पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. प्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव के लिए सियासी बयानबाजी का दौर जारी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार रात बीजेपी पर विधायकों 25 करोड रूपये का लालच देने का आरोप लगाया. इसके साथ ही मुख्य सचेतक महेश जोशी ने एसीबी में शिकायत कर विधायकों को लालच देने वाले लोगों पर कठोर कार्यवाही की मांग की. एसीबी में की गई शिकायत को लेकर राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी ओंकार सिंह लखावत ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि वह गैर कांग्रेसी विधायकों को एसीबी का डर दिखाकर निष्पक्ष चुनाव को प्रभावित कर रही है. वहीं सीएम गहलोत के विधायकों को 25 करोड़ रुपये का लालच देने के आरोप पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने सीएम गहलोत पर जमकर निशाना साधा.
सीएम गहलोत के विधायकों को 25 करोड़ रुपये का लालच देने के बयान पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने पलटवार करते हुए कहा कि सीएम गहलोत के बयानों से ऐसा लगता है वह चिंतित और शंकित हैं. आज प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत नहीं है. इस बात से साबित हो गया है कि सरकार अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रही है. अशोक गहलोत जी को विधायकों से माफ़ी मांगनी चाहिए. क्या सीएम गहलोत को लगता है कि एक विधायक की कीमत है 25 करोड़ है. क्या सीएम गहलोत ने 2 बार राजस्थान में बीएसपी व निर्दलीय विधायकों को ऐसा कुछ दिया था? भाजपा पर उनका आरोप बेबुनियाद है. सीएम गहलोत के पास प्रमाण है तो पेश करें, क्या एसीबी को पत्र विधायकों को डराने के लिए ही है.
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वहीं राजस्थान सरकार में मुख्य सचेतक महेश जोशी ने बुधवार को एसीबी को लिखे पत्र को लेकर कहा कि कांग्रेस ने एसीबी को पत्र लिखा है. पहली बार राजस्थान में ऐसी शिकायत कांग्रेस ने की है इसकी जांच हो रही है. हमने कहा है कि सच्चाई जनता के सामने आनी चाहिए ताकि जनता के सामने बीजेपी को एक्सपोज किया जा सके. जोशी ने आगे कहा कि बीजेपी के पास विधानसभा में संख्या बल नहीं है फिर भी राज्यसभा चुनाव में बीजेपी ने क्यों प्रत्याशी उतारा हैै. राज्यसभा चुनाव में दल बदल कानून लागू होता है. जोशी ने आगे आरोप लगाते हुए कहा कि विधायकों की खरीद फरोख्त के लिए पैसा जयपुर आ गया है लेकिन हम इसे सफल नहीं होने देंगे.
कांग्रेस द्वारा एसीबी को लिखे गए पत्र को लेकर पूर्व सांसद एवं राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी ओंकार सिंह लखावत ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह गैर कांग्रेसी विधायकों को एसीबी का डर दिखा कर निष्पक्ष चुनाव को प्रभावित कर रही है. लखावत ने आगे कहा कि राज्यसभा चुनाव को कोरोना महामारी के प्रभाव को देखते हुए चुनाव आयोग ने पूरे देश में स्थगित किया था. राजस्थान में गहलोत सरकार संवैधानिक संस्थाओं को डराने व प्रभावित करने का कार्य सतत करती आई है.
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पूर्व सांसद लखावत ने गहलोत सरकार से प्रश्न किया कि यदि कोरोना महामारी के दुष्प्रभाव से राज्य सरकार निश्चित थी तो राज्यसभा चुनाव से पहले नगर निगम के चुनाव को स्थगित कराने की बात माननीय उच्च न्यायालय में क्यों रखी. लखावत ने कहा कि अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों को कांग्रेस हमेशा से प्रभावित करने का प्रयास करती है लेकिन अधिकारी जानते हैं कि वे भारत सरकार व संविधान के अनुच्छेद 312 में वर्णित प्रावधानों के अंतर्गत नियुक्त अधिकारी है. वे किसी राजनीतिक पार्टी के प्रति नहीं अपितु संवैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं. चुनाव आयोग राज्य के सत्तारूढ़ दल के गैर संवैधानिक गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करें.