rajasthan congress
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राजस्थान कांग्रेस से जुडी बड़ी खबर, विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने सभी सीटों पर उतारे अपने उमीदवार, इसके साथ ही सभी उम्मीदवारों ने दाखिल किए नामांकन, लेकिन चर्चा ऐसी हो रही है जो आने वाले कई दिनों तक रहेगी जारी, 25 सितंबर की घटना को प्रदेश कांग्रेस के नेता ना भूले है और ना ही भूलेंगे, लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने अब इस पर अपना रुख कर दिया है साफ़, 25 सितंबर की घटना को लेकर दिल्ली में कांग्रेस की अदालत में कई दिनों से चल रही थी बैठकें, काफी बहस के बाद कांग्रेस आलाकमान ने अपना फैसला सुना दिया है और लगता है की अब 25 सितंबर की घटना हो चुकी है खत्म, दरअसल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की अदालत ने सीएम गहलोत के करीबी महेश जोशी, धर्मेंद्र राठौड़ को दी है बड़ी सजा, वहीं गहलोत के एक और खास शांति धारीवाल को आलाकमान ने कर दिया बाइज्जत बरी, आलाकमान ने चुनाव में महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ को नहीं दिया है टिकट, लेकिन शांति धारीवाल को दे दिया है टिकट, सीएम गहलोत भी जोड़ी और राठौड़ के टिकट की कर चुके है पैरवी, लेकिन गहलोत नहीं दिला पाए अपने खास को टिकट, ऐसे में एक कहावत है कि राजनीति में जो दिखता है वो होता नहीं, जो होता है वो दिखता नहीं, यह कहावत प्रदेश की राजनीति पर बैठती है बिलकुल सटीक, क्योंकि अगर जोशी और राठौड़ को टिकट नहीं मिला है तो इसके पीछे भी गहलोत ने कुछ ना कुछ तो सोचा होगा!, अगर सरकार बनती है तो राजनीतिक नियुक्तियों में महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ को वरीयता से दिया जाएगा उच्च पद, वहीं चर्चा ऐसी भी है कि आगामी लोकसभा चुनाव में भी पार्टी जोशी और राठौड़ को दे सकती है मौका

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