Politalks.news/Maharashtra. इस वक़्त अगर देश की राजनीतिक गलियारों में जिस राज्य की सबसे ज्यादा चर्चा है तो वो महाराष्ट्र. महाराष्ट्र में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की जनआशीर्वाद रैली के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बोले गए अपशब्द के बाद महाराष्ट्र की सियासत गरमा गई. केंद्रीय मंत्री के खिलाफ महाराष्ट्र में जगह-जगह प्रदर्शन किया गया, साथ ही राणे के खिलाफ FIR भी दर्ज कराई गई. जिसके बाद पुलिस ने केंद्रीय मंत्री राणे को चिपलुन से गिरफ्तार किया. लेकिन देर रात करीब 11 बजे नारायण राणे को जमानत मिल गई और उन्होंने राहत की सांस ली. जमानत मिलने के बाद बुधवार को केंद्रीय मंत्री ने प्रेसवार्ता करते हुए ठाकरे सरकार को आड़े हाथ लिया और कहा कि मैं किसी से डरता नहीं हूँ, आज शिवसेना को खड़ा करने में मेरा भी पूरा योगदान है. वहीं राणे की गिरफ़्तारी को लेकर ठाकरे सरकार के एक मंत्री का ऑडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें मंत्री जी राणे को गिरफ्तार करने की बात कह रहे हैं.
जमानत के बाद बोले राणे, ‘मैं किसी से डरता नहीं’
महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के खिलाफ दिए गए बयान के मंगलवार दोपहर को पुलिस ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को गिरफ्तार कर लिया था जिसके बाद देर रात करीब 11 बजे राणे को जमानत मिल गई. जमानत मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री ने एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘मैं किसी से नहीं डरता. राणे ने कहा कि आज बॉम्बे हाई कोर्ट जो फैसला आया है वह मेरे पक्ष में आया है साथ ही महाड में भी मेरे पक्ष में फैसला आया था’. नारायण राणे ने कहा कि, ‘दोस्तों मेरी 17 सितंबर तक अगली सुनवाई है और तब तक मैं कुछ ज्यादा नहीं बोलूंगा’.
उद्धव ठाकरे ने जो विवादित बयान दिया क्या वो अपराध नहीं- राणे
केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे के बयान के बाद उद्धव ठाकरे का भी एक पुराना बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें उद्धव ने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ को चप्पल से मारने की बात कही थी. ठाकरे के इस बयान का जिक्र करते हुए नारायण राणे ने कहा कि, ‘उद्धव ठाकरे ने उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ को कहा था. चप्पल से मारना चहिये, मैं पूछना चाहता हूं कि क्या वो अपराध नहीं था?’. राणे ने आगे उद्धव ठाकरे के अन्य बयानों का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘उद्धव ठाकरे ने एक बार कहा था कि अगर सेना भवन के बारे में कोई कुछ भी बोले तो उसका मुंह तोड़ो, क्या उनके इस बयान पर केस दर्ज नहीं होना चाहिए’. साथ ही साथ उन्होंने अमित शाह के बारे में बयान दिया था
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शिवसेना को खड़ा करने में मेरा भी पूरा योगदान है- राणे
नारायण राणे ने आगे कहा कि, ‘मैं ज्यादा तो कुछ नहीं बोलूंगा लेकिन आप लोग आयें हैं तो मैं बात करूंगा. कुछ लोग मेरे अच्छेपन और मित्रता का फायदा उठाते हैं, ये मेरी समझ में आया है, लेकिन मैं आज कुछ बोलूंगा नहीं. शिवसेना को खड़ा करने में मेरा भी बराबर योगदान है’. राणे ने कहा कि, ‘गिरफ्तारी के बाद भी मेरी जन आशीर्वाद रैली जारी रहेगी’. शुक्रवार को सिंधुदुर्ग जाने की जानकारी देते हुए राणे ने कहा कि, ‘गिरफ्तारी के दौरान पार्टी उनके साथ खड़ी रही’. वहीं देवेंद्र फडणवीस द्वारा राणे के बयान का समर्थन ना किये जाने के सवाल पर राणे ने कहा कि, ‘मैंने कुछ भी गलत नहीं कहा और मैं अपने बयान पर अब भी कायम हूं’. लेकिन यदि देवेंद्र फडणवीस कहते हैं कि, ‘यह गलत है तो मैं स्वीकार कर लूंगा, क्योंकि वह हमारे मार्गदर्शक हैं’.
