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26/11 मुंबई हमले में शहीद एटीसी चीफ हेमंत करकरे को लेकर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने एक विवादित बयान दिया है. बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक के दौरान उन्होंने मीडिया को बताया, ‘मैंने हेमंत करकरे को कहा था कि तेरा सर्वनाश होगा और उसे आतंकियों ने मार डाला. उन्हें उनके कर्मों की सजा मिली है. उन्होंने मुझे गलत तरीके से फंसाया था. हेमंत करकरे मुझे किसी भी तरह से आतंकवादी घोषित करना चाहते थे.’ उन्होंने यह भी कहा कि उसने मुझे गालियां दी. मुझे रोकने के लिए षड्यंत्र किया और 9 साल जेल में बंद रखा. इस कारण मैं 20 साल पीछे चली गई. बता दें, साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को बीजेपी ने मध्यप्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट से टिकट दिया है. उनके सामने कांग्रेस के दिग्विजय सिंह मैदान में हैं.

साध्वी प्रज्ञा ने आगे कहा, ‘वह मुझसे हर तरह के सवाल करता था, ये कैसे हुआ, वह कैसे हुआ. मैंने कहा, मुझे नहीं पता, भगवान जाने. तो उसने कहा क्या मुझे यह जानने के लिए भगवान के पास जाना होगा. मैंने कहा, जरूर अगर आपको आवश्यकता है तो आप जरूर जाइए. ठीक सवा महीने में जिस दिन आतंकवादियों ने उसको मारा, उस दिन उसका अंत हुआ. आपको विश्वास करने में थोड़ी तकलीफ होगी, देर लगेगी, लेकिन मैंने उससे कहा था कि उसका सर्वनाश होगा. उसने मुझे कई यातनाएं दीं, कई गंदी गालियां दीं. वह मेरे लिए ही नहीं, किसी के लिए भी असहनीय होंगी. ठीक सवा महीने में सूतक लगता है. जिस दिन मैं गई थी, उस दिन इसके सूतक लग गए थे.’

गौरतलब है कि हेमंत करकरे एक आईपीएस अधिकारी थे और मुंबई में हुए आतंकी हमले में आतंकवादियों की गोलियों का शिकार हुए थे. वह 2008 में हुए मालेगांव सीरियल बम धमाकों की जांच कर रहे थे. इस घटना में छह लोगों की मौत हो गई थी. इसी मामले में साध्वी प्रभा को लंबे समय तक जेल में रहना पड़ा था. बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया था. 26 नवंबर, 2009 में करकरे को भारत सरकार ने मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया था.

आपको बता दें कि राजनीतिक कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला ने चुनाव आयोग से साध्वी प्रज्ञा को चुनाव लड़ने से रोकने का अनुरोध किया है. आयोग को लिखे एक पत्र में उन्होंने शिकायत की है कि महाराष्ट्र के आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) ने पाया कि साल 2008 में हुए मालेगांव बम धमाके में ठाकुर मुख्य षड्यंत्रकर्ता है. इस घटना में छह लोगों की मौत हो गई थी. चूंकि प्रभा ठाकुर पर आतंकवाद संबंधी आरोप हैं, ऐसे में उन्हें भोपाल संसदीय सीट से चुनाव लड़ने से रोका जाए.

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