बीते रोज बुधवार को राजस्थान विधानसभा में एक बार फिर अपनों के निशाने पर रही गहलोत सरकार, जहां एक ओर कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने सड़कों के मुद्दे पर जमकर घेरा मंत्री शांति धारीवाल को, तो वहीं सिरोही विधायक और सीएम गहलोत के करीबी सलाहकार संयम लोढ़ा ने जमीन आवंटन को लेकर धारीवाल को जमकर लिया आड़े हाथ, नगरीय विकास और वन एवं पर्यावरण विभाग की अनुदान मांगों पर बहस के दौरान सीएम सलाहकार संयम लोढ़ा ने मंत्री धारीवाल पर बीजेपी के साथ याराना का आरोप लगाते हुए कहा- कांग्रेस सरकार पिछले साढ़े 4 साल में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की ओर से गलत तरीके से आवंटन की गई जमीनों को नहीं करवा पाई रद्द, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पूर्व सीएम को राहत देते हुए उनके सरकारी बंगले को विधानसभा के पूल से करवाया गया अलॉट, साढ़े 4 साल हो गए लेकिन आपका बीजेपी से क्या याराना है समझ नहीं आता? यही नहीं विधायक लोढ़ा ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद आपने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के लिए रास्ता निकाला, और उनके सरकारी बंगले को विधानसभा के पूल से करवा दिया अलॉट, ये महानता किस बात की है? यही वसुंधरा राजे अपनी सरकार के दौरान धारीवाल को डालना चाहती थी जेल में, लेकिन आपने साढ़े 4 साल में तत्कालीन मुख्यमंत्री की गलत तरीके से अलॉट की गई एक जमीन तक निरस्त नहीं की,’ लोढ़ा ने आगे बताया कि सिरोही में बने पीडब्लूडी के एससी कार्यालय को राजे ने कलेक्टर को कहकर करवा दिया था सरेंडर, जिसके बाद कलेक्टर ने जमीन नगर परिषद को दी और फिर नगर परिषद ने बीजेपी कार्यालय के लिए उस 50 करोड़ की जमीन को मात्र 10 प्रतिशत में कर दी थी अलॉट, अब नगर परिषद की ओर से बीजेपी को दी गई जमीन के लिए हम पिछले हम 5 साल से लड़ रहे हैं हाईकोर्ट में,’ इस पर उपनेता प्रतिपक्ष ने ऑब्जेक्शन किया तो लोढा ने कहा कि राजेंद्र राठौड़ भी इस पूरे मामले में रहे हैं शामिल, क्योंकि राठौड़ खुद उस समय प्रभारी मंत्री थेसिरोही के,’ लोढ़ा ने सीधे धारीवाल को संबोधित करते हुए कहा कि आपने जो याराना बीजेपी से किया हुआ है..उससे बाहर आओ और सिरोही में एक या दो बीघा जमीन के लिए लोग लड़ रहे हैं उनके जमीन आवंटन का साफ करो रास्ता