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राहुल गांधी लगातार दूसरी दफा राजस्थान में कांग्रेस की एक भी सीट नहीं आने पर बेहद दुखी हैं. लिहाजा राहुल गांधी गहराई में जाकर राजस्थान में हुई करारी हार के असली कारण तलाशने में जुटे है. इसके तहत राहुल गांधी तीन तरीके से हार की पड़ताल कर रहे है.

एक तो उन्होंने बूथवाइज मतदान प्रतिशत की आंकड़े मंगाए है. दूसरे प्रभारी पांडे के जरिए उम्मीदवारों से हार के कारण पूछ रहे है. तीसरा राहुल अपने स्तर पर गुपचुप फीडबैक जुटा रहे है. अब तक प्रभारी 20 सांसदों से लिखित में हार के कारण ले चुके है. 25 जून की राहुल गांधी के पास तीनों तरीके से रिपोर्ट मिल जाएगी.

सीएम और पीसीसी चीफ की गैर-मौजूदगी में प्रत्याशियों से फीडबैक
दिल्ली में अविनाश पांडेय पिछले चार दिन से राजस्थान के कांग्रेस प्रत्याशियों से वन टू वन फीडबैक ले रहे हैं. अब तक करीब 20 प्रत्याशियों से फीडबैक ले चुके हैं. पांडेय बाकायदा प्रत्याशियों से लिखित में हार के कारण ले रहे हैं. अधिकतर प्रत्याशियों ने गुटबाजी,कमजोर रणनीति, मोदी लहर को नहीं भांप पाना और कर्ज माफी घोषणा को हार का कारण बताया है.

लेकिन खास बात है कि राहुल गांधी ने सीएम अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ सचिन पायलट की बिना यह फीडबैक जुटाने के निर्देश पांडेय को दिए थे. क्योंकि राहुल को पता था कि दोनों नेताओं की मौजूदगी में प्रत्याशी सही बात नहीं रख पाएंगे.

हो सकती है कड़ी कार्रवाई
तीनों रिपोर्ट मिलने के बाद राहुल गांधी उनका मिलान करेंगे. रिपोर्ट के बाद राहुल गांधी कड़ा एक्शन ले सकते है. इसके तहत कईं मंत्रियों की मंत्रिमंडल में से छुट्टी हो सकती है तो कईं पदाधिकारियों को हटाया जा सकता है. वहीं विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा सकते है. चुनाव से पहले ही आलाकमान ने कमजोर प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों को अच्छा प्रदर्शन नहीं करने पर हटाने की चेतावनी दे दी थी.

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