महाराष्ट्र (Maharastra) में कांग्रेस को लगातार झटके लग रहे हैं. विधानसभा चुनाव के मौके पर एक तो उसके पास उम्मीदवार नहीं है. दूसरी बात यह कि उसके पुराने नेता एक के बाद एक कांग्रेस छोड़ते दिख रहे हैं. जो असंतुष्ट पार्ट नहीं छोड़ रहे हैं, उनका पार्टी के चुनाव प्रचार में मन में लगाकर जुटना मुश्किल है.
अब संजय निरुपम (Sanjay Nirupam) ने भी कांग्रेस (congress) छोड़ने की तैयारी कर ली है. उन्होंने शिवसेना में शामिल होते हुए राजनीति में प्रवेश किया था. शिवसेना ने उन्हें राज्यसभा में भेजा था. पहला कार्यकाल समाप्त होने पर कांग्रेस में शामिल हुए. कांग्रेस ने भी उन्हें राज्यसभा सदस्य बना दिया था. इसके बाद वह कांग्रेस के टिकट पर उत्तर मुंबई लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा सांसद बन गए थे.
कांग्रेस ने उन्हें मुंबई प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बना दिया था. चुनाव से पहले उन्हें पद से हटा दिया गया. उनकी जगह मिलिंद देवड़ा मुंबई प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बन गए. उसके बाद से पार्टी में संजय निरुपम को महत्व नहीं मिल रहा था. संजय निरुपम मुंबई में कांग्रेस को एकजुट रखने का प्रयास नहीं कर सके. कांग्रेस के एक अन्य कद्दावर नेता कृपाशंकर सिंह कांग्रेस नेता छोड़ गए. कृपाशंकर सिंह भी मुंबई प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके थे. विधानसभा चुनाव में भी संजय निरुपम को कोई तवज्जो नहीं मिली.
पार्टी में उचित महत्व नहीं मिलने से नाराज संजय निरुपम ने हाल ही ट्वीट किया है- लगता है कि कांग्रेस पार्टी को अब मेरी सेवाओं की जरूरत और नहीं रही. मैंने विधानसभा चुनाव में मुंबई से सिर्फ एक नाम की सिफारिश की थी. वह भी कांग्रेस ने नामंजूर कर दिया. जैसा कि में पहले भी हाईकमान से कह चुका हूं, ऐसा परिस्थिति में मैं चुनाव प्रचार में भाग नहीं लूंगा. यह मेरा अंतिम फैसला है.
It seems Congress Party doesn’t want my services anymore. I had recommended just one name in Mumbai for Assembly election. Heard that even that has been rejected.
As I had told the leadership earlier,in that case I will not participate in poll campaign.
Its my final decision.— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) October 3, 2019
इस ट्वीट से स्पष्ट है कि संजय निरुपम का मन अब कांग्रेस से भर गया है और वह कभी भी पाला बदल सकते हैं. यह देखना है कि अब वह किस पार्ट का दामन थामते हैं.