Politalks.News/Rajasthan. सीएम के सलाहकार (cm advisor) दनिश अबरार (Danish Abrar) द्वारा रीको के कार्यक्रम के बहिष्कार की चेतावनी ने भाजपा को बैठे-बैठाए सरकार के खिलाफ एक मुद्दा दे दिया है. उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने इसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) को पत्र लिखा है. इस पत्र में राठौड़ ने दानिश अबरार को सीएम सलाहकार के पद से बर्खास्त करने की मांग करते हुए अशोक गहलोत सरकार और कांग्रेस को जमकर आड़े हाथ लिया है. साथ ही बीसूका जिला समितियों में कांग्रेस जिलाध्यक्षों की नियुक्ति और एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत पर भी जमकर कटाक्ष किए हैं. राठौड़ ने इस नियुक्ति को डोटासरा को बीसूका उपाध्यक्ष (कैबिनेट मंत्री) बनाने का फॉर्मूला बताया है.
यहां आपको याद दिला दे कि जब बीसूका जिलाध्यक्षों की नियुक्ति हुई तो तब सबसे पहले पॉलिटॉक्स न्यूज़ ने इसे पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा को कैबिनेट मंत्री बनाए जाने का फॉर्मूला बता दिया था. अब बीजेपी नेता राजेन्द्र राठौड़ ने भी सीएम को लिखे अपने पत्र में उल्लेख किया है कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा ने बीसूका प्रदेश उपाध्यक्ष पद पर काबिज होने के लिए नया फॉर्मूला लागू कर दिया है. इसके साथ ही पत्र में राठौड़ ने तंज कसते हुए लिखा है कि, ‘मेरा आपसे अनुरोध है कि राज्य सरकार के खिलाफ विरोध का स्वर मुखर करने वाले सलाहकार दानिश अबरार के पश्चात् अन्य सलाहकारों में विरोध का संक्रमण ना फैलें, इस संदर्भ में जो सलाहकारों की नियुक्ति की गई है उस पर पुनर्विचार करें और लाभ के पद पर आसीन इन सलाहकारों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करें’.
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‘सरकार के खिलाफ सलाहकारों में पनपता भारी असंतोष’
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने पत्र में लिखा है कि, ‘सवाईमाधोपुर जिले में 5 जनवरी को आयोजित होने वाली रीको की बिजनेस मीट पर आपके नवनियुक्त सलाहकार दानिश अबरार द्वारा कार्यक्रम का बहिष्कार करते हुए काले झंडे दिखाने की धमकी देना अपनी ही सरकार के खिलाफ सलाहकारों में पनपते भारी असंतोष के मुद्दे की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं’. आपको याद दिला दें कि राठौड़ सीएम सलाहकारों की नियुक्ति को असंवैधानिक बताते हुए राज्यपाल कलराज मिश्र को पत्र लिख चुके हैं.
‘असंतोष को दबाने के लिए हुई सलाहकारों की नियुक्ति’
भाजपाई दिग्गज राजेन्द्र राठौड़ ने कांग्रेस की कलह पर तंज कसते हुए लिखा है कि, ‘राजस्थान में अंतर्कलह से जूझती राज्य सरकार को प्रारम्भिक दिनों से ही भारी असंतोष का सामना करना पड़ रहा है और इसी का परिणाम रहा है कि करीब 3 साल गुजरने के बाद आपने तमाम संवैधानिक प्रावधानों की धज्जियां उड़ाकर अपने असंतुष्ट विधायकों को अवैधानिक पदों की रेवड़ी बांट संतुष्ट करने का प्रयास किया है’. सीएम गहलोत पर हमला करते हुए राठौड़ ने लिखा कि, ‘संविधान के प्रावधानों के विपरीत पार्टी में उभरते हुए असंतोष को दबाने के लिए मंत्रिमंडल पुनर्गठन के तुरंत बाद कांग्रेस विधायक डॉ. जितेंद्र सिंह, राजकुमार शर्मा, दानिश अबरार, बाबूलाल नागर, संयम लोढ़ा और रामकेश मीणा को सलाहकार के पद पर उपकृत कर दिया’.
