त्योंहारों की शुरुआत से पहले प्रदेश की जनता के लिए सरस बड़ी खुशखबरी लेकर आया है. केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी में राहत देने के बाद अब राजस्थान कोआपरेटिव डेयरी फेडरेशन ने प्रदेश की जनता को बड़ी राहत देते हुए सरस के कई प्रोडक्ट के दामों में 600 रुपए तक घटा दिए हैं. सरस ने डेयरी के घी, पनीर, बटर और टेट्रा पैक दूध की कीमत भी कम की है, जिससे उपभोक्ताओं को निश्चित तौर पर राहत महसूस होगी. भारत सरकार द्वारा पशुधन क्षेत्र में जीएसटी सुधारों के तहत दूध और दूध से बने उत्पादों पर जीएसटी दरें कम करने का सीधा लाभ राजस्थान राज्य के उपभोक्ताओं को मिलेगा. यह लाभ आम उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (RCDF) ने सरस ब्रांड के सभी प्रमुख उत्पादों की कीमतों में 3 रुपए से लेकर 600 रुपए तक की कटौती की है. नई दरें सोमवार से लागू होगी.

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प्रत्येक प्रोडक्ट के दाम पर 5% से 7% तक की कटौती
सरस की सभी डेयरियों में उत्पादित सरस के सभी लोकप्रिय उत्पादों जैसे – घी, बटर, पनीर और फ्लेवर मिल्क आदि की कीमतों में 5% से लेकर 7% तक की कमी की गई है, जिससे उपभोक्ताओं को प्रत्यक्ष आर्थिक राहत मिलेगी.
नई दरें इस प्रकार होगी:-
पनीर (200 ग्राम): ₹77 से घटकर ₹74
पनीर (1 किलो): ₹380 से घटकर ₹362
कोल्ड कॉफी और फ्लेवर मिल्क (200 ml): ₹40 से ₹37
घी (15 किलो टिन): ₹9645 से ₹9045
घी (5 लीटर टिन): ₹2925 से ₹2740
घी (1 लीटर पाउच): ₹588 से ₹551
गाय का घी (1 लीटर): ₹608 से ₹570
टेबल बटर (100 ग्राम): ₹60 से ₹56
टेबल बटर (500 ग्राम): ₹290 से ₹272
टेट्रापैक दूध (शक्ति): ₹74 से ₹71
टेट्रापैक दूध (फिट एन फाइन): ₹66 से ₹64
आइसक्रीम: ₹1 से लेकर ₹99 तक की बचत (वेरिएंट पर निर्भर)
उपभोक्ताओं तक राहत पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी – श्रुति भारद्वाज
राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन के प्रबन्ध संचालक श्रुति भारद्वाज ने इस संबंध में बताया कि भारत सरकार द्वारा किए गए जीएसटी सुधारों का लाभ आमजन तक पहुंचाना हमारा दायित्व है. आरसीडीएफ से संबद्ध सभी ज़िला दुग्ध संघ इस पर तेजी से काम कर रहे हैं. दुग्ध संघों को सरस ब्रांड के सभी उपभोक्ता पैक्स पैट ‘जीएसटी बचत पैक’ अंकित करने के निर्देश दिए जा चुके हैं, ताकि उपभोक्ताओं को तुरंत पता चले कि यह उत्पाद उन्हें सस्ती दर पर मिल रहा है.


इसी प्रकार संघ स्तर पर 22 सितंबर से 21 अक्टूबर के दौरान ‘जीएसटी बचत उत्सव’ भी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है. आरसीडीएफ की यह पहल न केवल उपभोक्ताओं को सीधी आर्थिक राहत देगी, बल्कि सहकारी डेयरी व्यवस्था में पारदर्शिता और भरोसे को भी और मजबूत करेगी.



























