राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र का समापन सोमवार को हो गया. बजट सत्र के आखिरी दिन महत्वपूर्ण विधेयक मॉब लिंचिंग के खिलाफ राजस्थान हिंसा से संरक्षण विधेयक-2019 और राजस्थान सम्मान और परंपरा के नाम पर वैवाहिक संबंधों की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप का प्रतिषेध विधेयक-2019 पारित हो गए. इसके साथ ही बीच में मॉब लिंचिंग के खिलाफ विधेयक पर बहस को बीच में रोककर ताबड़तोड़ मंत्रियों, विधायकों का वेतन बढ़ाने संबंधी संशोधन विधेयक भी पारित करा लिया गया, जिसका न किसी ने विरोध किया और नही आपत्ति जताई.
वेतन बढ़ाने संबंधी दो विधेयक राजस्थान मंत्री वेतन (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2019 और राजस्थान विधानसभा (अधिकारियों तथा सदस्यों क परिलब्धियां और पेंशन) (संशोधन) विधेयक 2019 विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के निर्देश पर संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने पेश किए थे. दोनों विधेयक पारित होने में सात मिनट से ज्यादा समय नहीं लगा. इसके बाद मॉब लिंचिग के खिलाफ विधेयक पर बहस फिर बहाल हो गई.
वेतन वृद्धि संशोधन विधेयक पारित होने के बाद विधायकों का वेतन 25 हजार रुपए से बढ़कर 40 हजार रुपए प्रतिमाह हो गया है. निर्वाचन भत्ता 50 हजार से बढ़कर 70 हजार रुपए और विधायकों का दैनिक भत्ता 1500 से बढ़ाकर 2000 रुपए प्रतिदिन कर दिया गया है. राज्य के बाहर यह भत्ता 2500 रुपए प्रतिदिन रहेगा. टेलीफोन भत्ता बढ़ाकर 2500 रुपए कर दिया गया है. निर्वाचन क्षेत्र में भ्रमण के लिए वाहन भत्ता 15 दिन के लिए अधिकतर 45 हजार रुपए प्रतिमाह कर दिया गया है. रेल और हवाई यात्रा के लिए वार्षिक भत्ता दो लाख से बढ़ाकर तीन लाख रुपए किया गया है. मकान किराया 20 हजार से बढ़ाकर 30 हजार रुपए प्रतिमाह कर दिया गया है.
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इससे पहले विधायकों, मंत्रियों का वेतन भत्ता पिछली भाजपा सरकार के दौरान 26 अप्रैल 2017 को बढ़ाया गया था. सोमवार को जो वेतन वृद्धि की गई है, उसके तहत मुख्यमंत्री का वेतन 55 हजार से बढ़कर 75 हजार रुपए, विधानसभा अध्यक्ष का वेतन 50 हजार से बढ़कर 70 हजार रुपए, विधानसभा उपाध्यक्ष का वेतन 45 हजार से बढ़कर 65 हजार रुपए, उप मुख्यमंत्री का वेतन 65 हजार से बढ़कर 80 हजार रुपए, कैबिनेट मंत्री का वेतन 45 हजार से बढ़कर 65 हजार रुपए, राज्यमंत्री का वेतन 42 हजार से बढ़कर 62 हजार रुपए, संसदीय सचिव का वेतन 40 हजार से बढ़कर 60 हजार रुपए, मुख्य सचेतक का वेतन 45 हजार से बढ़कर 65 हजार रुपए, उप मुख्य सचेतक का वेतन 42 हजार से बढ़कर 62 हजार रुपए, नेता प्रतिपक्ष का वेतन 45 हजार से बढ़कर 65 हजार रुपए, उपमंत्री का वेतन 40 हजार से बढ़कर 60 हजार रुपए हो गया है.
विधानसभा अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों का सत्कार भत्ता भी बढ़ा दिया गया है. विधानसभा अध्यक्ष, और नेता प्रतिपक्ष का सत्कार भत्ता 80 हजार रुपए प्रतिमाह होगा. उप मुख्य सचेतक का सत्कार भत्ता 70 हजार रुपए होगा. अध्यक्ष को फर्नीचर के लिए कार्यकाल के दौरान छह लाख रुपए मिलेंगे. उपाध्यक्ष, सरकारी मुख्य सचेतक, उप मुख्य सचेतक, नेता प्रतिपक्ष को फर्नीचर के लिए पांच लाख रुपए मिलेंगे.
मुख्यमंत्री का सत्कार भत्ता 55 से बढ़ाकर 85 हजार रुपए प्रतिमाह हो गया है. उप मुख्यमंत्री, मंत्री, राज्यमंत्री को 80 हजार, संसदीय सचिव को 70 हजार, उप मंत्री को 60 हजार रुपए प्रतिमाह सत्कार भत्ते के रूप में मिलेंगे. मुख्यमंत्री, मंत्री, राज्यमंत्री, उपमंत्री का मकान किराया भत्ता भी 10 हजार से बढ़ाकर 30 हजार रुपए प्रतिमाह कर दिया गया है.