प्रेससवार्ता के दौरान नारायण राणे ने सुशांत सिंह राजपूत का जिक्र
प्रेससवार्ता के दौरान नारायण राणे सुशांत सिंह राजपूत की मैनेजर दिशा सालियान की मौत का भी मुद्दा उठाया. राणे ने कहा कि मैं दिशा सालियान के मामले को निर्णायक मुकाम तक पहुंचाऊंगा और जब तक दोषियों को सजा नहीं हो जाती मैं चैन से नहीं बैठूंगा. आपको बता दें कि पिछले साल 8 जून को मुंबई की एक बिल्डिंग के 14वें माले से गिरकर दिशा सालियान की मौत हो गई थी. उसके बाद नारायण राणे ने दावा किया था कि दिशा की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उनके प्राइवेट पार्ट्स पर चोट की बात सामने आई थी. वहीं नारायण राणे ने इस पुरे मामले में महराष्ट्र सरकार के एक मंत्री की संलिप्तता का भी जिक्र किया था.
राणे की गिरफ्तारी से पहले शिवसेना नेता का ऑडियो हुआ वायरल
वहीं नारायण राणे की गिरफ्तारी को लेकर ठाकरे सरकार में प्रभारी मंत्री और दिग्गज नेता अनिल परब का ऑडियो वीडियो भी काफी वायरल हो रहा है. अनिल परब के इस वायरल वीडियो में अनिल परब बिना किसी वॉरंट के ही नारायण राणे को गिरफ्तार करने आदेश देते दिख रहे हैं. रत्नागिरी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अनिल परब के पास एक कॉल आया जो की माना जा रहा है की किसी पुलिस अधिकारी का था. अनिल परब इस कॉल पर कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि , ‘क्या कर रहे हो? तुम उसे गिरफ्तार क्यों नहीं कर रहे हो? उसे हिरासत में क्यों नहीं ले रहे हो? तुम्हें ऐसा करना होगा’. अनिल परब आगे ऐसा कहते सुनाई दे रहे हैं कि ‘किस आदेश की वे लोग बात कर रहे हैं. हाई कोर्ट और सेशन कोर्ट ने पहले ही उनकी बेल अर्जी को खारिज कर दिया है. पुलिस फोर्स का इस्तेमाल करो और उन्हें गिरफ्तार करो.’
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वायरल ऑडियो को लेकर कोर्ट जायेगी बीजेपी- पाटिल
अनिल परब के वायरल वीडियो के सामने आने के बाद महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने इस पूरे मामले में कोर्ट जाने की बात कही. प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि, ‘अनिल परब की ओर से पुलिस फोर्स का गलत इस्तेमाल किए जाने के खिलाफ हम कोर्ट जाएंगे. सत्ताधारी पार्टी कानून को अपने हाथ में ले रही है. सरकार पुलिस फोर्स को अपने हाथ में ले रही है. आखिर कोई मंत्री कैसे पुलिस अधिकारियों से यह कह सकता है कि वे तुरंत केंद्रीय मंत्री को फोर्स का इस्तेमाल करते हुए अरेस्ट करें. हम इस मामले में कोर्ट से दखल की मांग करेंगे’.
क्या है पूरा मामला
आइए आपको बताते हैं कि मोदी के मंत्री नारायण राणे ने ऐसा क्या कह दिया जिससे महाराष्ट्र की राजनीति गरमाई हुई है. दरअसल, महाराष्ट्र में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे भाजपा की ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ पर हैं. एक दिन पहले सोमवार को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले मेंं केंद्रीय मंत्री राणे की एक कार्यक्रम के दौरान ‘जुबान‘ फिसल गई. पत्रकारों ने जब उनसे सवाल पूछा कि स्वतंत्रता दिवस के दिन दिए भाषण में उद्धव ठाकरे अमृत महोत्सव या हीरक महोत्सव को लेकर भ्रम में दिखे. इस पर राणे ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा था कि ‘देश को आजादी मिले हुए कितने साल हो चुके हैं, अरे हीरक महोत्सव क्या, मैं होता तो (तमाचा) कान के नीचे लगाता‘. यही नहीं नारायण राणे ने दावा किया कि 15 अगस्त को जनता को संबोधित करते समय ठाकरे यह भूल गए थे कि आजादी को कितने साल पूरे हो गए हैं. राणे ने कहा कि भाषण के बीच में उद्धव ठाकरे अपने सहयोगियों से पूछ रहे थे कि स्वतंत्रता दिवस को कितने साल हुए हैं.