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‘अन्य असंतुष्ट सलाहकारों में विरोध के संक्रमण का रोग ना फैले’
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने गहलोत सरकार पर तंज कसते हुए पत्र में लिखा है कि, ‘आश्चर्य की बात यह है कि आपके द्वारा नियुक्त सलाहकार अब आपकी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. जिसकी शुरुआत सवाईमाधोपुर में 5 जनवरी को होने वाली बिजनेस समिट के निमंत्रण कार्ड पर जनप्रतिनिधियों के नाम नहीं होने के कारण आपके सलाहकार दानिश अबरार ने काले झंडे दिखाने की धमकी देकर की है’. गहलोत सरकार पर तंज कसते हुए राठौड़ ने लिखा है कि, ‘सलाहकार महोदय अपनी उपेक्षा के चलते अपनी ही सरकार के कार्यक्रम में काले झंडे दिखाने की चेतावनी मुख्यमंत्री को दे रहे हैं. यह तो महज शुरुआत है, इनके बाद अन्य असंतुष्ट सलाहकारों में विरोध के संक्रमण का रोग ना फैले, इससे पूर्व आपको मेरे दूवारा पूर्व में सलाहकारों के संबंध में उठाई गई सभी तथ्यात्मक बातों पर एक बार पुनः गंभीरता से विचार करना चाहिए’
‘कांगेस में उभरते असंतोष का लावे को दबाने का असफल प्रयास’
कांग्रेस जिलाध्यक्षों को बीसूका जिला उपाध्यक्ष बनाए जाने को लेकर गहलोत सरकार को आड़े हाथ लेते हुए राजेन्द्र राठौड़ ने पत्र में लिखा है कि, ‘मुख्यमंत्री जी आपने नववर्ष के अवसर पर बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति (बीसूका) का कांग्रेसीकरण कर 10 कांग्रेस जिलाध्यक्षों को जिला उपाध्यक्ष के पद से नवाजकर जिला प्रशासन में दखलअंदाजी की नई परिपाटी शुरू कर दी है, जिसका श्रेय आपको ही जाता है’. राठौड़ ने लिखा है कि, ‘सर्वविदित है कि बीसूका में किए जाने वाले निर्णय, लक्ष्यों का निर्धारण और क्रियान्वयन का आमजन से प्रत्यक्ष जुड़ाव रहता है, इसके बावजूद आपने जनता से जुड़ी इस महत्वपूर्ण समिति में किसी विशेषज्ञ को सम्मिलित नहीं करके कांग्रेसियों को जिला उपाध्यक्ष बनाकर राजनीतिक पद से उपकृत किया है जो कि भीतरघात से जूझ रहे कांगेस नेताओं में उभरते असंतोष के लावे को दबाने का असफल प्रयास है’.
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‘डोटासरा जी ने बीसूका उपाध्यक्ष पर काबिज होने के लिए लागू किया ये फॉर्मूला’
कांग्रेस के ‘एक व्यक्ति एक पद’ सिद्धांत को हवा-हवाई बताते हुए राजेन्द्र राठौड़ ने लिखा है कि, ‘अचम्भित करने वाली बात है कि कांग्रेस के इस सिद्धांत के चलते प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटासरा, गुजरात कांग्रेस प्रभारी रघु शर्मा और पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी को मंत्री पद छोड़ना पड़ा था. उसी पार्टी द्वारा अब बीसूका में जिला उपाध्यक्ष की नियुक्ति से यह सिद्धांत हवा-हवाई हो गया है. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा ने बीसूका प्रदेश उपाध्यक्ष पर काबिज होने के लिए नया फॉर्मूला लागू कर दिया है’ राठौड़ ने लिखा कांग्रेस जिलाध्यक्ष इस समिति का बैजा इस्तेमाल करेंगे.