पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आदेश के बाद आज से प्रवासी श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए स्पेशल बसें चलाने की शुरूआत हो गई है. इसी के तहत राजधानी जयपुर में आज उपमुख्यमंत्री व पीसीसी चीफ सचिन पायलट और परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने यूपी, छत्तीसगढ और बिहार के करीब 85 श्रमिकों को खाद्य सामग्री, पानी और राशन के साथ स्पेशल बसों में रवाना किया. इस दौरान डिप्टी सीएम पायलट ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए मजदूरों के मुददे पर केंद्र और यूपी सरकार पर जमकर निशाना साधा.
उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि जब देश में पहली बार लॉकडाउन लगा तक किसी ने कल्पना नहीं की थी कि इस महामारी के खिलाफ संघर्ष पूरे देश को करना है उसका इतना बड़ा भार देश के श्रमिकों को सहना पड़ेगा. पहली बार हमने देखा था लाखों की संख्या में बुजुर्ग, बच्चे, श्रमिक सब बॉर्डर पर फंसे हुए थे. अब पिछले कुछ दिनों दिनों से सब्र का बांध लोगों का टूटा है. आज इस चुनौतीपूर्ण घड़ी में भी आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. देश के मेहनतकश लोग जिन्होंने इस देश को अपने पैरों पर खड़ा किया है, आज वह अपने गांव में वापस जाना चाहते हैं उनके लिए केंद्र सरकार ने इतना असमंजस पैदा कर दिया है कि हम बयां नहीं कर सकते.
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सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस पार्टी चाहती है कि हर व्यक्ति को अधिकार है अपने घर पहुंचने का, उसकी सुरक्षा, खाने-पीने का इंतजाम करना उस सरकार की जिम्मेदारी है जिस राज्य में वो लोग है. कांग्रेस पार्टी ने यह बीड़ा उठाया है कि हम सभी लोगों को सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाने का काम करेंगे. पायलट ने आगे कहा कि बस, ट्रेन चाहे जैसे भी हो हम प्रवासियों को उनके घर पहुंचायेंगे.
कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रवासियों की मदद के लिए यूपी भेजी गई बसों को परमिशन नहीं देने के मामले में पायलट ने कहा कि यूपी सरकार जो कर रही है वह बड़ा निंदनीय है. प्रियंका गांधी जी के आह्वान पर 1000 बस पार्टी कार्यकर्ताओं ने यूपी में दी थी. इन बसों के लिए यूपी सरकार ने पहले परमिशन नहीं दी अब परमिशन देते हुए कहा कि इन बसों को लखनऊ भेज दीजिए. प्रवासी लोगों को इंतजार कराना, घुमाना, जिन कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने अपनी गाढ़ी कमाई से श्रमिकों के लिए बसों का इंतजाम किया है, उन बसों को बेवजह बॉर्डर पर रोकना यह कहां की इंसानियत है.
पायलट ने आगे कहा कि हम लोग जिम्मेदारी समझते हैं. संकट के इस समय में राज्य सरकार और केंद्र सरकार को मिलकर लाखों-करोड़ों लोगों के आंसू पूंछने चाहिए. अपने घर तक प्रवासी लोग पहुंच सके, लोग बेरोजगार हो गए हैं, खाने को सामग्री खत्म हो गई है. कोरोना संकट के इस काल के इतने हफ्ते निकल गए लेकिन केंद्र सरकार ने कोई ठोस नीति अभी तक नहीं बनाई है. राजस्थान में सरकार और पार्टी ने मिलकर सैकड़ों लोगों को अपने घर भेजा है और लाखों लोग वापस आना भी चाहते हैं. पायलट ने आगे कहा कि श्रमिकों के नाम पर जो टिप्पणी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राहुल गांधी जी पर की वह निंदनीय और अशोभनीय है. किसी का दुख बांटना उसकी मदद करना कहां से दिखावा हो गया.
इसके साथ ही पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं केंद्र सरकार से कि 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज में गरीब के हाथ में कितना पैसा आया. देश के श्रमिक जो अपने घर जाना चाहते हैं उनकी व्यवस्था के लिए आपने कितना पैसा दिया है. सिर्फ एक लोन मेला लगा दिया लोन ले जाओ और बाद में जो चुकाते रहना यह दोहरी नीति है हम इसकी भर्त्सना करते हैं. कांग्रेस ने प्रण लिया है पूरे देश में जहां भी कोई व्यक्ति अटका हुआ है, उसके लिए पैसे का इंतजाम करेंगे, खाने का इंतजाम करेंगे और उसको घर पहुंचायेंगे. इस कठिन समय में हमको एकजुटता का परिचय देना चाहिए लेकिन केंद्र सरकार और बीजेपी के नेता बेवजह बयान बाजी कर इन गरीब श्रमिकों पर राजनीति कर रहे हैं. अब समय आ गया है सामने आकर इन लोगों को घर पहुंचाना चाहिए मैं उम्मीद करता हूं केंद्र सरकार इससे कोई सबक लेगी.
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प्रदेश मनरेगा में तहत दिए जा रहे रोजगार को लेकर पायलट ने कहा कि 17 अप्रैल को प्रदेश में 62 हजार लोग मनरेगा में रोजगार ले रहे थे. आज यह संख्या 34 लाख हो गई है. प्रदेशभर में 28 दिन के अंदर 62 हज़ार से हम 34 लाख पर पहुंचे हैं. देश में मनरेगा में रोजगार देने में राजस्थान नंबर एक राज्य है जहां गांव देहात में लोगों को नरेगा से रोजगार मिल रहा है. हम लोगों ने कहा है जो भी श्रमिक प्रदेश में आएंगे उन लोगों के लिए हम आसानी से जॉब कार्ड बनवायेंगे, उनकी ट्रेनिंग करवाएंगे. सरल तरीके से लोगों को काम मिले उनके जॉब कार्ड मिले इस बात के लिए मैंने विभाग को दिशा निर्देश दिए हुए हैं.
यूपी में कांग्रेस की ओर से भेजी गई 1000 बसों पर बीजेपी द्वारा उठाए जा रहे सवालों को लेकर सचिन पायलट ने कहा कि सभी बसें बॉर्डर पर खड़ी है 2 दिन हो गए हैं और बसों को भी पार्टी कार्यकर्ता भेज रहे हैं उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब जहां-जहां से अपनी बसें भेज सकते हैं हम भेज रहे हैं. लेकिन जानबूझकर इन बसों को परमिशन नहीं दी जा रही है, नेताओं पर जानबूझकर उंगली उठाई जा रही है. संकट के इस समय में बीजेपी किस इंसानियत का परिचय दे रही है. इस समय एक दूसरे की पार्टी विचारधारा से परे हटकर सहायता करने का काम करना चाहिए जो कि बीजेपी नहीं कर पा रही है.