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देश में जैसे-जैसे एक के बाद एक चरणों में लोकसभा चुनाव का रथ आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे ही राजनीतिक पार्टियों के नेताओं द्वारा दिये जा रहे विवादित बयानों से सियासी हवा में गर्मी बढ़ती जा रही है. हांलाकि निर्वाचन आयोग ने कुछ नेताओं पर कार्रवाई कर ठंडे पानी के छींटे मारे हैं लेकिन फिर भी इस गर्मी के मौसम में सियासी तापमान गिरने का नाम नहीं ले रहा है. अब भोपाल बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ने शहीद हेमन्त करकरे के बाद बाबरी विध्वंस व राम मंदिर को लेकर विवादित बयान दिया है. जिसके बाद सियासी पारे में उछाल लाजमी था, लेकिन फिर निर्वाचन आयोग ने सख्ती दिखाई और नोटिस थमाया है.

हाल ही में बीजेपी में शामिल और भोपाल प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने शहीद हेमन्त करकरे पर विवादित बयान के बाद अब बाबरी विध्वंस मामले पर विवादित बयान दिया है. जिसके बाद निर्वाचन आयोग ने कार्रवाई करते हुए उन्हें नोटिस थमाया है. बता दें कि, साध्वी प्रज्ञा ने मुंबई आतंकी हमले में शहीद हेमन्त करकरे के बारे में कहा था कि उनके श्राप से करकरे मारे गए थे. जिसके बाद देश का सियासी पारा चढ़ गया था और बीजेपी ने साध्वी के इस बयान से किनारा करते हुए उनकी निजी राय बताई थी. इस पर आखिरकार साध्वी प्रज्ञा को अपना बयान वापस लेना पड़ा था.

बता दें कि, बीते शनिवार को ही एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में साध्वी प्रज्ञा ने बाबरी विध्वंस से जुड़ा विवादित बयान देकर सियासी भूचाल ला दिया है. उनसे इंटरव्यू में राम मंदिर को लेकर सवाल पूछने पर वे बोलीं कि, ‘राम मंदिर निश्चित रूप से बनाया जाएगा. यह एक भव्य मंदिर होगा.’ वहीं राम मंदिर बनाने की समय सीमा को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि, ‘हम मंदिर का निर्माण करेंगे. आखिरकार, हम ढांचा (बाबरी मस्जिद) को ध्वस्त करने के लिए भी तो गए थे.’

इसके बाद बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ने बाबरी मस्जिद गिराने के मामले में अपनी अहम भूमिका पर भी प्रकाश डाला और कहा कि, वह न सिर्फ बाबरी मस्जिद के ऊपर चढ़ी थीं, बल्कि उसे गिराने में भी मदद की थी. उन्होंने कहा, ‘मैंने ढांचे पर चढ़कर तोड़ा था. मुझे गर्व है कि ईश्वर ने मुझे अवसर दिया और शक्ति दी और मैंने यह काम कर दिया. अब वहीं राम मंदिर बनाएंगे.’ साध्वी प्रज्ञा के इस बयान का चुनाव आयोग ने भी तुरंत संज्ञान लेते हुए उन्हें चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का नोटिस थमा दिया.

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भोपाल बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा के बयान को निर्वाचन आयोग ने गंभीरता से लिया है. इतना ही नहीं, मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वीएल कांता राव द्वारा चेतावनी देते हुए सभी राजनीतिक दलों को एडवाइजरी भी जारी की गई है. एडवाइजरी में साफ तौर पर कहा गया है कि, ‘बार-बार चुनाव के मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन व अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने की वजह से कड़ी कार्रवाई हो सकती है.’

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