Politalks.News/Delhi. पिछले कुछ दिनों से आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश तक भाजपा सरकार के खिलाफ ‘ताल ठोक रहे हैं‘. लेकिन अब संजय सिंह को केंद्र और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से टकराना ‘महंगा पड़ गया है‘. बता दें, शुक्रवार को संजय सिंह ने मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा. इससे गुस्साए सीएम योगी ने उन पर लखनऊ में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करा दिया. इसके बाद सांसद संजय सिंह ने अपने ऊपर योगी सरकार द्वारा देशद्रोह का मुकदमा लगाने पर राज्यसभा में सभापति वेंकैया नायडू से शिकायत की. सभापति की ओर से उन्हें उत्तर प्रदेश में न्याय मिलने का आश्वासन दिया गया.
‘यहां तक बात संजय सिंह के पक्ष में जाती हुई दिख रही थी‘. लेकिन इंसान जल्दबाजी में आकर ऐसे कदम उठा लेता है कि उसका सियासी दांव कभी-कभी भारी पड़ जाता है. शनिवार तक योगी सरकार के देशद्रोह पर नामजद किए जाने के बाद आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को कई दलों के नेताओं का समर्थन मिलने से एक कदम और आगे चले गए. रविवार के दिन मोदी सरकार राज्यसभा में किसान विधेयक पारित करा रही थी, उसी दौरान संजय सिंह ने नवनिर्वाचित उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह पर अभद्र टिप्पणी कर दी. यही नहीं उन्होंने उपसभापति के सामने जाकर माइक भी तोड़ दिया था. ‘संजय सिंह के इस बर्ताव को जैसे भाजपा सरकार इंतजार ही कर रही थी‘. अब यहां से भाजपा सरकार संजय सिंह के खिलाफ एक्शन में आ गई.
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आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह पर सख्त कार्रवाई की ‘पटकथा भाजपा सरकार ने रविवार शाम को ही लिख दी थी‘. मोदी सरकार की केंद्रीय मंत्रियों की टीम ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह संदेश दे दिया था कि संजय सिंह द्वारा राज्यसभा में किए गए बर्ताव को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि जहां तक वह जानते हैं ऐसा राज्यसभा और लोकसभा के इतिहास में कभी नहीं हुआ. राज्यसभा में यह बहुत बड़ी घटना है, जो हुआ वह सदन की गरिमा के खिलाफ था.
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, प्रकाश जावडेकर, थावरचंद गहलोत, पीयूष गोयल और प्रह्लाद जोशी भी साथ थे. हालांकि राज्यसभा में हंगामा करने वाले अकेले संजय सिंह नहीं थे बल्कि विपक्ष के सात और सांसद भी शामिल थे. लेकिन संजय सिंह मोदी सरकार के सबसे अधिक निशाने पर रहे. पिछले कुछ महीनों से उत्तर प्रदेश की राजनीति में संजय सिंह की अधिक सक्रियता भाजपा सरकार को पसंद नहीं आ रही है.
मानसून सत्र से सस्पेंड कर केंद्र सरकार ने अकड़ की ढीली-
14 सितंबर से शुरू हुए मानसून सत्र में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने केंद्र और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगा रहे थे. संजय सिंह के इस सियासी दांव को मोदी सरकार दबाने का प्रयास कर रही थी. लेकिन भाजपा को सही समय का इंतजार था. रविवार को जब राज्य सभा में केंद्र सरकार जब कृषि विधायक पारित कर रही थी उसी दौरान आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने उपसभापति पर अभद्र टिप्पणी कर दी है. इस दौरान संजय सिंह इन विधेयकों के विरोध में उप-सभापति की कुर्सी के सामने आकर जोर-जोर से ताली पीटने लगे और बिल का पुरजोर विरोध किया. हंगामे के दौरान सदन के मार्शल संजय सिंह को उठाकर बाहर ले जाने लगे. हालांकि अन्य नेताओं ने इसका विरोध किया और मार्शलों ने संजय सिंह को छोड़ दिया था.
सोमवार सुबह ही उस उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने संजय सिंह को मानसून सत्र से पूरे समय के लिए सस्पेंड कर दिया. हालांकि सभापति ने सात और विपक्षी सांसदों को भी सस्पेंड किया है. निलंबित होने वाले सांसदों में डेरेक ओ ब्रायन, रिपुन बोरा, सैयद नजीर हुसैन, केके रागेश, ए करीम, राजीव साटव, डोला सेन हैं। इन सभी के खिलाफ सभापति ने तल्ख टिप्पणी भी की. उप राष्ट्रपति ने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए बेहद ही खराब दिन है. शीर्ष सदन में बहस के दौरान जनप्रतिनिधियों का आचरण बेहद खराब है.
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वहीं मानसून सत्र से सस्पेंड किए गए सांसद संजय सिंह ने भाजपा सरकार के सभी आरोपों को खारिज कर दिया. संजय सिंह कहा कि भाजपा ने किसानों की मौत के फरमान पर आज हस्ताक्षर किया है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंटकर बिना वोटिंग के सदन में ये काला कानून’ पास कर लिया. संजय सिंह ने कहा कि देश के करोड़ों किसानों के खिलाफ एक काला बिल जबरन संसद में पास कर दिया है.
उत्तर प्रदेश में संजय सिंह पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार–
लखनऊ में देशद्रोह के मामले में नामजद आम आदमी पार्टी से राज्यसभा के सदस्य तथा पार्टी के उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह को एक और बड़े मामले में सजा मिली है. यहां हम आपको बता दें कि संजय सिंह के खिलाफ लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में देशद्रोह का मामला दर्ज है. इस प्रकरण में लखनऊ पुलिस ने संजय सिंह को मानसून सत्र के बाद लखनऊ बुलाया है. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को इस मामले में अपने बयान दर्ज कराने होंगे. माना जा रहा है कि इस प्रकरण में संजय सिंह की गिरफ्तारी तय है.
गौरतलब है कि लखनऊ पुलिस ने 20 सितंबर को आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सदस्य सांसद संजय सिंह को देशद्रोह के मामले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया था, लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा कि संसद का सत्र चल रहा है इसलिए सत्र खत्म होने के दो दिन बाद संजय सिंह अपना बयान दर्ज कराने के लिए आ सकते हैं. दूसरी ओर मानसून सत्र से निलंबित किए गए सांसद रात भर संसद परिसर में ही मोदी सरकार के खिलाफ धरना देने की तैयारी में जुटे हुए हैं. आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया कि किसानों के खिलाफ काला कानून लाने वाली ये भाजपा सरकार उद्योगपतियों के हाथों बिक गई है.