Politalks.News/Rajasthan. विधानसभा में आज उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने मंत्री शांति धारीवाल पर चुटकी लेते हुए उनसे ‘शीश का दान’ देने का आग्रह कर दिया. विधानसभा में पक्ष और विपक्ष में कभी एक दूसरे के खिलाफ तल्ख भाषा से तनाव दिखता है तो कभी विधायकों के शब्द बाण चलते हैं, लेकिन हमेशा ही सदन का माहौल तनावपूर्ण नहीं होता. कभी-कभार सदन में विधायक एक-दूसरे की तारीफ भी करते हैं. हालांकि इस तारीफ के अंदाज़ में भी नेता चुटकियां लेना नहीं छोड़ते, खासकर शेखावटी से आने वाले बीजेपी के दिग्गज नेता राजेन्द्र राठौड़ ऐसा कोई मौका नहीं छोड़ते.
आपको बता दें, विधानसभा के संक्षिप्त सत्र में राज्य सरकार ने 9 विधेयक पास करवाने का बीड़ा उठा रखा है और सीएम गहलोत स्वास्थ्य कारणों की वजह से विधानसभा नहीं आ पा रहे हैं. सदन में सत्ता पक्ष की ओर से फ्लोर मैनेजमेंट और विपक्ष के सवालों का जवाब देने का पूरा बीड़ा उठा रखा है यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने. इस पर प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल की तारीफ की. राठौड़ ने कहा कि, ‘वे धारीवाल के बुद्धि और सामर्थ्य को धन्य मानते हैं’. प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि, ‘इतने छोटे समय के लिए बुलाये गए विधानसभा सत्र में भी आपने 9 विधेयक सदन के पटल पर रख दिए’.
राजेन्द्र राठौड़ ने धारीवाल के हुनर की तारीफ करने के साथ ही चुटकी भी ली. राठौड़ ने कहा कि, ‘इस दुनिया में जो आता है उसको एक ना एक दिन दुनिया छोड़ कर जाना भी होता है. राठौड़ ने धारीवाल को आग्रहपूर्वक कहा कि, ‘जब आप इस दुनिया से रुखसत होने लगो, तो उससे पहले अपने शीश का दान भी कर देना’. राठौड़ ने कहा कि ऐसे शीश का शोध करके यह पता लगाया जाना चाहिए कि इतनी बुद्धि और सामर्थ्य कहां से आया?’
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उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि, ‘मंत्री शांति धारीवाल के बारे में लोगों को पता चलना चाहिए कि इस सदन में भी महाभारत काल के संजय जैसा एक व्यक्ति था, जिसे सभी विभागों के बारे में जानकारी थी’. राठौड़ ने कहा कि, ‘लोगों को यह भी पता लगना चाहिए कि किस तरह एक मंत्री बिना तर्क के ही विधेयक पर हुई बहस का जवाब भी दे दिया करते थे’. राठौड़ ने कहा कि, ‘धारीवाल के शीश के दान की घोषणा से ही यह संभव हो सकता है’. हालांकि इसके साथ ही उन्होंने संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल की लंबी उम्र के लिए भगवान से प्रार्थना भी की.
चुटकी लेते हुए राठौड़ ने कहा कि, ‘मुझे अब तो प्रभारी मंत्री जी पर थोड़ी दया भी आने लगी है, पर बधाई तो दूंगा ही हर विभाग में हर चीज का एक ही उत्तर शांति लाल जी, उसके पीछे में अशांति की बात नहीं करूंगा’. इस पर मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि, मैं शांति कुमार हूं, शांति लाल नहीं. इस पर तपाक से राठौड़ ने कहा- आप मुझे बता दो की लाल और कुमार में क्या अंतर है.
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दुनिया में आज तक एक ही हुआ है शीश का दानी ‘खाटू श्याम’
राजेंद्र राठौड़ ने सदन में चुटकी लेते हुए शांति धारीवाल से उनके शीश का दान करने की बात तो कह दी, लेकिन दुनिया में आज तक एक ही ‘शीश का दानी‘ हुआ है. आपको बता दें, महाभारत काल में ‘शीश के दानी’ का जिक्र घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक के रूप में आता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार महाभारत के युद्ध के समय पांडु पुत्र भीम के पोते और घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक ने कमजोर सेना का साथ देने का संकल्प लिया था, लेकिन श्री कृष्ण ने उसे अपने शीश का दान करने के लिए प्रेरित किया और महाभारत के युद्ध से पहले ही बर्बरीक ने अपने शीश का दान कर दिया था. वहीं, बर्बरीक आज खाटू श्यामजी के रूप में दुनिया भर में मान्यता रखते हैं और लोगों की आस्था का केंद्र बने हुए हैं.