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राजस्थान भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को लिखा पत्र, राठौड़ ने पत्र के माध्यम से पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम द्वारा कोयला खरीद में किए गए भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की, राठौड़ ने पत्र में लिखा- गत कांग्रेस सरकार में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम द्वारा आरटीपीपी एक्ट के नियमों की धज्जियां उडाते हुए मई, 2022 में लगभग 1200 करोड़ रुपए का विदेश से कोयला आयात किए जाने के संस्थागत भ्रष्टाचार की ओर करना चाहता हूं आकर्षित, तत्समय केन्द्र सरकार द्वारा विदेश से कोयला आयात कर मिक्स करने का जारी किया गया था आदेश, जो उन विद्युत संयंत्रों के लिए था जहां निर्धारित क्षमता से अधिक कोयला आता हो उपयोग में, उस समय राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के 80% के बजाए 55% से 65% प्लांट ही थे संचालित, क्योंकि यह समस्त प्लांट अपने पीएलएफ (प्लांट लोड फेक्टर) के लक्ष्य को नहीं कर पा रहे थे पूरा, अर्थात् विद्युत संयंत्रों को आवंटित कोयले का ही नहीं हो पा रहा था पूरा उपयोग, इसके बावजूद तत्कालीन जिम्मेदार अफसरों ने अपने चहेतों को फायदा पहुचाने के उद्देश्य से अनावश्यक रूप से विदेश से कोयला आयात करने का बुना ताना-बाना, आवंटित कोयले के उपयोग में नहीं आने की सूचना उत्पादन निगम को केन्द्र उच्चाधिकारियों ने भ्रष्टाचारपूर्ण तरीके से आरटीपीपी के आधार पर 206 डॉलर मीट्रिक टन सीआईएफ रेट से दे दिया निजी कम्पनी को, तत्समय नियमों को ताक पर रखते हुए सिंगल टेंडर के 5.79 लाख मीट्रिक टन का ऑडर दे दिया अपनी चहेती निजी कंपनियों को, वर्ष 2022-23 में दूसरे राज्यों / एनटीपीसी के आदेशों में कोयले की दरें थी काफी कम, जिस पर तत्कालीन कांग्रेस सरकार के अधिकारियों द्वारा नहीं दिया गया कोई ध्यान और कोयले की गुणवत्ता के पैमाने को नजरअंदाज करते हुए जानबूझकर निजी कम्पनियों से उच्च दरों पर निम्न स्तर का कोयला किया गया आयात, जिससे राज्य को लगभग 500 करोड़ रुपए का उठाना पड़ा नुकसान

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