राजस्थान की राजनीति से जुडी बड़ी खबर, नागौर से सांसद और RLP पार्टी के मुखिया हनुमान बेनीवाल ने मंत्री किरोड़ी लाल मीणा को लेकर दिया बड़ा बयान, एक मीडिया चैनल से बात करते हुए बेनीवाल ने किरोड़ी मीणा पर कसा तंज, सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा- किरोड़ी लाल मीणा बीजेपी में गलत चले गए, उस समय मुझे छोड़कर क्यों गए उस वक्त इनको क्या जल्दबाजी हो गई बताओ, बना दिया क्या किरोड़ी मीणा को मुख्यमंत्री बन गए क्या सीएम…उनके साथ तो यही होना था जब उनको पता था कि भारतीय जनता पार्टी किसान विरोधी पार्टी है और जो लड़ाई किरोड़ी लाल मीणा ने 8 से 15 लड़ी राजस्थान में मुझे अकेला छोड़कर वह वापस बीजेपी में चले गए तो सही हो रहा है जो हो रहा है गलत क्या हो रहा है, उनके साथ तो यही होना है अगर मैं जाऊंगा तो मेरे साथ भी यही होगा मेरे साथ तो हुआ था मैं तो बाहर आ गया तो ठीक हुआ, बेनीवाल ने कहा- एनडीए को जब मैंने छोड़ा तब किसानों को शहादत दी मैंने, अगर सारे के सारे लोग यह सोच ले कि मुझे सत्ता में प्राप्ति करनी है तो फिर लड़ेगा कौन? जो किरोड़ी लाल मीणा ने अपने जीवन में सबसे बड़ी भूल करी है और जिस तरह 18 के अंदर गए थे मुझे छोड़कर वापस वापस जो वसुंधरा के पास चले गए मुझे अकेला छोड़कर वह खामियाजा उनको आगे तक भुगतना पड़ेगा, क्योंकि राजस्थान की जनता बार-बार यह चीज याद करती है कि किरोड़ी मीणा क्यों गए बीजेपी वालों के साथ? लोग इनको लड़ते हुए देखना चाहते है, इनके सत्ता भागी में नहीं लिखी है यह मंत्री तक बनेंगे और ज्यादा से ज्यादा यह प्रयास करे तो इनको राज्यपाल बना सकती है बीजेपी, बेनीवाल ने आगे कहा- मुझे नहीं लगता की इनको और कोई मौका राजस्थान में मिलेगा, इनको समय अब भी नहीं खराब करना चाहिए, क्यों की आदमी की उम्र नहीं होती, आदमी कभी भुड्डा भी नहीं होता मजबूत होता है, लड़ना चाहिए इसलिए मैं लड़ाई लड़ रहा हूँ, डॉक्टर साहब को भी मैं आग्रह करूँगा की उनको भी लड़ना चाहिए, रोज-रोज क्या भजनलाल को मैं नहीं मानता, कभी कुछ, कभी कुछ, बयान नहीं बदलने चाहिए, लोग इस बात को देखते है, डॉक्टर साहब बोल रहे है ना कि SI भर्ती रद्द करा दो, क्यों नहीं करवा रहे है? कह रहे है कि मैंने इस्तीफा दे दिया है, इस्तीफा दे दिया है तो दस्तख क्यों कर रहे है, क्यों ट्रांसफर कर रहे है, क्यों सारे काम कर रहे है? छोड़ देना चाहिए, इस्तीफा देने वाला आदमी एक मिनट में बाहर आ जाता है, ऐसा नहीं होता है कि इस्तीफा स्वीकार नहीं होता है