प्रदेश की सियासत से जुडी बड़ी खबर, विधानसभा में गुप्त कैमरों के जरिए विपक्ष की कथित जासूसी का मामला लगातार गर्माता जा रहा है, वही अब जासूसी के मसले पर कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने फिर दिया बयान, गहलोत ने मांग करते हुए कहा कि विधानसभा सील कर जांच कराएं राज्यपाल, अशोक गहलोत ने कहा- ये बहुत सीरियस मामला है उसमें जूली साहब अगर गए भी हैं राज्यपाल के पास में आप बताइए दो कैमरा एक्स्ट्रा लगा दिए और उसका जो कंट्रोल सिस्टम है वो स्पीकर साहब ने अपने चैंबर में रखा है, खाली वो खुद देख सकते हैं या उनका प्राइवेट सेक्रेटरी देख सकता है,ये तो बहुत बड़ा क्राइम किया गया है इसको तो जांच होनी चाहिए इसकी तो, आप को क्या अधिकार है कि आप ,दो कैमरे लगे हुए थे पहले से ही, राज्यसभा में, लोकसभा में असेंबली में लगते हैं और पूरा देश देखता है जब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से या जब डिबेट होती है यूट्यूब के माध्यम से सब देख सकते हैं कौन क्या बोल रहा है पर आप अलग कैमरा लगा दो विपक्ष की तरफ, क्या बात कर रहे हैं वो आपस के अंदर, क्या नहीं कर रहे हैं और पूरा स्पीकर के पास में खबर पहुंचती जाए, डोटासरा वाला मामला था यही तो था, हाउस एडजर्न था उस वक्त में, आप इनफॉर्मल कई बार बात करते हैं जुमला बोल देते हैं ये क्या कांग्रेस वाले क्या बीजेपी वाले बोल देते हैं तो क्या आप उन जुमलों को ले के जो हाउस में प्रोसेसिंग में बोला नहीं गया है तब भी आप उसको ले के आप ऐसे कमेंट करवा दो डोटासरा जी पर, ये तो एमएलए बनने लायक ही नहीं है , ये क्या अधिकार है स्पीकर का किसी माननीय सदस्य को कहे तुम माननीय सदस्य बनने लायक नहीं हो, उनकी एब्सेंस में वो भी, एब्सेंस में, ऐसा नहीं है सबके सामने कहा हो वो बात नहीं है पर आपने डिबेट करवा दी कोई कह रहा है पाँच साल के लिए निकाल दो कोई कह रहा है 4 साल के लिए निकाल दो ये जो माहौल बनाया हाउस के अंदर मैं समझता हूं उचित नहीं है इनको सोचना चाहिए था अब जो ये इनकी जांच होनी चाहिए गवर्नर के पास गए ये लोग , गवर्नर को जांच करानी चाहिए, हाउस को चाहिए कि वास्तव में कैमरे क्यों लगे है? कैमरे का पेमेंट किसने किया? क्या हुआ तमाम बातें आ चुकी हैं



























