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मालेगांव बम धमाकों की आरोपी और भोपाल से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा को एनआईए कोर्ट ने राहत दी है. कोर्ट ने उनके खिलाफ दायर चुनाव लड़ने से रोकने की याचिका को खारिज किया है. मुंबई की एनआईए कोर्ट में सुनवाई के दौरान जज ने कहा कि दायर याचिका में याचिकाकर्ता ने अपना हस्ताक्षर ही नहीं किया है. याचिकाकर्ता के वकील की ओर से कोर्ट में कहा गया कि साध्वी प्रज्ञा को स्वास्थ्य के आधार पर जमानत दी गई है. लेकिन वो आराम से चुनाव प्रचार कर रही है. साध्वी ने एक इंटरव्यू में भी अपने सेहत में सुधार होने की बात को स्वीकारा है.

साध्वी के खिलाफ मालेगांव धमाकों के एक पीड़िता के पिता ने एनआईए कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसमें साध्वी के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की गई थी. कोर्ट ने इस मामले में साध्वी से जवाब मांगा था. जिसमें साध्वी की तरफ से कहा गया कि याचिका राजनीति से ओत-प्रोत है. कोर्ट का समय जाया करने पर याचिकाकर्ता के ऊपर जुर्माना लगाना चाहिए. वहीं साध्वी के वकील ने कोर्ट को कहा कि वे इलाज ले रहीं हैं और उनकी सेहत में सुधार भी है. वहीं एक डॉक्टर हमेशा उनके साथ रहता है. साध्वी विचारधारा और देश के आधार पर चुनाव लड़ रही हैं. वह साबित करना चाहती है कि भगवा आतंकवाद जैसा कुछ भी नहीं है.

बता दें कि महाराष्ट्र के मालेगांव में साल 2008 में बम धमाका हुआ था जिसमें 8 लोगों की जान चली गई थी साथ ही 100 से अधिक लोग घायल हुए थे. इस मामले में साध्वी प्रज्ञा समेत अनेक लोगों को आरोपी बनाया गया था. एनआईए ने साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट दी थी. ये मामला अभी कोर्ट में लंबित है. साध्वी प्रज्ञा अभी जमानत पर बाहर है. साध्वी प्रज्ञा को बीजेपी ने मध्यप्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है. उनका सामना इस सीट पर कांग्रेस के दिग्विजय सिंह से है. दिग्विजय मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं.

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