युवा दिलों की धड़कन (Heart Beat of Youth), राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष (Rajasthan Pradesh Congress President) और उप मुख्यमंत्री (Deputy CM) सचिन पायलट (Sachin Pilot) का आज जन्मदिन है. पायलट ने आज अपने जीवन के 42 (42Years) सावन पूरे कर लिए हैं. विधायक के रूप में पहली बार 2018 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में पायलट ने टोंक जिले से जबरदस्त जीत दर्ज की. यहां उन्होंने वसुंधरा सरकार में मंत्री रहे यूनुस खान को भारी मतों से पटखनी दी. सचिन पायलट की पहचान आज एक युवा चेहरे, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी और एक उच्च कोटि के भारतीय राजनीतिज्ञ के तौर पर है.
सचिन पायलट एक राजनेता होने के साथ साथ युवाओं के लिए आदर्श व मोटिवेशनल वक्ता भी हैं. पायलट को भारतीय राजनीति (India Politics) का युवा रूप माना जाता हैं जो आपके व्यक्तित्व में साफ़ झलकता है. सचिन पायलट को राजस्थान के भावी मुख्यमंत्री के तौर पर देखा जा रहा है. वर्तमान में वे प्रदेश के डिप्टी सीएम के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का दायित्व भी निभा रहे हैं. कम ही लोगों को पता है कि राजनीति में आने से पहले सचिन पायलट दिल्ली में ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन और उसके बाद दो साल जनरल मोटर्स के लिए काम कर चुके हैं.
सचिन पायलट (Sachin Pilot) का जन्म 7 सितम्बर, 1977 को उत्तरप्रदेश के सहारनपुर जिले में एक गुर्जर परिवार में हुआ. उनके पिता का नाम राजेश पायलट (Rajesh Pilot) और माता का नाम रमा पायलट (Rama Pilot) है. हालांकि सचिन का जन्म यूपी में हुआ लेकिन राजस्थान का दौसा जिला उनके पिता की कर्मभूमि बना रहा. यही वजह रही कि सचिन का राजस्थान (Rajasthan) से खास जुड़ाव रहा. उनके पिता स्वर्गीय राजेश पायलट (Rajesh Pilot) कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से एक रहे.
सचिन पायलट (Sachin Pilot) की प्रारंभिक शिक्षा नयी दिल्ली के एयर फोर्स बाल भारती स्कूल में हुई. उन्होंने अपने स्नातक की डिग्री दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज और उसके बाद एमबीए की डिग्री अमरीका स्थित पेंसिलवानिया विश्वविद्यालय के व्हॉर्टन स्कूल से हासिल की.
सचिन के पिता राजेश पायलट (Rajesh Pilot) के 11 जून, 2000 में दौसा से जयपुर लौटते हुए एक सड़क हादसे में निधन के बाद सचिन पायलट देश वापिस लौटे. यहां उन्होंने अपने पिता के जाने के बाद घर का दायित्व पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाया. 10 फरवरी, 2002 को अपने पिता के जन्मदिन के दिन ही सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की. इस अवसर पर उन्होंने एक बड़ी किसान सभा का आयोजन किया जिसमें भारी संख्या में दौसा जिले के किसानों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. 13 मई, 2005 को पायलट 14वीं लोकसभा के लिए दौसा सीट से सांसद चुने गये और 26 साल की आयु में सचिन पायलट लोकसभा में पहुंचने वाले देश के सबसे युवा सांसद बने. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को 1.2 लाख मतों से हराया.
15वीं लोकसभा में दौसा की सीट एसटी के लिए आरक्षित होने के बाद उन्होंने अजमेर सीट से चुनाव लड़ा और एक बार फिर बड़ी जीत दर्ज की. वे भारत सरकार की पंद्रहवीं लोकसभा के मंत्रीमंडल में संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रहे. इसके अलावा कांग्रेस की सरकार में गृह विभाग के स्टैंडिंग कमिटी के सदस्य एवं नागरिक उड़्डयन मंत्रालय के सलाहकार समिति के सदस्य रहे. 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में सचिन पायलट जीत की हैट्रिक लगाने से चूक गए. उन्हें बीजेपी के सांवरलाल जाट के हाथों हार का सामना करना पड़ा. बाद में सांवरलाल के निधन के बाद वर्तमान सरकार में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने ये सीट वापिस से कांग्रेस को दिला दी थी.
2014 में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद सचिन पायलट ने न केवल 2013 के विधानसभा चुनावों में उलटे मुंह गिरी पार्टी को फिर से उठाया, बल्कि उसके बाद में हुए सभी चुनावों में कांग्रेस को जीत दिलाते हुए खड़ा किया. हालही 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में अपने नेतृत्व में कांग्रेस की सत्ता में वापसी कराते हुए सरकार बनवाई. 2018 में सरकार बनने के बाद अशोक गहलोत ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की. वहीं सचिन पायलट ने डिप्टी सीएम का पदभार संभाला.
सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने 2005 में सारा अब्दुल्लाह (Sara Abdullah) से हिंदू पद्धति से विवाह किया. सारा तीन बार के जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे कश्मीरी नेता फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) की सुपुत्री और उमर अब्दुल्ला (Umar Abdullah) की बहन हैं. उनके दो बच्चे हैं जिनका नाम आरान और वेहान है.
सचिन पायलट एक अच्छे स्पोर्ट्स पर्सन भी हैं. उन्हें क्रिकेट खेलना काफी पसंद है. वे समय-समय पर राजनीति का मैदान के साथ-साथ क्रिकेट के पिच पर गेंद बल्ला थामे देखे जाते हैं. वे एक अच्छे स्पिंन गेंदबाज हैं.