पॉलिटॉक्स ब्यूरो. प्रदेश आदिवासी कांग्रेस, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अनुसूचित जाति विभाग की ओर से केंद्र की मोदी सरकार के आरक्षण विरोधी रवैये के खिलाफ राजस्थान कांग्रेस ने रविवार को जयपुर के कलेक्ट्रेट सर्किल धरना प्रदर्शन किया. तीन घंटे तक चले इस धरना प्रदर्शन में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ और डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित अन्य कांग्रेसी नेताओं ने भाग लिया. मंच को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार आरएसएस का एजेंडा थोप रही है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी की तरह यह सरकार कब अचानक आरक्षण को खत्म करने की घोषणा कर दे और कहे कि इसे आगे नहीं बढ़ाएंगे, इनका कोई भरोसा नहीं है.
सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र को राजस्थान को रोल मॉडल बनाकर पूरे देश के राज्यों के अंदर प्रमोशन में आरक्षण को लागू करवाने की कोशिश करनी चाहिए. धरना प्रदर्शन के बाद सीएम अशोक गहलोत, डिप्टी सीएम सचिन पायलट व प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे सहित अन्य नेताओं ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल कलराज मिश्र को केंद्र सरकार के नाम एक ज्ञापन सौंपा.
इससे पहले प्रदर्शन स्थल पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान ऐसा राज्य है जिसने पदोन्नति में आरक्षण के फैसले को आसानी से लागू करवा दिया. ऐसे में अब केंद्र को चाहिए कि पदोन्नति में आरक्षण को लागू करवाने को लेकर जो फैसला एआईसीसी ने लिया है इसी तरह संसद में भी एक कानून बनाकर सुनिश्चित करें कि प्रमोशन में आरक्षण मिलना चाहिए. गहलोत ने कहा कि ये मुद्दा एससी/एसटी का नहीं बल्कि संविधान की मूल भावना को बचाने का है.
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मुख्यमंत्री गहलोत ने बताया कि प्रमोशन में आरक्षण को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने राज्यों को संदेश दिया कि आरक्षण को लेकर केंद्र सरकार की मंशा ठीक नहीं है. केंद्र सरकार जिस प्रकार से एजेंडा थोप रही है, यह आरएसएस का है, जिसे भाजपा सरकार में उसके अनुरूप काम होते जा रहे हैं.
राजधानी में हुए इस धरना प्रदर्शन के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर भी जमकर निशाना साधा. सीएए/एनआरसी का हवाला देते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि यूपी के सीएम कहते हैं प्रदर्शनकारी ऐसे नहीं मानेंगे तो गोली से मानेंगे. क्या किसी राज्य का मुख्यमंत्री ऐसा कह सकते हैं? 15 लोग मारकर वे कहते हैं कि आप शांत हो जाइए वरना आपकी संपत्ति जब्त हो जाएगी. इस दौरान सीएम गहलोत ने यूपी सीएम पर पुलिस को डराने और धमकाने का आरोप भी लगाया. उन्होंने जामिया और जेएनयू का यहां उदाहरण देते हुए कहा कि देश में डर का माहौल है. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि अनुसूचित जाति या जनजाति को डर इसलिए लग रहा है कि कहीं केंद्र सरकार अपना एजेंडा जबरदस्ती थोप न दें.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे कहा कि आज भी देश में पिछड़ी जातियों की स्थिति अच्छी नहीं है. उन्हें आज भी हीनता की नजर से देखा जाता है. उच्च जाति के लोग आज भी उनके साथ बैठना और खाना पीना गलत मानते हैं. आरएसएस अगर चाहती है कि आरक्षण समाप्त किया जाए तो पहले समानता लाए और उन्हें छुआ-छूत से बाहर निकाले फिर आरक्षण समाप्त करें. मंच पर सीएम गहलोत ने प्रधानमंत्री मोदी पर चुटकी लेते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अचानक टीवी पर कहा, ‘भाईयो बहिनो, 8 बजे हैं. अब से 500 और एक हजार के नोट बंद’. देश अब तक उस सदमें से बाहर नहीं आ पाया. उद्योग धंधे बंद हो गए. अर्थव्यवस्था सड़क पर आ गई. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के पति खुद सरकार के खिलाफ बोल रहे हैं. लेकिन सरकार ये मुद्दे छोड़ पहले नागरिकता कानून, फिर एनआरसी और एनपीआर और अब आरक्षण पर गुमराह करने का काम कर रही है.
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वहीं धरने को सम्बोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि पूरे देश में ऐसा वातावरण बनाए जाने की कोशिश हो रही है, जिससे एससी-एसटी आरक्षण को समाप्त किया जा सके. यह किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. पांडे ने कहा कि आरएसएस का जो छिपा हुआ एजेंडा था, वो एजेंडा अब सामने आ चुका है. इसी के साथ अविनाश पांडे ने पिछले दिनों जयपुर में हुई राहुल गांधी जन आक्रोश रैली को सफल बनाने के प्रदेश कांग्रेस और जयपुर शहर कांग्रेस का आभार भी जताया.
मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को इस मामले में दखल देना चाहिए. मेघवाल ने कहा कि एससी-एसटी-ओबीसी प्रमोशन में आरक्षण का लाभ मिलता रहेगा, इसे कोई नहीं रोक सकता. इस मौके पर मंत्री मेघवाल ने सीएम गहलोत से विधानसभा में आरक्षण बरकरार रखने को लेकर प्रस्ताव लाने की अपील भी की.
बता दें, जयपुर के कलेक्ट्रेट सर्किल पर हुए इस धरना प्रदर्शन में सीएम गहलोत और पीसीसी चीफ सचिन पायलट के साथ प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे, सहप्रभारी विवेक बंसल, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश और पूर्व मंत्री रामेश्वर डूडी सहित कई मंत्रीगण सहित कई जिलों से आए कांग्रेस के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता शामिल हुए.