पायलट का संघ पर बड़ा हमला- नेकर पहनकर भाषण देना नहीं, बल्कि किसानों के साथ खड़ा होना है राष्ट्रवाद

अपने समर्थक विश्वेन्द्र सिंह, प्रकाश सोलंकी, मुकेश भाकर, राकेश पारीक और हरीश मीणा के साथ धरने में पहुंचे सचिन पायलट ने बहुत दमदार भाषण तो दिया ही, वहीं धरने के आयोजन के लिए सीएम गहलोत और गोविंद सिंह डोटासरा को धन्यवाद देते हुए अपने चिर परिचित अंदाज "राम-राम सा" के साथ भाषण का समापन किया

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Politalks.News/Rajasthan. कृषि कानूनों के विरोध में और किसान आंदोलन के समर्थन में जयपुर के शहीद स्मारक पर प्रदेश कांग्रेस की तरफ से आयोजित धरने में पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने आरएसएस और भाजपा पर जबरदस्त हमला बोलते हुए कहा कि यह जो नेकर पहनकर नागपुर से भाषण करते हैं वो राष्ट्रवाद नहीं है बल्कि किसान के साथ खड़ा होना ही सच्चा राष्ट्रवाद है. बता दें, अपने समर्थक विधायक विश्ववेंद्र सिंह, वेद प्रकाश सोलंकी, मुकेश भाकर, राकेश पारीक और हरीश मीणा के साथ धरने में पहुंचे सचिन पायलट ने बहुत दमदार भाषण तो दिया ही, वहीं धरने के आयोजन के लिए सीएम गहलोत और गोविंद सिंह डोटासरा को धन्यवाद देते हुए अपने चिर परिचित अंदाज “राम-राम सा” के साथ भाषण का समापन किया. इसके साथ ही बहुत दिनों बाद सीएम गहलोत, पायलट और डोटासरा एक साथ मंच पर नजर आए.

इससे पहले केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए सचिन पायलट ने कहा कि जिस घमंड और तानाशाही में केंद्र सरकार ने ये बिल पास कराए हैं, मोदी सरकार आज तक ये नहीं बता पा रही कि इन कानूनों की मांग की किसने की, किस किसान संगठन ने इन कानूनों की मांग की है. आज देश की सौ फीसदी जनता किसानों से संबंध रखती है. पायलट ने कहा कि कौनसा किसान है जो न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं चाहता, लेकिन कानून लाने से पहले किसी से बात नहीं की गई. सचिन पायलट ने कहा कि आज किसान आंदोलन के साथ भयभीत भी है. वह चिंता करता है कि बच्चों का पालन कैसे होगा.

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सचिन पायलट ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार पर एक भी मंत्री ऐसा नहीं है जो किसानों से संबंध रखता हो, पीयूष गोयल किसानों से बात करने जाते हैं, लेकिन पीयूष गोयल कौनसे किसान हैं. केवल किताबें पढ़ने से किसान नहीं बन पाते, इसके लिए किसानों से संवाद और उनके बीच रहना पड़ता है. पायलट ने कहा कि कांग्रेस पार्टी से कई बड़े किसान नेता निकले है. लेकिन, भाजपा से किसान नेता कभी नहीं हो सकता है, ना कभी हुआ है. हां, ये लोग किसानों के हितैषी बनकर वोट जरूर ले सकते है. पायलट ने कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी की यह अहंकारी सरकार बहुत जिद्दी हो लेकिन, आज ये किसान भी जिद्दी हैं.

सचिन पायलट ने आगे कहा कि हम पर ये आरोप लगता है कि हम किसान आंदोलन के नाम पर राजनीति कर रहे हैं, लेकिन ये राजनीति नहीं है, अगर केंद्र सरकार किसानों के हित में इन कानूनों को वापस लेती है तो कोई गलत बात नहीं होगी, हम केंद्र सरकार को भी बधाई देंगे. पायलट ने कहा कि अगर किसानों के पक्ष में खड़े होना राजनीति है तो हम ये राजनीति करते रहेंगे. पायलट ने कहा कि राजस्थान का किसान यदि 6 बोरी अनाज पैदा करता है, तो क्या वो चंडीगढ़ या मुंबई जाएगा. आज मोदी सरकार हर चीज को गिरवी रख रही है और बेच रही है.

आपको बता दें कि कांग्रेस के इस धरने में कई महीनों बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व सचिन पायलट एक ही मंच पर पास बैठे नजर आए. इस दौरान सचिनN पायलट के धरना स्थल पर पहुंचने के एक घंटे बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शहीद स्मारक पर धरने में शामिल होने पहुंचे. इस दौरान लगातार सचिन पायलट जिंदाबाद के नारे लगते रहे.

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