सोमवार पांच अगस्त को राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र का समापन हो गया. विधानसभा का बजट और मानसून सत्र 27 जून से शुरू हुआ था 5 अगस्त तक चलने के बाद अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गया. इस सत्र में 21 दिन विधानसभा की बैठक हुई और कुल 179 घंटे 19 मिनट सदन में कामकाज हुआ. सोमवार शाम विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी. इससे पहले उन्होंने सदन में हुए कामकाज का ब्योरा दिया.
जोशी ने बताया कि इस सत्र के दौरान प्रश्नकाल में सदस्यों से कुल 7292 प्रश्न प्राप्त हुए, जिनमें से 7277 प्रश्न स्वीकृत किए गए. इनमें 3220 तारांकित और 4057 अतारांकित प्रश्न शामिल हैं. कुल 477 तारांकित प्रश्न सूचीबद्ध हुए, जिनमें से 222 प्रश्नों पर सदन में चर्चा हुई. सत्र के दौरान 599 अतरांकित प्रश्न सूचीबद्ध हुए. मदन दिलावर और भरत सिंह कुंदनपुर ने विधानसभा में आधा घंटा बहस की मांग भी की. सदस्यों से प्रक्रिया के नियम 50 के तहत 273 स्थगन प्रस्तावों की सूचना प्राप्त हुई, जिनमें से 64 सदस्यों को स्थगन प्रस्तावों के माध्यम से अपने विचार प्रस्तुत करने की अनुमति दी गई. मंत्रियों ने 22 विषयों पर सरकार की स्थिति स्पष्ट की.
प्रक्रिया के नियम-295 के तहत प्राप्त 190 विशेष उल्लेख की सूचनाएं सदन में पढ़ी गई और पढ़ी हुई मानी गई, जिनमें 75 सूचनाओं के संबंध में राज्य सरकार से जानकारी मिली. इसी प्रकार प्रक्रिया के नियम 119 के तहत लोकहित के विषय के अंतर्गत दो प्रस्ताव मिले, जिनमें से एक प्रस्ताव तथ्यात्मक जानकारी के लिए राज्य सरकार को भेजा गया. 55 सदस्यों ने पर्ची के माध्यम से विषय उठाए, जिनमें से 14 पर राज्य सरकार ने तत्काल स्थिति स्पष्ट की. 639 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव मिले, जिनमें से राज्य सरकार ने 284 का उत्तर दिया. इनमें से 28 प्रस्ताव सदन में संबंधित मंत्री का ध्यान आकर्षित करने के लिए सूचीबद्ध किए गए.
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बजट सत्र के दौरान 10 जुलाई को आय-व्ययक अनुमान वर्ष 2019-20 सदन में पेश किया गया. इस पर चार दिन सामान्य बहस हुई, जिसमें 106 सदस्यों ने भाग लिया. बजट पर कुल 23.13 घंटे बहस हुई. अनुदान मांगों पर 3521 कटौती प्रस्ताव मिले, जिनमें से 2871 सदन में प्रस्तुत किए गए. 650 कटौती प्रस्ताव नामंजूर किए गए. अनुदान मांगों पर विभिन्न तारीखों में होने वाली बहस में भाग लेने वाले विधायकों की संख्या कुल 353 रही.
सत्र के दौरान 15 विधेयक फिर से पेश किए गए. सदन ने 15 विधेयक पारित किए. विधेयकों पर सदस्यों से 175 संशोधन प्रस्ताव मिले, जिनमें से 34 नामंजूर किए गए. 141 संशोधनों को मंजूरी दी गई. पूरे सत्र में कुल 20 गैर सरकारी संकल्प प्राप्त हुए, जिनमें 19 मंजूर किए गए. पांच गैर सरकारी संकल्प सूचीबद्ध किए गए. सूचीबद्ध संकल्पों में कुल आठ संशोधनों की सूचना मिली, जिनमें एक को छोड़कर बाकी सभी मंजूर कर लिए गए.
सत्र के दौरान राज्य में किसानों के कर्ज, पेयजल और बिजली की स्थिति पर 28 जून को सदन में विचार किया गया, जिसमें 22 सदस्यों ने भाग लिया और चार घंटे 29 मिनट की बहस हुई. पेयजल की स्थिति पर सदन में 8 जुलाई को विचार किया गया, जिसमें 52 सदस्यों ने भाग लिया, पांच घंटे 27 मिनट बहस हुई. बिजली की स्थिति पर सदन में नौ जुलाई को विचार हुआ, जिसमें 50 सदस्यों ने छह घंटे 27 मिनट बहस की.
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि राजस्थान विधानसभा का यह बजट सत्र सफल रहा है हालांकि पूरे बजट सत्र के दौरान कुछ एक मुद्दों पर विपक्ष ने कुछ घन्टों का वॉक आउट भी किया जो कि किसी भी विधानसभा सत्र की सामान्य प्रक्रिया कही जा सकती है.