लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद प्रदेश कांग्रेस में मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. टोडाभीम से पार्टी के विधायक पीआर मीणा ने लोकसभा चुनाव में हार के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि पार्टी के सत्ता में होने पर चुनाव में जीत-हार की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की होती है न कि प्रदेशाध्यक्ष की. प्रदेशाध्यक्ष जीत-हार के लिए तब जिम्मेदार होता है जब पार्टी सत्ता में न हो.

पीसीसी में प्रदेशाध्यक्ष और डिप्टी सीएम सचिन पायलट से मुलाकात करने आए पीआर मीणा ने मीडिया से बातचीत कहा, ‘अशोक गहलोत की पब्लिक लाइकिंग नहीं है. जाट नाराज हैं, मीणा नाराज हैं, गुर्जर नाराज हैं तो फिर वोट देगा कौन. युवा आदमी सीएम बनता तो कुछ करता. दो बार पहले सीएम बने थे अशोक जी. एक बार 56 सीटें आई और दूसरी बार 21. पार्टी को किसी को सीएम बनाते समय यह देखना चाहिए कि कुर्सी पर क्यों बैठाया जा रहा है. उसका प्रबंधन कैसा है. अशोक गहलोत तो पहले ही दो बार फेल हो चुके हैं, उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का क्या मतलब निकला.’

पीआर मीणा ने कहा, ‘आपको पता है कि विधानसभा के चुनाव के बाद मैंने कहा था कि सचिन पायलट को सीएम बनना चाहिए. इसकी वजह यह थी कि उनकी वजह से ही राजस्थान में कांग्रेस का बहुमत आया था. कांग्रेस को पूर्वी राजस्थान की 46 सीटों में से ज्यादातर पर जीत मिली. इसकी बड़ी यहां सचिन पायलट का असर होना है. जालौर, पाली और सिरोही में पायलट का प्रभाव नहीं था इसलिए यहां कांग्रेस को बहुत कम सीटें मिलीं. इसी वजह से मैंने कहा था कि सचिन पायलट सीएम बनना चाहिए.’

विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधायकों तक की नहीं सुनते हैं. उन्होंने कहा, ‘इस सरकार में कार्यकर्ताओं के काम नहीं हो रहे हैं. मैं अपने काम नहीं करवा पा रहा. मुख्यमंत्री मेरी बात सुनने को तैयार नहीं हैं. पार्टी को इस बारे में सोचना चाहिए. यदि आलाकमान ने ध्यान नहीं दिया तो राजस्थान में पार्टी का भट्टा बैठना तय है. राजस्थान को युवा नेतृत्व मिलना चाहिए.’

आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में राजस्थान की सभी 25 सीटों पर कांग्रेस की हार हुई है. 24 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है जबकि एक सीट पर उसकी सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने फतह हासिल की है. करारी हार के बाद से कांग्रेस के भीतर उथल-पुथल मची हुई है. मंत्री रमेश मीणा और उदयलाल आंजना हार की समीक्षा कर जिम्मेदारी तय करने की मांग कर चुके हैं.

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