Politalks.News/Rajasthan. कोरोना संकट के बीच राजस्थान की गहलोत सरकार बेरोजगार युवाओं को बड़ी सौगात देने जा रही है. इसके तहत प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने कांस्टेबल परीक्षा का इंतजार कर रहे 17 लाख अभ्यर्थियों को बड़ी राहत देते हुए परीक्षा की तिथि घोषित कर दी है. इसके साथ ही रीट-2018 लेवल दो के पात्र अभ्यर्थियों की दूसरी वेटिंग लिस्ट जारी करने का निर्देश भी सरकार द्वारा दिया गया है. इसके साथ ही स्कूल शिक्षकों की नियुक्ति का रास्त साफ हो गया है. कनिष्ठ लिपिक भर्ती परीक्षा-2018 की तारीखों का भी जल्द ऐलान किया जाएगा. वहीं अन्य राज्यों की तर्ज पर गहलोत सरकार बड़ा फैसला लेने जा रही है. सूत्रों के अनुसार कांग्रेस सरकार सरकारी नौकरियों में सिर्फ राजस्थान के अभ्यर्थियों को मौका देने की भी तैयारी कर रही है और जल्द ही इस संबंध में प्रस्ताव पेश किया जाएगा.
प्रदेश में लंबे समय से सरकारी नौकरियों में 100 फीसदी स्थानीय युवाओं को ही प्राथमिकता देने की मांग की जा रही है. इस फैसले के बाद पटवारी, तृतीय श्रेणी शिक्षक, पशुधन सहायक, कृषि पर्यवेक्षक, महिला पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी, पूर्व प्राथमिक शिक्षक और लिपिक जैसे भर्तियों में स्थानीय अभ्यर्थियों के अवसर कई गुना बढ़ जाएंगे.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के बेरोजगार युवाओं को लेकर खासी चिंता जताई है. हाल में मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने फैसला लिया था कि सरकारी भर्तियों में केवल मध्यप्रदेश के युवाओं को ही तरजीह दी जाएगी. इसके बाद यह मामला गरमा गया था कि राजस्थान में भी स्थानीय युवाओं को ही प्राथमिकता दी जाए. देश के कई अन्य राज्य में भी इस तरह की व्यवस्थाएं पहले से बनी हुई हैं. इसी काे ध्यान में रखकर उनकी ओर से यह कदम उठाया जा रहा है.
सूत्राें की माने तो सीएम ने माना है कि यदि दूसरे राज्य अपने युवाओं काे प्राथमिकता दे रहे हैं ताे राजस्थान ऐसा क्याें नहीं कर सकता जिससे राज्य के युवाओं के लिए अधिक से अधिक रोजगार के अवसर पैदा किया जा सकें. इसे लेकर मुख्यमंत्री अशाेक गहलाेत ने गुरुवार काे कार्मिक, प्रशासनिक सुधार, विधि सहित अन्य विभागाें के आला अफसराें काे इस पूरे मामले का परीक्षण करने के निर्देश भी दिए हैं.
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प्रदेश में यह मुद्दा कई वर्षों से चल रहा है कि यहां भर्तियों में स्थानीय युवाओं को ही प्राथमिकता दी जाए. प्रदेश में कई तरह की भर्तियां ऐसी हैं, जहां 100% स्थानीय युवाओं को ही प्राथमिकता दिए जाने की जरूरत है, जहां बाहरी युवाओं के मुकाबले स्थानीय युवा अच्छे से और बहुत बेहतर गुणवत्ता के साथ काम कर सकते हैं. पटवारी वाली नियुक्तियों में किसानों से संबंधित काम होते हैं. राजस्थान में जमीन को नापने के लिए जो पैरामीटर होते हैं उन्हें स्थानीय व्यक्ति ही आसानी से समझ सकता है.
इसी तरह ग्राम विकास अधिकारी लोगों को सरकार की व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं की जानकारी देता है. इसके लिए जरूरी है कि उसे स्थानीय भाषा आनी चाहिए ताकि वह लोगों को आसानी से समझा सके. ऐसे में स्थानीय होने पर ये काम आसानी से किए जाते हैं. प्री प्राइमरी से आठवीं कक्षा तक शिक्षक अगर स्थानीय होगा तो वह बच्चों को आसानी से समझा पाएगा.
कांस्टेबल भर्ती परीक्षा की तिथि तय, 17 लाख का इंतजार खत्म
प्रदेश के 17 लाख का अभ्यर्थियों का इंतजार आखिरकार समाप्त करते हुए सरकार ने कांस्टेबल भर्ती परीक्षा की तिथि घोषित कर दी है. कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 6, 7 और 8 नवंबर काे हाेगी. 5,438 पदाें के लिए आयाेजित इस भर्ती परीक्षा में 17 लाख से अधिक आवेदन आए हैं. ऑफलाइन हाेने वाली ये परीक्षा दाे पारियाें में कराई जाएगी. इससे पहले इस परीक्षा को मई में आयाेजित करवाने काे लेकर तैयारियां की गई थीं, लेकिन काेराेना संक्रमण के चलते परीक्षा पहले अगस्त और अब नवंबर में परीक्षा आयाेजित करने काे लेकर सहमति बनी है.
रीट-2018 की वेटिंग लिस्ट होगी जारी, बैकलॉग पद भी भरे जाएंगे
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रीट-2018 परीक्षा लेवल-2 के पात्र अभ्यर्थियों की दूसरी वेटिंग लिस्ट (री-शफल) जारी करने का आदेश दिया है. लिस्ट जारी करने से स्कूल शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति दिए जाने का रास्ता साफ हो जाएगा. कनिष्ठ लिपिक भर्ती परीक्षा-2018 के विज्ञापित पदों में से रिक्त पदों पर भर्ती करने का निर्णय लिया है.
सामान्य एवं अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के विज्ञापित पदों से कम पदों पर भर्ती होने के कारण ये पद रिक्त रहे हैं. सामान्य एवं अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के रिक्त पदों पर अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जाने का फैसला लिया गया है. इसके साथ ही विशेष योग्यजनों के हितार्थ कनिष्ठ लिपिक भर्ती परीक्षा-2018 में दिव्यांगजन के 157 बैकलाॅग पदों पर भी भर्ती करने का निर्णय लिया है.