां ने कहा कि, केवल 300 रुपया का उपकरण लगाकर इनको इंस्टॉल करके शुरू करना था, पर ऐसे विकट समय में भी राजस्थान सरकार की चुप्पी रहस्य पैदा करती है.

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बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा पीएम-केयर्स के तहत दिये गए 1500 वेंटिलटर्स को राज्य की गहलोत सरकार ने राजनैतिक द्वेष और प्रतिस्पर्धा के कारण उपयोग नहीं करना, क्या प्रदेश के मरीजों के साथ खिलवाड़ नहीं है? यह वेंटिलेटर्स सालभर पहले दिए गए थे, क्या राज्य सरकार को इनको चालू नहीं करना चाहिए था? राज्य सरकार की यह जनविरोधी कार्यशैली राजस्थान के स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर ऐसे समय में एक बड़ा प्रश्न खड़ा करती है.

छोटे व्यापारी, टैक्सी-रिक्शा चालकों, दिहाड़ी मजदूरों, श्रमिकों, कामकाजी महिलाओं व ठेला संचालकों को आर्थिक पैकेज की घोषणा करने का किया आग्रह

वहीं इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखे पत्र में सतीश लिखा कि, कोरोना महामारी की दूसरी लहर की रोकथाम हेतु प्रदेशभर में दिनांक 17.04.2021 से पाबंदियां लागू हैं, एवं 10.05.2021 से 24.05.2021 तक सम्पूर्ण प्रदेश में लॉकडाउन लगाया जा रहा है. पूनियां ने लिखा कि- कोरोना संक्रमण की रोकथाम हेतु लागू पाबंदियों के कारण व्यापारियों-दुकानदारों, लोक कलाकारों, दिहाड़ी मजदूरों, घर-घर काम करने वाली महिलाओं, टैक्सी-रिक्शा चालकों, ठेला संचालकों, श्रमिकों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

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सतीश पूनियां ने कहा कि- कोरोना संक्रमणक की रोकथाम हेतु लागू की गई पाबंदियों के कारण व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं, जिसके कारण व्यापारी-दुकानदार भारी आर्थिक समस्या से जूझ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर संक्रमण के डर से घर-घर काम करने वाली महिलाओं को बुलाया जाना भी बहुत कम कर दिया है, जिससे इन महिलाओं को परिवारों को पालना मुश्किल हो रहा है, टैक्सी-रिक्शा चालकों को पाबंदियों के कारण सवारियां ना के बराबर मिल रही हैं. टैक्सी चालकों का जितने का ईंधन इस्तेमाल हो रहा है, उतना किराया भी नहीं निकल पा रहा है. चौखटियों पर भी बहुत कम ही दिखाई देते हैं, श्रमिकों ने भी चैखटियों पर आना लगभग बन्द सा कर दिया है.

ऐसे में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से आग्रह किया कि, वर्तमान परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुये सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुये उपरोक्त वर्गों के लिये विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा कर इन्हें राहत प्रदान कराये जाने की कृपा करावें, जिससे ये सभी लोग इस कठिन समय में अपने परिवार का भरन पोषण कर सकें.

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