राजेंद्र राठौड़ ने फिर लिखा सीएम गहलोत को पत्र, प्रवासी श्रमिकों के लिए सरकार के सामने रखीं तीन मांगें

आवागमन का किराया सरकार द्वारा वहन किए जाने सहित निजी चिकित्सालयों को लंबित बकाया राशि का शीघ्र भुगतान की मांग, जीविका चलाने के लिए खाद्य सामग्री वितरित करने का किया अनुरोध

राजेंद्र राठौड़ ने लिखा सीएम गहलोत को पत्र
राजेंद्र राठौड़ ने लिखा सीएम गहलोत को पत्र

पॉलिटॉक्स न्यूज/राजस्थान. विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने शनिवार को देश में लॉकडाउन की वजह से विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों को प्रदेश से भेजे जाने व लाये जाने के साथ ही इनसे जुड़ी आर्थिक समस्याओं को दूर करने, खाद्यान्न सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा आयुष्मान भारत महात्मा गांधी योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है. पत्र में प्रवासी श्रमिकों के आवागमन का किराया सरकार द्वारा वहन करने और जीवन यापन के लिए 5 हजार रुपये के साथ तीन माह का मुफ्त खाद्यान देने की मांग की है. पत्र में मुख्य रूप से तीन मांगों का जिक्र किया गया है.

1. बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ ने पत्र के माध्यम से बताया कि कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते श्रमिकों की क्रय शक्ति करीब करीब समाप्त हो गई है और जीवन यापन के लिए उन्हें आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ऐसी कठिन परिस्थिति में श्रमिक ट्रेन या बस का किराया वहन करने में समर्थ नहीं हैं. ऐसी परिस्थितियों में उपनेता प्रतिपक्ष ने श्रमिकों की दयनीय आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार से मांग की है कि ट्रेन या बस में आवागमन का किराया श्रमिकों से न वसूल कर सरकार द्वारा स्वयं वहन किया जाए.

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2. राठौड़ ने प्रवासी श्रमिकों को तत्काल जीवन यापन हेतु राज्य सरकार द्वारा 5 हजार रुपये प्रति परिवार व 3 माह तक मुफ्त खाद्यान्न के रूप में 50 किलो गेहूं, 5 किलो दाल, 2 किलो तेल देने व विधायक विकास कोष से भी श्रमिकों को खाद्य सामग्री वितरित करने की अनुमति देने की मांग की. चूरू विधायक ने लिखा कि अधिकांश श्रमिक एक वर्ष से अधिक की कालावधि में दूसरे में रह रहे हैं जिनके पास न तो राशन कार्ड है और न ही ये एनएफएसए, बीपीएल, स्टेट बीपीएल व अन्त्योदय योजना में चयनित है. ऐसे में ये श्रमिक राशन डीलरों से रियायती दरों पर खाद्यान्न नहीं ले पा रहे हैं.

3. पत्र में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने राजस्थान में संचालित आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना से जुडे करीब 1025 निजी चिकित्सालयों के लगभग 800 करोड़ रुपये की राशि विगत जनवरी माह से तथा 300 करोड़ रुपये की राशि 31 मार्च, 2019 के बाद की लंबित और 80 हजार मेडिकल क्लेम का भुगतान अतिशीघ्र किए जाने का मांग की है. उन्होंने कहा कि भुगतान नहीं होने की वजह से कोरोना महामारी के संकट के समय निजी चिकित्सालय राज्य सरकार का सहयोग नहीं कर रहे हैं. पूर्व में भारत सरकार और भारतीय बीमा विनिमायक व विकास प्राधिकरण द्वारा भी हैल्थ इंश्योरेंस क्लेम का निस्तारण शीघ्र करने के संबंध में आदेश दिए जा चुके हैं.

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राजेंद्र राठौड़ ने बताया कि राजस्थान के करीब 20-25 लाख निवासी श्रमिक विभिन्न राज्यों में दैनिक श्रमिक के रूप में कार्यरत है और कोरोना महामारी के कारण अपने गृह प्रदेश राजस्थान में लौटना चाहते हैं. इनमें से अब तक 12 लाख श्रमिकों ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है और ये संख्या निश्चित रूप से बढ़ने वाली है. इन श्रमिकों को प्रदेश में आने के बाद राज्य सरकार द्वारा लिये गए निर्णयानुसार 14 दिन के क्वारंटाइन/होम आइसोलेशन में रहना पड़ेगा.

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