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मुंबई हमले में शहीद और अशोक चक्र से सम्मानित हेमंत करकरे पर विवादास्पद बयान देने वाली साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का चहुंओर विरोध हो रहा है. यहां तक की बीजेपी ने खुद अधिकारिक तौर पर यह कहा है कि इस बयान से पार्टी का कोई लेना देना नहीं है. यह उनका निजी बयान हैं. खुद साध्वी प्रज्ञा ने भी अपना बयान वापिस लेने की बात कही थी. ऐसे समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के बचाव में आगे आए हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक साक्षात्कार में कहा कि ज्ञा सिंह की उम्मीदवारी को लेकर इतना हल्ला क्यों है, जबकि गंभीर आरोपों का सामना कर रहे विपक्ष के नेताओं से कभी सवाल नहीं किए गए. उन्होंने यह भी कहा कि जब प्रज्ञा सिंह को हिरासत में प्रताड़ित किया गया और इसे लेकर कांग्रेस पर अपनी सुविधा के हिसाब से प्रॉपेगैंडा सेट करने के आरोप लगे, तब क्यों किसी ने सवाल नहीं उठाए.

इसी तरह योगी आदित्यनाथ ने भी साध्वी प्रज्ञा का समर्थन करते हुए कांग्रेस पर आरोप मढ़ दिए. योगी ने कहा कि मैं निजी तौर पर साध्वी प्रज्ञा का समर्थन करता हूं. कांग्रेस को साध्वी को प्रताड़ित करने का पाप किया है इसलिए उन्हें पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास न नीति है ना नियती. कांग्रेस ने केवल चुनावी फायदे के लिए ‘हिन्दू आतंकवाद’ का नाम लिया है. योगी ने यह भी कहा कि अगर पार्टी कहेगी तो वह साध्वी प्रज्ञा के समर्थन में प्रचार भी करेंगे.

बता दें, कल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मध्यप्रदेश की भोपाल संसदीय सीट से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ने हेमंत करकरे के बारे में कहा था, ‘मैंने हेमंत करकरे को कहा था कि तेरा सर्वनाश होगा और उसे आतंकियों ने मार डाला. उन्हें उनके कर्मों की सजा मिली है. उन्होंने मुझे गलत तरीके से फंसाया था. हेमंत करकरे मुझे किसी भी तरह से आतंकवादी घोषित करना चाहते थे. उसने मुझे गालियां दी. मुझे रोकने के लिए षड्यंत्र किया और 9 साल जेल में बंद रखा. इस कारण मैं 20 साल पीछे चली गई.’ साध्वी के इस बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित अन्य नेताओं ने अपना रूख प्रकट किया था.

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