विधायकों के फोन टैपिंग के मामले में पायलट के मीडिया मैनेजर पर मुकदमा दर्ज, पूनियां ने साधा निशाना

जैसलमेर के होटल में विधायकों के फोन टैपिंग के जो आरोप लगाए गए थे उसे लेकर अब सचिन पायलट के मीडिया मैनेजर लोकेंद्र सिंह और सम्बंधित खबर को चलाने वाले एक नेशनल न्यूज़ के पत्रकार पर जयपुर की साइबर थाना पुलिस ने किया मुकदमा दर्ज

राजस्थान में विधायकों का फोन टैपिंग मामला
राजस्थान में विधायकों का फोन टैपिंग मामला

Politalks.News/Rajasthan. कुछ दिनों की चुप्पी के बाद राजस्थान की सियासत में एक बार फिर बवाल मचने के आसार हैं. प्रदेश में हाल ही में जुलाई-अगस्त में विधायकों की हॉर्स ट्रेडिंग के मामले सामने आया फोन टैपिंग का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है. दरअसल, पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच हाल ही में चली अदावत के दौरान दोनों गुटों की ओर से मीडिया में खबरें दी जा रही थी. उसी दौरान सचिन पायलट कैंप की तरफ से जैसलमेर के होटल में विधायकों के फोन टैपिंग के जो आरोप लगाए गए थे उसे लेकर अब सचिन पायलट के मीडिया मैनेजर लोकेंद्र सिंह और सम्बंधित खबर को चलाने वाले एक नेशनल न्यूज़ के पत्रकार पर जयपुर की साइबर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है.

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बता दें, मामला 7 अगस्त का है जबकि मुकदमा 6 अक्टूबर को दर्ज किया गया है. ऐसे में सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि फिर से अशोक गहलोत ने सचिन पायलट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इस बार गहलोत गुट ने पायलट समर्थक विधायकों को छोड़कर पायलट के मीडिया मैनेजर के साथ-साथ एक पत्रकार पर आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करवाया है.

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इतना ही नहीं जयपुर पुलिस की साइबर थाने की टीम बिना सचिन पायलट की इजाजत के उनके सरकारी निवास में घुसकर उनके मीडिया मैनेजर का बयान लिया गया और उसके बाद मुकदमा दर्ज कर लिया. साइबर थाने के एसएचओ सुरेंद्र पंचोली का बिना पायलट से बात किए उनके निवास पर जाकर बयान लेना कोई आम बात नहीं है, क्योंकि पायलट कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं ओर पूर्व उपमुख्यंत्री रहे हैं. इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि एसएचओ पर ऊपर से कोई दबाव रहा होगा.

मिली जानकारी के अनुसार मामला पुलिस कंट्रोल रूम में तैनात एक ड्यूटी अफसर ने दर्ज करवाया है. एफआईआर में लिखा है कि अफसर 6 अगस्त को कंट्रोल रूम में डयूटी कर रहा था. ऐसे में राजस्थान सरकार के ऊपर पुलिस द्वारा टेलीफोन टेपिंग करने के आरोप सुनकर उसे इतना बुरा लगा कि उसने साइबर थाने में जाकर मुकदमा दर्ज करा दिया. वहीं साइबर थाने ने सचिन पायलट के मीडिया मैनेजर व खबर चलाने वाले पत्रकार शरत कुमार शर्मा को दोषी मानते हुए विधायकपुरी थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया.

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इस मामले की जांच विधायकपुरी थाने के सीआई ओम मतवा को दी गई है. मतवा का कहना है कि हमारे पास तो कार्रवाई के लिए भेजा गया है और कहा गया है कि जल्दी से जल्दी कार्रवाई करें बाकी इसके बारे में ऊपर के अधिकारी बताएंगे.

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इस मामले को लेकर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा है. पूनियां ने कहा कि लोकतंत्र पर खतरे की बड़ी बड़ी बातें करने वाले अशोक गहलोत जी लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के दमन पर उतर आए हैं. पूनियां ने कहा इसका एक कारण यह भी है की विगत दिनों पत्रकारों ने वंचितों और अबलाओं की रक्षा के लिए आवाज बुलंद की है. सरकार का यह कृत्य तो विनाशकाले विपरीत बुद्धि जैसा ही होगा.

बता दें कि सचिन पायलट पर स्पेशल एसओजी ने मुकदमा दर्ज किया था, जिसके अन्दर सचिन पायलट को देशद्रोह के मुकदमे के तहत नोटिस दिया था. जिसके बाद नाराज होकर पायलट ने बगावत कर दी थी. बाद मे आलाकमान के हस्तक्षेप से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट की सुलह के बाद पूरा मामला खत्म हो गया था. लेकिन 2 महीने बाद अब हुई इस घटना का असर कहां तक और कितना रहने वाला और सचिन पायलट इस पर क्या एक्शन लेंगे यह एक-दो दिन में सामने आ जाएगा.

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