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मध्यप्रदेश की हॉट सीट भोपाल पर बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. बाबरी विध्वंस मामले पर बयान देकर फंसी साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है. भोपाल के कमला नगर थाने में साध्वी के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है. इसमें एक महीने की सजा या 200 रूपये के अर्थदंड या दोनों का प्रावधान है. बता दें कि टीटी नगर एसडीएम ने यह मामला दर्ज करवाया है.

बता दें कि बाबरी विध्वंस पर विवादित बयान देकर घिरी बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा को इससे पहले भोपाल जिला निर्वाचन अधिकारी ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. साध्वी ने इसका जवाब भी भेज दिया था लेकिन सोमवार को जिला निर्वाचन अधिकारी ने साध्वी के जवाब को संतोषजनक नहीं माना और साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुशंसा की.

साध्वी का जवाब क्यों हुआ अस्वीकार?
इस पूरे मामले के बाद से ही यह सवाल सवाल उठने लगा कि आखिर जिला निर्वाचन अधिकारी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के जवाब को अस्वीकार क्यों किया? बता दें कि जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा साध्वी प्रज्ञा को भेजे नोटिस का जवाब देते हुए लिखा,  ‘मैंने किसी जाति, धर्म, समुदाय और भाषा इत्यादि के बीच उन्माद या धार्मिक भावनाओं को आहत करने अथवा ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से बयान नहीं दिया था. मेरे द्वारा दिए गए बयान मेरी स्वयं की अंतरात्मा की आवाज को व्यक्त करता है.’ लेकिन भोपाल जिला निर्वाचन अधिकारी ने इस जवाब को संतोषजनक न मानते हुए अस्वीकार कर दिया.

इस बयान को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना गया है और भोपाल जिला निर्वाचन अधिकारी ने बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर दंडात्मक प्रकरण दर्ज करने को कहा है. निर्वाचन अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का बयान भारत निर्वाचन आयोग के आदर्श आचार संहिता के अध्याय 4 का उल्लंघन है. गौरतलब है कि लंबी कश्मकश के बाद बीजेपी ने कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के सामने मजबूत चेहरे के रूप में साध्वी प्रज्ञा पर मोहर लगाई है. 12 मई को यहां मतदान होना है जिसे लेकर जोर-शोर से चुनाव प्रचार जारी है.

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