पॉलिटॉक्स न्यूज/दिल्ली. कांग्रेस के प्रमुख राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पेट्रोल-डीज़ल पर एक्ससाइज ड्यूटी बढ़ाने को लेकर केंद्र सरकार को जमकर घेरा और गंभीर आरोप लगाए. सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर जनता से मुनाफाखोरी और जबरन वसूली के गंभीर आरोपों के साथ बीते 6 सालों में 17 लाख करोड़ का टैक्स वसूलने का आरोप भी लगाया. सुरजेवाला ने कोरोना संकट काल में केंद्र सरकार के एक्ससाइज ड्यूटी बढ़ाने के फैसले को आर्थिक राजद्रोह की संज्ञा दी, साथ ही कहा कि मोदी सरकार जबरन वसूली की हर हद को पार कर चुकी है और प्रतिदिन जनता से मुनाफाखोरी की एक नई मिसाल कायम कर रही है. कांग्रेस प्रवक्ता ने 4 प्रमुख बातों के जरिए केंद्र सरकार के पिछले 6 सालों के दौरान वसूले जाने वाले टैक्स, तेल पर बढ़ाये दाम और मंगलवार रात एक्ससाइज ड्यूटी बढ़ाने के बाद साल भर में वसूले जाने वाले एक लाख 40 हजार करोड़ रुपये का विस्तार से ब्यौरा पेश किया.
बुधवार को एक वीडियो प्रेस कॉन्फ्रेेंस करते हुए रणदीप सिंह सुरजेवाला (Randeep Singh Surjewala) ने कहा कि पेट्रोल डीज़ल पर निर्दयी तरीके से टैक्स लगाकर भाजपा सरकार मुनाफाखोरी कर रही है. विपदा के इस समय में जनता की गाढ़ी कमाई को लूटना आर्थिक राजद्रोह है. कोरोना महामारी के इस संकट के काल में जहां पूरी दुनिया की सरकारें जनता की जेब में पैसा डाल रही हैं, वहीं इसके वितरित भारत की सरकार जनता से मुनाफाखोरी और जबरन वसूली की हर रोज एक नई मिसाल कायम कर रही है. मोदी सरकार जबरन वसूली की हर हद को पार कर चुकी है.
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सुरजेवाला ने केंद्र से सवाल पूछा है कि देश की जनता का खून चूसकर अपना खजाना भरना कहां तक सही या तर्क संगत है? उन्होंने मोदी सरकार के आंकड़ों के हिसाब से पिछले 6 साल ब्यौरा देते हुए चार तथ्य भी सामने रखे, जो इस प्रकार हैं…
Special Congress Party Briefing via video conferencing:https://t.co/otbFHV4KBI
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) May 6, 2020
1. 14 मार्च, 2020 को रातों रात पेट्रोल डीज़ल पर 3 रुपया अतिरिक्त टैक्स लगा दिया और कल रात के अंधेरे में करीब 12 बजे पेट्रोल पर 10 रुपये और डीज़ल पर 13 रुपये प्रति लीटर का टैक्स लगा दिया. यानि केवल 48 दिनों में मोदी सरकार ने डीज़ल पर 16 रुपये और पेट्रोल पर 13 रुपये अतिरिक्त टैक्स लगाया. केवल इस टैक्स से 130 करोड़ देशवासियों से एक लाख 40 हजार करोड़ रुपये सालाना लूटा जाएगा.
2. 26 मई, 2014 को जब पीएम मोदी ने कार्यभार संभाला, भारत की तेल कंपनियों को कच्चे तेल की कीमत पड़ती थी 108 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल और देश में तेल की कीमत थी 49.81 रुपये प्रति लीटर. 4 मई, 2020 को देश की तेल कंपनियों को कच्चे तेल की कीमत पड़ी 23.38 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल. इस हिसाब में देश की तेल कंपनियों को कीमत पड़ रही है 11.14 रुपये प्रति लीटर. अब देशवासियों को 11.14 रुपये प्रति लीटर वाला तेल 71.26 रुपये पेट्रोल एवं 59.39 रुपये प्रति लीटर डीज़ल के हिसाब क्यों बेचा जा रहा है?
3. मई, 2014 में डीज़ल पर 3.56 रुपये प्रति लीटर टैक्स वसूली की जाती थी लेकिन साढ़े पांच साल बाद मोदी सरकार में ये बढ़कर 5 मई, 2020 को 31.73 रुपये प्रति लीटर हो गई है. यानि पिछले साढ़े पांच सालों में मोदी सरकार में 28.17 रुपये प्रति लीटर टैक्स बढ़ाया गया है. इसी प्रकार, मई, 2014 में पेट्रोल पर 9.48 रुपये प्रति लीटर टैक्स वसूली की जाती थी जो बढ़कर 4 मई, 2020 को 32.98 रुपये प्रति लीटर हो गई है. यानि बीते साढ़े पांच सालों में 23.50 रुपये टैक्स बढ़ाया गया है.
4. 2014-15 से लेकर 2019-20 तक यानि बीते 6 सालों में भारत की केंद्र सरकार ने 12 बार तेल पर टैक्स बढ़ाया है जिससे 17 लाख करोड़ रुपये सरकार के खातों में जमा हुआ है.
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सुरजेवाला ने ये भी बताया कि ये सभी आंकड़े राजनीतिक न होकर भारत सरकार द्वारा अधिकारिक तौर पर दिए गए हैं. कांग्रेस प्रवक्ता ने मांग की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं सामने आए और इन सभी सवालों का देश की 130 करोड़ जनता को जवाब दें. वे बताएं कि आखिर जनता की जेब से जबरन वसूला गया इतना सारा पैसा कहां गया और उसका पूर्ण विवरण दें.