गहलोत के दिल्ली दौरे के बाद पायलट के सुर पड़े नरम, बसपा से आए विधायकों के प्रति बदला नजरिया

बसपा छोड़ कांग्रेस में आये सभी छः विधायक अब हमारी पार्टी का हिस्सा हैं, उनका विलय हो चुका है. वे संगठन में आए हैं तो उन्हें जिम्मेदारी भी दी जाएगी- पायलट

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. बसपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए छः विधायकों को लेकर राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) का नजरिया अब बदल गया है. इन सभी विधायकों पर किसी समय बेबाकी से बयान दे रहे पायलट के सुर अब नरम पड़ते दिख रहे हैं. रविवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में निकाय चुनाव को लेकर हुई बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए पायलट ने इन सभी विधायकों की तरफदारी करते हुए कहा कि, “बसपा छोड़ कांग्रेस में आये सभी छः विधायक अब हमारी पार्टी का हिस्सा हैं, उनका विलय हो चुका है. वे संगठन में आए हैं तो उन्हें जिम्मेदारी भी दी जाएगी.”

आपको बता दें इससे पहले इन छः विधायकों के बसपा छोड़ कांग्रेस में शामिल होने पर सचिन पायलट ने मीडिया से कहा था कि, “वे बगैर किसी शर्त, बगैर किसी प्रलोभन और लोभ-लालच के कांग्रेस में शामिल हुए हैं तो उनका स्वागत है. राजनीतिक नियुक्तियों में पार्टी के सच्चे और मेहनती कार्यकर्ताओं को ही आगे लाया जाएगा“. पायलट ने अपनी इस बात को मीडिया के सामने एक नहीं बल्कि कई बार दोहराया था. इस तरह पायलट (Sachin Pilot) ने स्पष्ट सन्देश दिया था कि कांग्रेस सरकार में पार्टी बदलने वाले बसपा विधायकों (BSP MLAs) को राजनीतिक नियुक्तियों से कोई उम्मीद नहीं करनी चाहिए.

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वहीं रविवार शाम निकाय चुनावों को लेकर पीसीसी में हुई बैठक से पहले राजधानी के एक होटल में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच लम्बी मंत्रणा हुई जहां बसपा से कांग्रेस में विलय हुए छः में से पांच विधायक राजेन्द्र गुढा (विधायक, उदयपुरवाटी), जोगेंद्र सिंह अवाना (विधायक, नदबई), वाजिब अली (विधायक, नगर), लाखन सिंह मीणा (विधायक, करोली), और विधायक दीपचंद खेरिया भी मौजूद रहे. इस दौरान प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) के साथ बैठकर इन सभी विधायकों से लंबी मंत्रणा की. इस बैठक में सत्ता और संगठन में बेहतर तालमेल, अर्थव्यवस्था पर केंद्र सरकार को घेरने, राजनीतिक नियुक्तियों, आगामी निकाय चुनाव सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई. यहीं यह निर्णय भी हुआ कि उक्त सभी विधायकों को संगठन स्तर पर पूरा सम्मान दिया जाएगा.

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इसके बाद रविवार शाम पीसीसी में हुई बैठक के बाद पायलट ने मीडिया को बताया कि सभी छह बसपा विधायकों ने लिखित में माननीय विधानसभा अध्यक्ष महोदय सीपी जोशी को आग्रह किया था कि वे सभी कांग्रेस में विलय करना चाहते हैं, जिस पर जोशी ने सोच समझकर अपना निर्णय विधायकों के पक्ष में सुनाया जो की अंतिम होता है. इस निर्णय के बाद उनका सीधे ही कांग्रेस पार्टी में विलय हो गया है. जहां तक कांग्रेस की बात है, सभी विधायक एक नए संगठन में आए हैं. पायलट ने कहा कि जहां-जहां कांग्रेस पार्टी उन सभी विधायकों को जिम्मेदारी सौंपेगी, उसे वे ग्रहण करेंगे. उन्होंने कहा कि इसमें औपचारिकता की कोई बात नहीं है लेकिन उनके कांग्रेस में विलय होने से निकाय चुनावों में निश्चत तौर पर पार्टी को लाभ मिलेगा.

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इससे पहले जब बसपा विधायकों का कांग्रेस में विलय हुआ था, तब पायलट ने उन सभी के कांग्रेस की सदस्यता न लेने की बात पर नाराजगी भी जाहिर की थी. यहां तक कि बसपा विधायकों के कांग्रेस में इस तरह विलय की जानकारी न तो संगठन के आला अधिकारियों को थी और न ही राजस्थान कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सचिन पायलट को. इसके बाद पायलट और मुख्यमंत्री गहलोत के बीच की खींचतान भी खुलकर सामने आई थी. इस दौरान पायलट ने साफ तौर पर कहा था कि खून-पसीना बहाकर राजस्थान में कांग्रेस की सरकार लाने वाले कार्यकर्ताओं को पूरा सम्मान मिलना चाहिए. राजनीतिक नियुक्तियों में पार्टी के सच्चे और मेहनती कार्यकर्ताओं को ही आगे लाया जाएगा. इसके अलावा रविवार से पहले तक पायलट की नाराजगी इस बात को लेकर भी थी कि अभी तक इन सभी 6 विधायकों ने न तो कांग्रेस की सदस्यता ही ग्रहण की है और न ही पीसीसी चीफ (Sachin Pilot) से मुलाकात.

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रविवार को पीसीसी में हुई बैठक के बाद अविनाश पांडे ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश के बाद ही इन 6 विधायकों का कांग्रेस में विलय हुआ है और अब ये सभी कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं. पांडे ने भी ये भी साफ किया कि सत्ता और संगठन में इन विधायकों को पूरा सम्मान मिलेगा और प्रदेश के निकाय चुनाव में भी इनकी महत्वपूर्ण भागीदारी रहेगी. इस तरह अविनाश पांडे्य और सचिन पायलट (Sachin Pilot) के रविवार को सामने आए ताजा बयानों के बाद अब यह पूरी तरह स्पष्ट हो गया है कि इस महीने में होने जा रहे मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों में इन सभी छः विधायकों को सम्मानजनक पद मिलना तय है. जिसके तहत इनमें से 2-3 को मंत्री पद और 3-4 को राजनीतिक नियुक्ति के तहत मलाईदार पद मिलना पक्का है.

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