नोटिस झेल चुके रोहिताश्व के तेवर बरकरार, बोले- घरों में बैठे-बैठे ही राजनीति करना चाहते हैं पार्टी के नेता

अनुशासनहीनता का नोटिस का जवाब देने के बाद भी नहीं बदले रोहिताश्व शर्मा के तेवर, बोले- पार्टी मंच पर बात रखना अनुशासनहीनता नहीं, मैंने पार्टी के खिलाफ बयान नहीं दिया, रोहिताश्व का एक वायरल ऑडियो भी बीजेपी के सियासी गलियारों में मचा रहा है धूम

पार्टी मंच पर बात रखना अनुशासनहीनता नहीं- रोहिताश्व
पार्टी मंच पर बात रखना अनुशासनहीनता नहीं- रोहिताश्व

Politalka.News/Rajasthan. प्रदेश कांग्रेस की तरह ही भाजपा में भी सियासी घमासान थमता दिखाई नहीं दे रहा है. पार्टी के खिलाफ बयानबाजी को लेकर बीजेपी के नोटिस का जवाब देने के बाद वसुंधरा राजे समर्थक पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा के तेवर और तीखे हो गए हैं. रोहिताश्व शर्मा ने एक बार फिर आरोप लगाते हुए कहा है कि- “मेरे क्षेत्र अलवर में पिछले दो साल में एक भी बीजेपी का बड़ा नेता नहीं आया. यह मेरे मन की पीड़ा आज भी है और पहले भी थी. मैंने इसी पीड़ा को पार्टी मंच पर जाहिर किया. पार्टी मंच पर बात रखना अनुशासनहीनता नहीं होता. मैंने नोटिस का भी जवाब दे दिया है. मैंने बीजेपी के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया.”

अपने बयान पर कायम, ‘दो साल से अलवर नहीं आया कोई बड़ा नेता’-
रोहिताश्व शर्मा ने कहा- मैंने तो इतना कहा था कि हमारी पार्टी के नेता घरों में बैठे-बैठे राजनीति करना चाहते हैं. अलवर में दो साल में बीजेपी का कोई नेता नहीं आया. हमारे लिए यही पीड़ा की बात है. मैंने पार्टी हित और जनहित में बात उठाई है. मैंने तो पार्टी को ताकत देने वाली बात कही थी. राजनीति में लोगों से दूर कैसे रह सकते हैं, यही बात तो कही थी.

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सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि जनप्रतिनिधि अपनी भावनाओं को कर सकता है व्यक्त’
रोहिताश्व शर्मा ने आगे कहा कि- दलबदल कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी अब कह चुका है कि कोई जनप्रतिनिधि अपनी भावनाओं को व्यक्त कर सकता है, विरोध में बोल सकता है. पार्टी के खिलाफ वोट करेगा तो ही दलबदल कानून लागू होता है. विधानसभा या अन्य जगह अगर कोई जनप्रतिनिधि खिलाफ बोलता है तो उसे दलबदल नहीं माना गया है. जनप्रतिनिधि को बात उठाने का अधिकार है. जब बोलने ही नहीं देंगे तो पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र कैसे रहेगा? पार्टी का आंतरिक लोकतंत्र तभी मजबूत होगा, जब नेताओं को अपनी मन की बात रखने का खुला मौका मिलेगा.

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रोहिताश्व ने दिया नोटिस का जवाब- ‘अनुशासनहीनता को नकारा’
आपको बता दें, रोहिताश्व शर्मा ने कल यानी गुरुवार को ही पार्टी को नोटिस का जवाब दिया है. यह नोटिस उन्हें 1 जून को अलवर बीजेपी की वर्चुअल बैठक में बयानबाजी को लेकर दिया था. 9 जून तक उसका जवाब देना था. रोहिताश्व शर्मा ने नोटिस में अनुशासनहीनता की बात को नकारते हुए खुद को बीजेपी का कर्मठ कार्यकर्ता बताया है और आरोपों को नकारा है. नोटिस का जवाब देने के साथ ही उन्होंने वही बातें दोहराई हैं, जिनके आधार पर नोटिस दिया था.

वहीं नोटिस झेल रहे पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा का एक ऑडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस ऑडियो क्लिप में शर्मा कथित तौर पर अपने एक कार्यकर्ता से कह रहे हैं कि वसुंधरा राजे अगले तीन महीने के अंदर पार्टी को टेकओवर कर लेंगी. इस ऑडियो के सामने आने के बाद राजस्थान भाजपा में अंदर ही अंदर चल रही लड़ाई बाहर आ गई है. ऑडियो में रोहिताश्व शर्मा वर्तमान भाजपा नेतृत्व की आलोचना करते भी सुनाई देते हैं.

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