राजस्थान की राजनीति से जुडी बड़ी खबर, भजनलाल सरकार ने आज पेश किया बजट 2025 इस बजट में सरकार ने जनता से किए कई बड़े वादें, वही राजस्थान के बजट 2025 को लेकर नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने दी प्रतिक्रिया, बेनीवाल ने भजनलाल सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा- आज फिर से राजस्थान की जनता को आंकड़ों के मायाजाल में गुमराह करने का किया प्रयास, सांसद हनुमान बेनीवाल ने आपने बयान में कहा- राजस्थान की विधानसभा में आज पेश किए गए बजट में जन -सरोकार व जन -भावना का अभाव नजर आया, राज्य सरकार ने विगत बजट की अधिकतर घोषणाओं को ही पूरा नहीं किया और आज फिर से राजस्थान की जनता को आंकड़ों के मायाजाल में गुमराह करने का प्रयास किया गया बजट भाषण में, आज बजट भाषण में बाजरे का जिक्र वित्त मंत्री ने किया लेकिन दुर्भाग्य इस बात का है कि राजस्थान में बहुतायात में होने वाले बाजरे को एमएसपी के दायरे में होने के बावजूद एमएसपी पर खरीदा नहीं जा रहा है, वहीं विगत बजट के अनुमान के अनुसार राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य भी पूरा नहीं हुआ, बेनीवाल ने आगे कहा- राजस्थान सरकार का वित्तीय कुप्रबंधन जगजाहिर है और बजट को पढ़कर ऐसा लगा कि सरकार ने केवल राज्य को कर्ज के बोझ में लादने के अलावा नहीं किया कोई नया कार्य, बजट से प्रदेश की जनता को बड़ी अपेक्षाएं होती है लेकिन आम आदमी की अपेक्षाओं पर यह आज का बजट खरा नहीं उतरा, सांसद बेनीवाल ने कहा- एक तरफ बजट भाषण में 10 करोड़ पौधे लगाने की घोषणा की गई वहीं दूसरी तरफ कंपनियों द्वारा राजस्थान में खेजड़ी सहित अन्य वृक्षों की अंधाधुंध कटाई पर सरकार खामोश है, वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में महाभारत के शांतिपर्व के श्लोक का उल्लेख करते हुए कहा कि ” राजा को चाहिए कि परिस्थिति और समय के प्रतिकूल प्रजा पर कर का बोझ ना डाले” जबकि मैं उनको स्मरण दिलाना चाहता हूं कि फ्यूल सरचार्ज के नाम पर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के साथ छल करते हुए सरकार की बिजली कम्पनियों द्वारा 1319 करोड़ रुपए की ज्यादा वसूली कर ली गई, इसलिए नैतिकता को ध्यान में रखते हुए ही सरकार को ऐसी बात करनी चाहिए, मगर सरकार ने सत्ता के घमंड में आम आदमी और गरीब वर्ग के हितों को इस बजट में दरकिनार कर दिया है, पेट्रोल -डीजल की कीमतों में कमी लाने तथा महंगाई को नियंत्रित करने का कोई ठोस उपाय सरकार ने नहीं किया, वहीं खनिज नीति में बदलाव करके किसानों को अपनी खातेदारी में छोटे खनन पट्टे देने की बात को भी इस बजट में किया गया नजरअंदाज