राहुल गांधी के इस्तीफे को लेकर कांग्रेस के नेताओं की अंतिम कोशिश आज फैल हो गई है. आज यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस सांसदों की एक बैठक में पार्टी के सभी सांसदों ने एक स्वर में राहुल गांधी से इस्तीफा वापिस लेने की गुजारिश की लेकिन राहुल नहीं माने. उन्होंने साफ तौर पर पार्टी सांसदों और यूपीए चैयरपर्सन से कहा कि वह कांग्रेस अध्यक्ष नहीं रहेंगे.
हालांकि कांग्रेस सांसद शशि थरूर और मनीष तिवारी ने राहुल को अध्यक्ष बने रहने के पक्ष में तर्क दिया कि हार सिर्फ आपकी जिम्मेदारी नहीं बल्कि सामूहिक है. इसके बाद भी राहुल गांधी ने हार की नैतिक जिम्मेदारी स्वयं की मानते हुए अध्यक्ष नहीं बल्कि एक सामान्य कार्यकर्ता रहते हुए पार्टी की सेवा करने की बात कही. बता दें, इस बैठक में सभी 52 सांसदों ने शिरकत की थी लेकिन इन सबकी अपील का राहुल गांधी पर कोई असर नहीं हुआ.
राहुल गांधी के इस फैसले के बाद अब पार्टी के नए अध्यक्ष की खोज फिर से तेज हो गई है. इस पद के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, ऐके.एंटनी और केसी वेणुगोपाल सहित कई नेताओं के नाम सामने आए थे. हालांकि एंटनी और वेणुगोपाल इस जिम्मेदारी लेने के लिए पहले ही साफ तौर पर मना कर चुके हैं. प्रियंका गांधी के अध्यक्ष पद की दावेदारी के लिए राहुल गांधी खुद इंकार कर चुके हैं.