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लोकसभा चुनाव में शत प्रतिशत सीटें जीतने वाली लोक जनशक्ति पार्टी में फूट पड़ गई है. पार्टी से जुड़े कई वरिष्ठ नेताओं ने बागी तेवर अख्तियार करते हुए नया मोर्चा बनाने का ऐलान किया है. इस मोर्चे में पूर्व सांसद से लेकर राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता तक शामिल हैं. लोजपा के राष्ट्रीय महासचिव सत्यानन्द शर्मा बताया कि वैशाली के पूर्व सांसद रामासिंह समेत पार्टी से नाराज कई वरिष्ठ नेता आज लोजपा का साथ छोड़कर एक नई पार्टी का ऐलान करेंगे. नए दल को लोजपा सेक्यूलर नाम दिया जाएगा.

बागी नेता पटना में दोपहर बाद प्रेस कांफ्रेंस करके नई पार्टी का ऐलान करेंगे. नाराज नेताओं ने लोजपा पर केवल पारिवारिक पार्टी होने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि लोजपा के भीतर पासवान परिवार के अलावा किसी अन्य को अहमियत नहीं दी जाती. रामविलास पासवान को अब दलितों से कोई सरोकार नहीं है. वो वर्तमान में परिवार के विकास के बार में ही सोच रहे हैं. पार्टी के भीतर जमीनी कार्यकर्ता की कोई इज्जत नहीं है. पासवान के इसी रवैये के कारण हम ऐसा कठोर फैसला लेने पर मजबूर हुए हैं.

लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान पर लोकसभा चुनाव के दौरान भी वंशवाद के आरोप लगे थे. इस बार गठबंधन में लोजपा के हिस्से 6 सीटें आई थी. इन 6 सीटों मे से रामविलास पासवान ने 3 सीटों पर तो अपने परिवार के उम्मीदवार उतार दिए थे जिसे लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं के भीतर भारी नाराजगी थी. हालांकि लोजपा कार्यकर्ताओं की नाराजगी के बावजूद मोदी लहर में सभी सीटें जीतने में कामयाब रही.

लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान ने इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था. हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से उनके स्थान पर उनके भाई पशुपति कुमार पारस ने चुनाव लड़ा था. हालांकि लोकसभा सांसद नहीं होने के बावजूद रामविलास पासवान को मोदी कैबिनेट में जगह दी गयी है. उन्हें पीएंम मोदी की तरफ से उपभोक्ता और खाद्य विभाग की जिम्मेदारी मिली है.

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