चिराग को मांझी की चेतावनी- नीतीश के खिलाफ बगावत बर्दाश्त नहीं, आवाज उठाई तो दूंगा जवाब

कभी नीतीश के खिलाफ जहर उगलने पर पार्टी से बाहर हुए मांझी अब चुनाव से पहले बने नीतीश के हनुमान, बोला चिराग पर हमला, रामविलास पासवान पर भी साधा निशाना, 40 दशकों से दलितों की राजनीति करने का लगाया आरोप

Jitinram Manjhi Bihar
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Politalks.News/Bihar. कहते हैं सियासत में सब कुछ वाजिब है और अंत समय में कुछ भी हो सकता है. कभी तो घनिष्ठ मित्र जानी दुश्मन हो सकते हैं और कभी पल भर में कट्टर दुश्मन भी दोस्त बन जाते हैं. ऐसा ही कुछ बिहार की राजनीति में हो रहा है. एक समय नीतीश कुमार की बात न मानने के चलते पार्टी से बाहर किए गए मांझी चुनाव में गठबंधन में होने के बावजूद नीतीश कुमार के खिलाफ बोलते नजर आए. बिहार विधानसभा चुनाव के बाद जब मांझी महागठबंधन में शामिल हुए तो उन्होंने नीतीश कुमार पर जमकर जहर उगला. वही मांझी अब नीतीश के इतने सगे बने हुए हैं कि उनके खिलाफ एक शब्द तक नहीं सुन सकते. यहां तक की उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर आग उगलने वाले चिराग पासवान से भी पंगा लेने का पूरा मूड बना लिया है.

कुछ महीने पहले तक नीतीश के खिलाफ बोलने वाले जीतनराम मांझी के मन में अब उनके प्रति प्रेम जाग गया है. एनडीए में एंट्री के बाद अब चिराग के खिलाफ मुखर होते हुए उन्होंने साफ साफ चेतावनी दी है कि वे नीतीश के खिलाफ बगावत बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने लोजपा प्रमुख का नाम लेते हुए कहा कि चिराग ने अगर सीएम के खिलाफ आवाज उठाई तो उन्हें करारा जवाब दूंगा. मांझी ने कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए को लीड कर रहे हैं तो ऐसे में उनके खिलाफ कोई बात बर्दाश्त नहीं की जा सकती है.

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काबिलेगौर है कि एनडीए में शामिल दोनों घटक दल एक दूसरे के खिलाफ खड़े होने की तैयारी कर रहे हैं. सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी अब चिराग पासवान से आर-पार के मूड में हैं. मांझी ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘चिराग कहते हैं कि जहां जदयू के उम्मीदवार होंगे, वहां उनके खिलाफ लोजपा प्रत्याशी उतारेगी. अगर यही स्थिति रही तो जहां लोजपा के कैंडिडेट होंगे, वहां हिंदुस्तान आवाम मोर्चा भी प्रत्याशी उतारेगा.’ मांझी ने ये भी कहा कि अगर चिराग एनडीए में सामंजस्य बिठाकर चुनाव लड़े तो राज्य के लिए सही होगा. अगर सामंजस्य नहीं बैठा तो इससे सबको दिक्कत हो सकती है.

मांझी यहीं नहीं रूके. चिराग के साथ उन्होंने केंद्रीय मंत्री और लोजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान को भी निशाने पर ले लिया. मांझी ने रामविलास पासवान पर चार दशकों से दलितों की राजनीति करने का आरोप जड़ दिया. मांझी ने कहा कि पासवान ने दलितों के लिए अब तक कुछ नहीं किया और न ही इतने बड़े राजनीतिक जीवन में दलितों को कोई तरजीह दी. ऐसे में रामविलास और चिराग को दलितों को कुछ भी बोलने का अधिकार नहीं है.

बता दें, लोजपा प्रमुख चिराग पासवान पिछले कुछ महीनों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. माना तो यही जा रहा है कि चिराग केवल सीट शेयरिंग के लिए जदयू को आंखे दिखा रहे हैं. एनडीए को टूटता देख पहले जदयू और बाद में भाजपा की तरफ से भी डैमेज कंट्रोल की कोशिश की गई लेकिन नहीं माने. यहां तक की चिराग ने यह बयान देकर और सरगर्मी बढ़ा दी है कि वे जदयू के खिलाफ उम्मीदवार उतारेंगे.

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चिराग के बगावती तेवर की वजह से ही सीएम नीतीश ने मांझी को एनडीए में लाने का फैसला किया. इसके बाद चिराग और नीतीश के बीच तल्खी और बढ़ गई. वो इसलिए क्योंकि लोजपा और मांझी की हम, दोनों ही पार्टियां दलितों का प्रतिनिधित्व करते हैं. ऐसे में दोनों के बीच तलवारे खिंचना स्वभाविक है. मांझी के एनडीए में आने के बाद वैसे ही चिराग के तेवर बढ़े हुए हैं, मांझी के इस बयान के बाद तो गर्म मिजाज जूनियर पासवान की बौहें और चढ़ गई होंगी. ऐसे में उनका तीसरा धड़ा बनाना पक्का लग रहा है.

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