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प्रदेश में गुर्जरों को पांच फीसदी आरक्षण का मामले में सुप्रीम कोर्ट से राजस्थान सरकार को बड़ी राहत मिली है. राजस्थान में गुर्जरों सहित अन्य 5 जातियों को पांच फीसदी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह हाईकोर्ट का अंतरिम आदेश है और कोर्ट इसमें दखल नहीं देगा. बता दें, राजस्थान हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई थी जिसमें हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को गुर्जर आरक्षण मामले में नोटिस तो जारी किया लेकिन आरक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.

गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा राजस्थान पिछड़ा वर्ग संशोधन अधिनियम-2019 के तहत गुर्जर सहित पांच जातियों गाड़िया लुहार, बंजारा, रेबारी व राइका को एमबीसी (अति पिछड़ा वर्ग) में पांच प्रतिशत विशेष आरक्षण देने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है.

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका के बारे में याचिकाकर्ता ने दलील दी कि राज्य सरकार द्वारा गुर्जर सहित अन्य जातियों को 5 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए राज्य में आपात परिस्थितियों को हवाला दिया है जबकि राज्य में ऐसी कोई विषम परिस्थितियां ही नहीं थीं. गुर्जर आंदोलन कर रहे थे और राज्य सरकार ने मजबूरी में उन्हें आरक्षण दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने 50 प्रतिशत की सीलिंग से ज्यादा आरक्षण देने पर रोक लगा रखी थी. ऐसे में एक प्रतिशत आरक्षण ही देय था और वह दिया भी जा रहा था लेकिन राज्य सरकार ने राजस्थान पिछड़ा वर्ग संशोधन अधिनियम- 2019 में गुर्जर सहित पांच जातियों को पांच प्रतिशत आरक्षण उनकी जनसंख्या के अनुपात का हवाला देकर दिया है. संविधान के अनुसार जनगणना के आधार पर आरक्षण देय नहीं है.

 

 

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